भास्कर संवाददाता | सागर अंध मूक बधिर शाला में छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले सामाजिक न्याय विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर छेदीलाल पंथारी तबादला होने के बाद भी छात्रों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। दो दिन पहले जेडी पंथारी प्रभारी अधीक्षक को आदेश जारी करते हुए छात्रावास परिसर में बने स्कूल में एक बारात रुकवाने के आदेश दिए थे।
इसके बाद करीब दो घंटे तक बारातियों ने परिसर में बैंड-बाजों के साथ धमाचौकड़ी की। हैरानी की बात तो यह है कि दो दिन बाद ही दिव्यांग बच्चों की परीक्षा शुरू होना थी, यह बात जानते हुए भी जेडी ने परिसर में बारात रुकवा दी।
दिव्यांग छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार करने की शिकायत मिलने शासन ने 21 फरवरी को ज्वाइंट डायरेक्टर छेदीलाल पंथारी का तबादला उज्जैन करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन अब तक इन्हें रिलीव नहीं किया गया। वहीं शाला में अव्यवस्थाओं और शिक्षकों के व्यवहार को लेकर मिली शिकायत के आधार पर कलेक्टर विकास नरवाल ने शिक्षक शोभा धूपड़ और श्रवण धूपड़ को निलंबित और अधीक्षक गोकुल सूर्यवंशी का तबादला तो कर दिया लेकिन प्रभारी अधीक्षक के अलावा दूसरे शिक्षकों को भेजने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
21 फरवरी को हो चुका है तबादला, लेकिन रिलीविंग अब तक नहीं
बैंड-बाजों के शोर से परेशान होते रहे दिव्यांग : अंध-मूक बधिर छात्रावास में रहने वाले नेत्रहीन बच्चे ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनकर पढ़ाई करते हैं। ऐसे में छात्रावास परिसर में बारात रुकने के कारण करीब दो घंटे तक दिव्यांग बच्चे बैंड बाजों के शोर से परेशान होते रहे और बच्चे पढा़ई नहीं कर सके।
यह है आदेश
जानकारी के अनुसार अंध-मूक बधिर शाला में 28 फरवरी को बारात रोकने के लिए गोपालगंज निवासी जगदीश तिवारी ने पहले अधीक्षक को आवेदन दिया था। इस पर प्रभारी अधीक्षक आबिद खान ने आपत्ति जताते हुए उन्हें स्कूल का कमरा देने से इंकार कर दिया। इसके बाद आवेदक संयुक्त संचालक छेदीलाल पंथारी के पास पहुंचे, जहां पंथारी ने प्रभारी अधीक्षक को बारात रुकवाने में सहयोग करने के आदेश दिए। इसके बाद प्रभारी अधीक्षक को मजबूरन बारातियों के लिए स्कूल खोलना पड़ा।
इनका कहना है
आवेदक पहले मेरे पास आए थे, मैंने उन्हें बारात रोकने के लिए मना कर दिया था, लेकिन फिर जेडी साहब की परमिशन के बाद उन्हें एक कमरा दिया था। -आबिद खान, प्रभारी अधीक्षक, अंध-मूक बधिर छात्रावास
नोट : इस संबंध में जब दैनिक भास्कर टीम ने जेडी छेदीलाल पंथारी के मोबाइल नंबर पर उनसे बात करने की कोशिश की तो उनका नंबर बंद जाता रहा।
इसके बाद करीब दो घंटे तक बारातियों ने परिसर में बैंड-बाजों के साथ धमाचौकड़ी की। हैरानी की बात तो यह है कि दो दिन बाद ही दिव्यांग बच्चों की परीक्षा शुरू होना थी, यह बात जानते हुए भी जेडी ने परिसर में बारात रुकवा दी।
दिव्यांग छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार करने की शिकायत मिलने शासन ने 21 फरवरी को ज्वाइंट डायरेक्टर छेदीलाल पंथारी का तबादला उज्जैन करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन अब तक इन्हें रिलीव नहीं किया गया। वहीं शाला में अव्यवस्थाओं और शिक्षकों के व्यवहार को लेकर मिली शिकायत के आधार पर कलेक्टर विकास नरवाल ने शिक्षक शोभा धूपड़ और श्रवण धूपड़ को निलंबित और अधीक्षक गोकुल सूर्यवंशी का तबादला तो कर दिया लेकिन प्रभारी अधीक्षक के अलावा दूसरे शिक्षकों को भेजने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
21 फरवरी को हो चुका है तबादला, लेकिन रिलीविंग अब तक नहीं
बैंड-बाजों के शोर से परेशान होते रहे दिव्यांग : अंध-मूक बधिर छात्रावास में रहने वाले नेत्रहीन बच्चे ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनकर पढ़ाई करते हैं। ऐसे में छात्रावास परिसर में बारात रुकने के कारण करीब दो घंटे तक दिव्यांग बच्चे बैंड बाजों के शोर से परेशान होते रहे और बच्चे पढा़ई नहीं कर सके।
यह है आदेश
जानकारी के अनुसार अंध-मूक बधिर शाला में 28 फरवरी को बारात रोकने के लिए गोपालगंज निवासी जगदीश तिवारी ने पहले अधीक्षक को आवेदन दिया था। इस पर प्रभारी अधीक्षक आबिद खान ने आपत्ति जताते हुए उन्हें स्कूल का कमरा देने से इंकार कर दिया। इसके बाद आवेदक संयुक्त संचालक छेदीलाल पंथारी के पास पहुंचे, जहां पंथारी ने प्रभारी अधीक्षक को बारात रुकवाने में सहयोग करने के आदेश दिए। इसके बाद प्रभारी अधीक्षक को मजबूरन बारातियों के लिए स्कूल खोलना पड़ा।
इनका कहना है
आवेदक पहले मेरे पास आए थे, मैंने उन्हें बारात रोकने के लिए मना कर दिया था, लेकिन फिर जेडी साहब की परमिशन के बाद उन्हें एक कमरा दिया था। -आबिद खान, प्रभारी अधीक्षक, अंध-मूक बधिर छात्रावास
नोट : इस संबंध में जब दैनिक भास्कर टीम ने जेडी छेदीलाल पंथारी के मोबाइल नंबर पर उनसे बात करने की कोशिश की तो उनका नंबर बंद जाता रहा।