मप्र कर्मचारी कांग्रेस ने सोमवार को कलेक्टोरेट के सामने धरना प्रदर्शन कर रैली निकाली। इस दौरान जिलाध्यक्ष सुश्री शकुंतला शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम 30 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। इसमें जिला अध्यक्ष शकुंतला शर्मा ने बताया संघ अपनी मांगों को लेकर काफी समय से संघर्षरत है।
शासन इन पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं ले रहा है। कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष केएल ठाकुर ने कहा विभागाध्यक्ष, जिला एवं तहसील स्तर पर गठित संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठकें अनिवार्य रूप से नहीं हो रही है। ऐसी स्थित में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन सौंपते समय तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सुंदरलाल चौरे, लिपिक वर्ग संघ से एमके भटकरे, दैवेभो संघ से वंदना पारधे, अपाक्स से एसआर केवटे, अजाक्स से अनिल कापसे, शिक्षक अध्यापक महासंघ से सोहनलाल राठौर, जयवंती ढोलेकर, प्रमीला राजने, वंदना पारधे, रिता बेलकर, जाग्रति बिसंद्रे मौजूद थे।
ये हैं प्रमुख मांगें
इस 30 सूत्रीय ज्ञापन में प्रमुख रूप से वेतनमान 5000-8000 एवं 5500-9000 में ग्रेड पे रुपए 3200 और 3600 के स्थान पर केंद्र सरकार और छग सरकार के समान ग्रेड पे रुपए 4200 की जाए। वेतनमान रुपए 6500-10500 में ग्रेड पे रुपए 4200 के स्थान पर 4800 दी जाए।
दुग्ध महासंघ में ठेका श्रमिकों की सेवाएं नियमित की जाए। 51 सूत्रीय मांगों को लेकर दिए आश्वासन को पूर्ण करे, अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू वृत्तिकर समाप्त किए जाए।
सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से 65 वर्ष की जाए, 2003 से 2012 तक एरियर राशि का नकद भुगतान किया जाए। अग्रवाल वेतन आयोग की कर्मचारी हितैषी मांगों को लागू किया जाए।
दैवेभो कर्मचारियों से नियमित हुए कर्मचारियों के द्वारा की गई सेवा पेंशन के लिए गणना में लिया जाए, पेंशनर्स को एरियर्स का भुगतान किया जाए।
अध्यापकों को नियमित कर्मचारी के समान वेतनमान और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।
शिक्षकों को केंद्र के समान वेतनमान दिया जाए, लिपिकों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए
अध्यापक सवंर्ग की स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति जारी की जाए, अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए, संविदा शाला शिक्षकों का वेतन दो गुना किया जाए।
अध्यापक संवर्ग के शिक्षक की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति में बीटीआई., बीएड की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
शासन इन पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं ले रहा है। कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष केएल ठाकुर ने कहा विभागाध्यक्ष, जिला एवं तहसील स्तर पर गठित संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठकें अनिवार्य रूप से नहीं हो रही है। ऐसी स्थित में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन सौंपते समय तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सुंदरलाल चौरे, लिपिक वर्ग संघ से एमके भटकरे, दैवेभो संघ से वंदना पारधे, अपाक्स से एसआर केवटे, अजाक्स से अनिल कापसे, शिक्षक अध्यापक महासंघ से सोहनलाल राठौर, जयवंती ढोलेकर, प्रमीला राजने, वंदना पारधे, रिता बेलकर, जाग्रति बिसंद्रे मौजूद थे।
ये हैं प्रमुख मांगें
इस 30 सूत्रीय ज्ञापन में प्रमुख रूप से वेतनमान 5000-8000 एवं 5500-9000 में ग्रेड पे रुपए 3200 और 3600 के स्थान पर केंद्र सरकार और छग सरकार के समान ग्रेड पे रुपए 4200 की जाए। वेतनमान रुपए 6500-10500 में ग्रेड पे रुपए 4200 के स्थान पर 4800 दी जाए।
दुग्ध महासंघ में ठेका श्रमिकों की सेवाएं नियमित की जाए। 51 सूत्रीय मांगों को लेकर दिए आश्वासन को पूर्ण करे, अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू वृत्तिकर समाप्त किए जाए।
सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से 65 वर्ष की जाए, 2003 से 2012 तक एरियर राशि का नकद भुगतान किया जाए। अग्रवाल वेतन आयोग की कर्मचारी हितैषी मांगों को लागू किया जाए।
दैवेभो कर्मचारियों से नियमित हुए कर्मचारियों के द्वारा की गई सेवा पेंशन के लिए गणना में लिया जाए, पेंशनर्स को एरियर्स का भुगतान किया जाए।
अध्यापकों को नियमित कर्मचारी के समान वेतनमान और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।
शिक्षकों को केंद्र के समान वेतनमान दिया जाए, लिपिकों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए
अध्यापक सवंर्ग की स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति जारी की जाए, अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए, संविदा शाला शिक्षकों का वेतन दो गुना किया जाए।
अध्यापक संवर्ग के शिक्षक की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति में बीटीआई., बीएड की अनिवार्यता समाप्त की जाए।