Recent

Recent News

जेयू में बायोमेट्रिक पर फिर विवाद, कर्मचारियों ने जताई नाराजगी

ग्वालियर। नईदुनिया प्रतिनिधि जीवाजी यूनिवर्सिटी में बायोमेट्रिक हाजिरी मशीन स्थापित होते ही विवाद शुरू हो गया है। कुलपति के निर्देश हैं कि एक मई से सभी कर्मचारी मशीन से ही हाजिरी लगाएंगे। जबकि कर्मचारियों का कहना है कि जब तक शिक्षकों के लिए इसे अनिवार्य नहीं किया जाता, तब तक वे आदेश का पालन नहीं करेंगे।

जेयू में बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी का मामला पांच माह से लंबित है। चार माह पहले आधा दर्जन बायोमेट्रिक मशीनें खरीदी गई थीं। मशीन आते ही कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि केवल कर्मचारियों के लिए ही यह व्यवस्था क्यों की जा रही है। कॉलेजों में जब शिक्षक मशीन से ही हाजिरी लगा रहे हैं तो फिर जेयू में शिक्षकों को इससे अलग क्यों रखा जा रहा है। इसी विवाद के चलते मशीनें डिब्बों से बाहर नहीं आ सकी थीं। अब हाल ही में कुलपति की सख्ती के बाद मशीनें स्थापित कर दी गइर् और कर्मचारियों के आधार कार्ड का डाटा जुटाया जाने लगा। अब कुलपति के निर्देश हैं कि एक मई से मशीन से ही हाजिरी लगाई जाए। इससे कर्मचारी फिर लामबंद हो गए हैं। वे विश्वविद्यालय के नियमों का हवाला दे रहे हैं।
दूसरा प्रयास है
जेयू में बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी का यह दूसरा प्रयास है। छह साल पहले भी जेयू ने कर्मचारियों के लिए मशीनें लगाई थीं। इस दौरान ज्यादातर कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था। सख्ती के बाद उन्होंने हाजिरी तो शुरू कर दी, लेकिन बार-बार मशीनें खराब होती रहीं। इसलिए मैन्युअल व्यवस्था चालू रखी गई। इसके बाद धीरे-धीरे मशीनें खराब हो गईं तो व्यवस्था बंद कर दी गई। मशीन से हाजिरी न लगाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी जेयू ने कठोर निर्णय नहीं लिए।
इनका कहना है
हम शिक्षकों के लिए भी बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी की व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं। पहले कर्मचारियों के लिए 1 मई से इसे अनिवार्य किया जा रहा है। कर्मचारियों का विरोध हम सहन नहीं करेंगे।
प्रो. संगीता शुक्ला, कुलपति
नियम समान हैं
विवि अध्यादेश में विश्वविद्यालय कर्मचारी से अभिप्राय अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारियों से है। इसलिए नियम सभी के लिए समान हैं। अकेले कर्मचारियों पर ही अविश्वास क्यों है। शिक्षक व अधिकारियों को मशीन से हाजिरी में छूट क्यों दी जा रही है। शासन ने कॉलेजों में भी शिक्षकों के लिए मशीन से हाजिरी अनिवार्य कर दी है।
डॉ. दीपक वर्मा, सचिव, जेयू तृतीय श्रेणी कर्मचारी संघ

Facebook

Comments

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();