BHOPAL NEWS | पिछले 5 साल से
बार बार हो रहे अध्यापकों के आंदोलन से अब सीएम शिवराज सिंह चौहान तंग आ गए
हैं। एक तरफ स्कूलों का खराब रिजल्ट और अध्यापकों की ढेर सारी शिकायतें
और दूसरी तरफ बार बार हड़ताल की धमकी से परेशान होकर शिवराज सिंह ने एक नई
नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। इसमें केवल उसी ADHYAPAK को INCRIMINATE और
TRANSFER का लाभ मिलेगा जो नियमित SCHOOL जाएगा और मन लगाकर बच्चों को
पढ़ाएगा।
दरअसल अध्यापकों की रोज-रोज की मांगों और आंदोलन से आजिज आ चुके सीएम
शिवराज सिंह ने उनके तबादले के अलावा वेतनवृद्धि को भी परफार्मेंस से जोड़ने
की रणनीति बना ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल शिक्षा
विभाग के अफसरों को नई नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। जिसकी जद में स्कूल
शिक्षा, आदिमजाति कल्याण विभाग आदि के शिक्षक आएंगे।
हालात सुधारने के लिए गंभीर नहीं
सरकारी सूत्रों का कहना है कि महज पांच साल पहले नौकरी में आए अध्यापक
स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे। वे
आंदोलन और शिक्षक राजनीति में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। वर्ष 2011 से लगातार
आंदोलन चल रहे हैं। इधर स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों का दावा है कि 52
फीसदी अध्यापक स्कूल ही नहीं जाते हैं। सरकार ने हाल ही में अध्यापकों को
छठवां वेतनमान दिया है। वे अगले ही दिन शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग
को लेकर शहडोल में रैली निकालने पहुंच गए।
तबादला नीति तैयार, प्रस्ताव भेजा
अध्यापकों की तबादला नीति तैयार हो चुकी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने
प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, जो जल्द ही कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
कैबिनेट की स्वीकृति के बाद नीति जारी होगी और फिर 18 साल से एक ही जगह पर
नौकरी कर रहे पुरुष अध्यापकों के तबादले हो सकेंगे।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री ने वेतनवृद्धि और तबादले परफार्मेंस से जोड़कर नीति बनाने के
निर्देश दिए हैं। इस पर जल्दी काम शुरू करेंगे। -दीपक जोशी, राज्य मंत्री,
स्कूल शिक्षा