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प्रोजेक्ट बनाने के नाम पर अतिथि शिक्षक ने विद्यार्थियों से वसूले रुपए, परीक्षक ने पकड़ा

साइंस एंड आर्टस कॉलेज में प्रोजेक्ट बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। विक्रम विश्वविद्यालय से आए परीक्षक ने यह गलती पकड़ ली। इससे परीक्षा निरस्त कर दी है। यह 25 अप्रैल को होगी।


मंगलवार सुबह कम्प्यूटर साइंस के सिक्सथ सेमेस्टर के प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन था। सुबह 10 बजे प्रेजेंटेशन शुरू हुआ। विक्रम विश्विद्यालय से आए परीक्षण प्रो. कमल बुनकर ने प्रोजेक्ट की जांच की। उन्हें सभी प्रोजेक्ट एक जैसे मिले। शंका पर स्टूडेंट से पूछा लेकिन जवाब नहीं मिला। बाद में स्टूडेंट ने बताया- हां, हमने नहीं बनाए। प्रोजेक्ट पालीवाल सर (राजीव पालीवाल अतिथि विद्वान) ने बनाए हैं। सर ने हम पर दबाव डाला था मुझसे ही प्रोजेक्ट लेना पड़ेगा। हमें फेल ना कर दें इसलिए हमने उनसे प्रोजेक्ट लिए। इसके लिए उन्होंने 1800-1800 रुपए भी लिए। परीक्षक ने विभाग प्रभारी प्रो. वी. शास्त्री से पालीवाल के बारे में पूछा तो पता चला वे छुट्टी पर हैं। परीक्षक बुकर ने साफ कहा- मैं ऐसी परीक्षा नहीं लूंगा। इससे परीक्षा निरस्त करना पड़ी।

अतिथि विद्वान को हटाएंगे

प्राचार्य डॉ. संजय वाते का कहना है स्टूडेंट से लिखित में ले लिया है। संबंधित को नोटिस दिया जाएगा। जांच कराकर संबंधित अतिथि विद्वान को हटाया जाएगा।

परीक्षा निरस्त कर दी है, जांचकर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी

कम्प्यूटर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. वी. शास्त्री ने बताया कम्प्यूटर साइंस का प्रजेंटेशन था। विक्रम विश्वविद्यालय से परीक्षक आए थे। उन्हें सभी बच्चों के प्रोजेक्ट एक से मिले। बच्चों ने प्रोजेक्ट के लिए दबाव बनाने की शिकायत की है। इसलिए परीक्षा निरस्त कर दी है। अब 25 अप्रैल को प्रजेंटेशन होगा। जांच की जा रही है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

एबीवीपी ने की प्राचार्य को शिकायत

एबीवीपी ने दोपहर में विरोध जताया व शिकायत प्राचार्य डॉ. संजय वाते से की। एबीवीपी के जिला स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट जगदीश पाटीदार ने बताया बच्चों पर प्रोजेक्ट लेने का दबाव बनाया जा रहा है। फेल करने की धमकी देते हुए प्रोजेक्ट के नाम से 53 बच्चों से 1800-1800 रुपए लिए, जो गलत है। इसकी जांच कर संबंधित अतिथि विद्वान पर कार्रवाई की जाए। प्राचार्य ने जांचकर कार्रवाई का भरोसा दिया। एबीवीपी के पदाधिकारी पालीवाल के राजेंद्रनगर स्थित घर भी पहुंचे लेकिन वे नहीं मिले। नगर निगम की राजस्व समिति प्रभारी मंगल लोढ़ा ने भी इसकी शिकायत प्राचार्य से की। लोढ़ा ने बताया परीक्षक के चौकन्ना रहने के कारण ही यह फर्जीवाड़ा व अवैध वसूली पकड़ाई।

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