आठवीं के विद्यार्थियों को गणित, हिंदी व अग्रेजी का उचित ज्ञान नहीं है तो
उसे दक्षता प्रमाण पत्र देना प्रधानाध्यापक व स्कूल के शिक्षकों को महंगा
पड़ सकता है। बेसलाइन टेस्ट में बच्चों का बेस देखा गया था कि उनका
प्रारंभिक स्तर कैस है। इसके बाद हुए एंड लाइन टेस्ट में कुछ दक्षताएं
निर्धारित की गईं। इसमें विद्यार्थियों को पूर्णता दक्ष करने की जिम्मेदारी
प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की थी।
शिक्षण सत्र समाप्त होने के बाद छात्रों को फाइनल अंकसूची के साथ पूर्णता दक्षता प्रमाण पत्र देने के निर्देश राज्य शिक्षा केंद्र ने दिए हैं। यह प्रमाण पत्र इस बात की पुष्टी करेगा कि छात्रों को गणित, हिंदी, व अंग्रेजी का उचित ज्ञान है। अगर छात्र इसमें दक्ष नहीं है तो प्रधानाध्यापक व स्कूल के शिक्षक पर कार्रवाई होगी। छात्र हर विषय में दक्ष नहीं है तो इसे लेकर अगर अभिभावक कोर्ट भी जा सकते हैं। ऐसा होने पर प्रधानाध्यापक व शिक्षक पर शिक्षा के अधिकार धारा 30 के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है। अब 8वीं में पूर्णता दक्षता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले को ही 9वीं में प्रवेश मिल सकेगा।
यह है दक्षता का मापदंड
एंड लाइन टेस्ट में छात्र को जोड़, घटाव, गुणा व भाग आना जरूरी है। हिंदी में शब्द ज्ञान, अक्षर और वाक्य के बाद अगर छात्र कहानी पढ़ लेता है तो वह हिंदी में दक्ष माना जाएगा। अंग्रेजी में छोटे छोटे अक्षर का ज्ञान, सेंटेंस और पैराग्राफ पढ़ना आना चाहिए, इसके अलावा अन्य विषयों में भी दक्ष होना चाहिए।
शिक्षकों को सताने लगा डर
दक्षता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 1 रुपए प्रति छात्र के मान से दिए गए हैं। शिक्षकों को डर सताने लगा है कि यदि वे छात्र को दक्षता प्रमाण पत्र नहीं देते हैं तो राज्य शिक्षा केंद्र कार्रवाई करेगा और यदि दे देने के बाद बच्चा कमजोर रहा तो अभिभावक कोर्ट चले जाएंगे। एपीसी रामेश्वर डांगी ने बताया दक्षता प्रमाण-पत्र जारी करने को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने गाइड लाइन निर्धारित की है। इसकी जानकारी सभी को दी जा चुकी है।
शिक्षण सत्र समाप्त होने के बाद छात्रों को फाइनल अंकसूची के साथ पूर्णता दक्षता प्रमाण पत्र देने के निर्देश राज्य शिक्षा केंद्र ने दिए हैं। यह प्रमाण पत्र इस बात की पुष्टी करेगा कि छात्रों को गणित, हिंदी, व अंग्रेजी का उचित ज्ञान है। अगर छात्र इसमें दक्ष नहीं है तो प्रधानाध्यापक व स्कूल के शिक्षक पर कार्रवाई होगी। छात्र हर विषय में दक्ष नहीं है तो इसे लेकर अगर अभिभावक कोर्ट भी जा सकते हैं। ऐसा होने पर प्रधानाध्यापक व शिक्षक पर शिक्षा के अधिकार धारा 30 के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है। अब 8वीं में पूर्णता दक्षता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले को ही 9वीं में प्रवेश मिल सकेगा।
यह है दक्षता का मापदंड
एंड लाइन टेस्ट में छात्र को जोड़, घटाव, गुणा व भाग आना जरूरी है। हिंदी में शब्द ज्ञान, अक्षर और वाक्य के बाद अगर छात्र कहानी पढ़ लेता है तो वह हिंदी में दक्ष माना जाएगा। अंग्रेजी में छोटे छोटे अक्षर का ज्ञान, सेंटेंस और पैराग्राफ पढ़ना आना चाहिए, इसके अलावा अन्य विषयों में भी दक्ष होना चाहिए।
शिक्षकों को सताने लगा डर
दक्षता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 1 रुपए प्रति छात्र के मान से दिए गए हैं। शिक्षकों को डर सताने लगा है कि यदि वे छात्र को दक्षता प्रमाण पत्र नहीं देते हैं तो राज्य शिक्षा केंद्र कार्रवाई करेगा और यदि दे देने के बाद बच्चा कमजोर रहा तो अभिभावक कोर्ट चले जाएंगे। एपीसी रामेश्वर डांगी ने बताया दक्षता प्रमाण-पत्र जारी करने को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने गाइड लाइन निर्धारित की है। इसकी जानकारी सभी को दी जा चुकी है।