आष्टा। बधो खुलकर बात करे इसके लिए स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से
शिकायत पेटियां पुनः लगवाई जाएगी। उनकी सुरक्षा पुख्ता करने व उनके मन की
बात जो शेयर हो सके उसके लिए यह प्रयास पुनः किया जा रहा है। क्योंकि बधो
स्कूलों में खुलकर कुछ भी नहीं कह पाते हैं। उन्हें जानने के लिए
मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर यह शुरुआत की जाएगी।
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार समूचे प्रदेश के करीब डेढ़ लाख स्कूलों में शिकायत पेटी लगवाई जाएगी, जिसमें शासकीय व प्रायवेट स्कूल भी शामिल हैं। यह पेटियां हर 15 दिन में खोली जाएगी। पालक, शिक्षक संघ के सदस्यों सहित बाल कल्याण संघ के सदस्यों सहित बधाों की चिट्ठियों को पढ़ेंगे।
ऐसे स्थान पर लगाएं पेटी जो नजर आएं
स्कूल परिसर में यह शिकायत पेटियां ऐसी जगहों पर लगाई जाएंगी जहां से बधो की पहुंच आसानी से हो सके। समय-समय पर बधाों को यह भी बताया जाएगा कि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी है तो कागज पर पूरी बात लिखकर शिकायत पेटी में डाले। यहां तक की शिक्षक, स्कूल स्टाफ, सहपाठी या सीनियर छात्र से किसी तरह की परेशानी है तो उसकी शिकायत भी लिख सकते है। जो शिकायते गंभीर पाई जाएंगी। उन पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई भी की जाएगी।
जनप्रतिनिधि भी रहेंगे समिति में।
बधाो की इन चिट्ठियों को पढ़ने और इनके निराकरण के लिए जो समिति बनाई जाएगी उसमें प्राचार्य, एक जनप्रतिनिधि और एक गणमान्य नागरिक शामिल रहेंगे। समिति में एक अध्यक्ष और चार सदस्य भी रहेंगे।
कैसे होगा निराकरण
सूत्रों के अनुसार बालक शिक्षक संघ के सदस्यों को कहा जाएगा कि वे स्कूल प्रबंधन को बताएं। यहां से यह सूचना बीआरसी को दी जाएगी। गंभीर मामले आयोग के सामने लाए जाएंगे। शिक्षा अधिकारियों को इसका फारमेट भी भेजा गया है।
गंभीर परेशानियों से बचेंगें बधो
प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने इस मामले को गंभीरता से लेकर कहा है कि खास तौर पर छोटे बधो अपनी परेशानियां बांट नही पाते है। जिसके कारण वे परेशान होते है। शिकायत पेटी से यह फायदा होगा कि जो बात वे कह नही पाते है उसे लिखकर पेटी में डाल देगे तो उनकी समस्या का निराकरण भी होगा।
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार समूचे प्रदेश के करीब डेढ़ लाख स्कूलों में शिकायत पेटी लगवाई जाएगी, जिसमें शासकीय व प्रायवेट स्कूल भी शामिल हैं। यह पेटियां हर 15 दिन में खोली जाएगी। पालक, शिक्षक संघ के सदस्यों सहित बाल कल्याण संघ के सदस्यों सहित बधाों की चिट्ठियों को पढ़ेंगे।
ऐसे स्थान पर लगाएं पेटी जो नजर आएं
स्कूल परिसर में यह शिकायत पेटियां ऐसी जगहों पर लगाई जाएंगी जहां से बधो की पहुंच आसानी से हो सके। समय-समय पर बधाों को यह भी बताया जाएगा कि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी है तो कागज पर पूरी बात लिखकर शिकायत पेटी में डाले। यहां तक की शिक्षक, स्कूल स्टाफ, सहपाठी या सीनियर छात्र से किसी तरह की परेशानी है तो उसकी शिकायत भी लिख सकते है। जो शिकायते गंभीर पाई जाएंगी। उन पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई भी की जाएगी।
जनप्रतिनिधि भी रहेंगे समिति में।
बधाो की इन चिट्ठियों को पढ़ने और इनके निराकरण के लिए जो समिति बनाई जाएगी उसमें प्राचार्य, एक जनप्रतिनिधि और एक गणमान्य नागरिक शामिल रहेंगे। समिति में एक अध्यक्ष और चार सदस्य भी रहेंगे।
कैसे होगा निराकरण
सूत्रों के अनुसार बालक शिक्षक संघ के सदस्यों को कहा जाएगा कि वे स्कूल प्रबंधन को बताएं। यहां से यह सूचना बीआरसी को दी जाएगी। गंभीर मामले आयोग के सामने लाए जाएंगे। शिक्षा अधिकारियों को इसका फारमेट भी भेजा गया है।
गंभीर परेशानियों से बचेंगें बधो
प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने इस मामले को गंभीरता से लेकर कहा है कि खास तौर पर छोटे बधो अपनी परेशानियां बांट नही पाते है। जिसके कारण वे परेशान होते है। शिकायत पेटी से यह फायदा होगा कि जो बात वे कह नही पाते है उसे लिखकर पेटी में डाल देगे तो उनकी समस्या का निराकरण भी होगा।