विक्रम यूनिवर्सिटी में कन्फर्मेशन का मुद्दा एक बार फिर उछला है।
यूनिवर्सिटी में साल 2007 में हुई नियुक्तियों के बाद से ही कई शिक्षक
परीवीक्षा अवधि में ही चल रहे हैं। इस मामले में अब शिक्षक संघ ने पहल करते
हुए कुलपति कार्यालय में एक पत्र देकर शिक्षकों से जुड़ी अन्य समस्याओं को
भी शामिल करते हुए सात दिन का अल्टीमेटम दिया है।
अगर सात दिनों में शिक्षक संघ के इस पत्र में दी गई मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो राज्यपाल व उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र लिखे जाएंगे।
यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ. कनिया मेड़ा के अनुसार नियमानुसार दो साल में समाप्त होने वाली परीवीक्षा अवधि को लगभग नौ साल भी समाप्त नहीं किया गया है। जिसके कारण शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा पदोन्नति आैर अर्जित अवकाश के मामलों में भी शिक्षकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इसी को लेकर कुलपति कार्यालय में एक पत्र दिया गया है। यदि यूनिवर्सिटी प्रशासन इन समस्याओं को हल करने के लिए एक सप्ताह के भीतर कोई कदम नहीं उठाता है तो हम समस्त शिक्षकों को कुलाधिपति व उच्च शिक्षा विभाग से निवेदन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
अगर सात दिनों में शिक्षक संघ के इस पत्र में दी गई मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो राज्यपाल व उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र लिखे जाएंगे।
यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ. कनिया मेड़ा के अनुसार नियमानुसार दो साल में समाप्त होने वाली परीवीक्षा अवधि को लगभग नौ साल भी समाप्त नहीं किया गया है। जिसके कारण शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा पदोन्नति आैर अर्जित अवकाश के मामलों में भी शिक्षकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इसी को लेकर कुलपति कार्यालय में एक पत्र दिया गया है। यदि यूनिवर्सिटी प्रशासन इन समस्याओं को हल करने के लिए एक सप्ताह के भीतर कोई कदम नहीं उठाता है तो हम समस्त शिक्षकों को कुलाधिपति व उच्च शिक्षा विभाग से निवेदन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।