ऐसे शिक्षक जो शहरी क्षेत्रों के उन स्कूलों में पदस्थ हैं जहां न तो उनके विषय के अनुसार पद हैं, न ही पर्याप्त बच्चे हैं। इन स्कूलों में काम कर रहे ये अतिशेष शिक्षकों को गांवों के स्कूलों में भेजा जाएगा। शिक्षकों के तबादलों से पहले शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की संख्या और विषय के हिसाब से शिक्षकों का युक्तीयुक्तकरण करने की गाइडलाइन जारी कर दी है।
इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शहरों में जो अतिशेष शिक्षक कार्यरत हैं उन्हें गांवों में ट्रांसफर किया जाएगा। इंदौर जिले में हजार से अधिक अतिशेष शिक्षक हैं। हालांकि गांवों से शहरों के स्कूलों में तबादले नहीं होंगे। गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे स्कूल जहां पहले से ही सहायक शिक्षक या सहायक अध्यापक नियुक्त हैं, वहां यह देखा जाएगा कि कौन सा शिक्षक किसी विषय में स्नातक है। उनकी पदस्थापना इसी मुताबिक की जाएगी। जो शिक्षक या अध्यापक स्नातक नहीं है उनकी पदस्थापना प्राइमरी स्कूल में की जाएगी।
ऑनलाइन होगा युक्तियुक्तकरण
पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अब युक्तियुक्तकरण ऑनलाइन होगा। शिक्षक संवर्ग को जिले के उन क्षेत्रों में पदस्थ किया जाएगा जहां जरूरत है। शिक्षकों की नई पदस्थापना इसी प्रक्रिया से होगी।
गांवों में इसलिए गिर रहा शिक्षा का स्तर
सूत्रों के मुताबिक गांवों के शिक्षकों ने किसी तरह एप्रोच लगाकर शहर के ऐसे स्कूलों में भी पदस्थापना करा ली है जहां उनके मुताबिक पद खाली नहीं हैं। इसीलिए गांवों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है। इंदौर के आसपास भी तकरीबन 352 ऐसे स्कूल हैं जहां सिंगल टीचर है।
60 छात्रों पर दो शिक्षक होना अनिवार्य
आरटीई एक्ट के मुताबिक प्राथमिक स्कूलों में 60 बच्चे होने पर दो शिक्षक हों
61 से 90 छात्रों पर तीन शिक्षक हों
91 से 120 छात्र होने पर चार और 121 से 200 की संख्या होने पर पांच शिक्षक हों
150 से अधिक विद्यार्थी होने पर पांच शिक्षक और प्रधानाचार्य हो
15 अप्रैल तक ई-सेवा पुस्तिका का अपडेशन होगा
20 अप्रैल तक पोर्टल पर अपलोड की जाएगी अतिशेष शिक्षकों की सूची
21 से 27 अप्रैल तक कर सकेंगे दावे
30 अप्रैल को दावों व आपत्तियों के निराकरण के बाद फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी
1 से 5 मई तक अतिशेष शिक्षकों द्वारा पोर्टल पर विकल्प प्रस्तुत किए जाना हैं
6 से 10 मई के बीच जारी होगी पदस्थापना की सूची
इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शहरों में जो अतिशेष शिक्षक कार्यरत हैं उन्हें गांवों में ट्रांसफर किया जाएगा। इंदौर जिले में हजार से अधिक अतिशेष शिक्षक हैं। हालांकि गांवों से शहरों के स्कूलों में तबादले नहीं होंगे। गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे स्कूल जहां पहले से ही सहायक शिक्षक या सहायक अध्यापक नियुक्त हैं, वहां यह देखा जाएगा कि कौन सा शिक्षक किसी विषय में स्नातक है। उनकी पदस्थापना इसी मुताबिक की जाएगी। जो शिक्षक या अध्यापक स्नातक नहीं है उनकी पदस्थापना प्राइमरी स्कूल में की जाएगी।
ऑनलाइन होगा युक्तियुक्तकरण
पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अब युक्तियुक्तकरण ऑनलाइन होगा। शिक्षक संवर्ग को जिले के उन क्षेत्रों में पदस्थ किया जाएगा जहां जरूरत है। शिक्षकों की नई पदस्थापना इसी प्रक्रिया से होगी।
गांवों में इसलिए गिर रहा शिक्षा का स्तर
सूत्रों के मुताबिक गांवों के शिक्षकों ने किसी तरह एप्रोच लगाकर शहर के ऐसे स्कूलों में भी पदस्थापना करा ली है जहां उनके मुताबिक पद खाली नहीं हैं। इसीलिए गांवों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है। इंदौर के आसपास भी तकरीबन 352 ऐसे स्कूल हैं जहां सिंगल टीचर है।
60 छात्रों पर दो शिक्षक होना अनिवार्य
आरटीई एक्ट के मुताबिक प्राथमिक स्कूलों में 60 बच्चे होने पर दो शिक्षक हों
61 से 90 छात्रों पर तीन शिक्षक हों
91 से 120 छात्र होने पर चार और 121 से 200 की संख्या होने पर पांच शिक्षक हों
150 से अधिक विद्यार्थी होने पर पांच शिक्षक और प्रधानाचार्य हो
15 अप्रैल तक ई-सेवा पुस्तिका का अपडेशन होगा
20 अप्रैल तक पोर्टल पर अपलोड की जाएगी अतिशेष शिक्षकों की सूची
21 से 27 अप्रैल तक कर सकेंगे दावे
30 अप्रैल को दावों व आपत्तियों के निराकरण के बाद फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी
1 से 5 मई तक अतिशेष शिक्षकों द्वारा पोर्टल पर विकल्प प्रस्तुत किए जाना हैं
6 से 10 मई के बीच जारी होगी पदस्थापना की सूची