एक ओर महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर कड़ाई से कार्रवाई की बातें
कही जाती है। वहीं शहर की पुलिस महिलाओं की शिकायतों पर कार्रवाई के नाम
पर सिर्फ औपचारिकता ही कर रही है। सोमवार को एक ऐसा ही मामला प्रकाश में
आया।
जिसमें जब आदिवासी महिला की कई बार शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई तो महिला ने आदिवासी महापंचायत के सामने अपनी समस्या रखी जिसके बाद महापंचायत की दखल अंदाजी के बाद करीब डेढ़ माह बाद एफआईआर दर्ज की गई।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार उपनगर महाराजपुर में शासकीय हाईस्कूल केहरपुर की एक शिक्षिका ने इसी स्कूल के एक शिक्षक पर अभद्रता का आरोप लगाया था। जिसकी लिखित शिकायत सहायक आयुक्त को 15.11.2016 को की गई लेकिन यहां से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद पीड़ित शिक्षिका ने 24.11.2016 को पुलिस अधीक्षक से इस संबंध में शिकायत की। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
महा पंचायत से लगाई गुहार
आदिवासी महा पंचायत के संयोजक भूपेन्द्र बरकड़े ने बताया कि जब महिला की शिकायत पर कहीं कोई कार्रवाई नहीं की गई तब महिला ने अपनी बात शपथ पत्र के माध्यम से आदिवासी महा पंचायत के पदाधिकारियों के सामने रखी। महिला की शिकायत के बाद दोपहर को सभी पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें पीड़ित महिला को जल्द न्याय दिलाने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि महा पंचायत में बड़ी संख्या में पदाधिकारी, सदस्य उपस्थित रहे। बड़ी संख्या में ये सभी देर शाम अजाक थाना पहुंचे। जिसमें इन्होंने एक आवेदन देते हुए यहां पूछा कि महिला ने जो पूर्व में शिकायत दर्ज कराई थी उस पर क्या कार्रवाई की गई। जिस पर यहां पुलिस ने बताया कि अब तक प्राचार्य के बयान नहीं हुए हैं तथा एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। जिसके बाद पर पदाधिकारियों ने तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की नहीं तो समाज द्वारा आंदोलन की बात आवेदन के माध्यम से कहा गया। जिसके बाद पुलिस ने आखिर एफआईआर दर्ज की।
कर दिया स्थानांतरण
महिला ने बताया कि उन्होंने लगातार उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई। एक तरफ जहां उनकी शिकायतों पर संबंधित शिक्षक के विरूद्घ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वहीं शिक्षिका को मंडला से करीब 86 किमी दूर बीजाडांडी स्थानांतरित कर दिया गया।
जिसमें जब आदिवासी महिला की कई बार शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई तो महिला ने आदिवासी महापंचायत के सामने अपनी समस्या रखी जिसके बाद महापंचायत की दखल अंदाजी के बाद करीब डेढ़ माह बाद एफआईआर दर्ज की गई।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार उपनगर महाराजपुर में शासकीय हाईस्कूल केहरपुर की एक शिक्षिका ने इसी स्कूल के एक शिक्षक पर अभद्रता का आरोप लगाया था। जिसकी लिखित शिकायत सहायक आयुक्त को 15.11.2016 को की गई लेकिन यहां से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद पीड़ित शिक्षिका ने 24.11.2016 को पुलिस अधीक्षक से इस संबंध में शिकायत की। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
महा पंचायत से लगाई गुहार
आदिवासी महा पंचायत के संयोजक भूपेन्द्र बरकड़े ने बताया कि जब महिला की शिकायत पर कहीं कोई कार्रवाई नहीं की गई तब महिला ने अपनी बात शपथ पत्र के माध्यम से आदिवासी महा पंचायत के पदाधिकारियों के सामने रखी। महिला की शिकायत के बाद दोपहर को सभी पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें पीड़ित महिला को जल्द न्याय दिलाने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि महा पंचायत में बड़ी संख्या में पदाधिकारी, सदस्य उपस्थित रहे। बड़ी संख्या में ये सभी देर शाम अजाक थाना पहुंचे। जिसमें इन्होंने एक आवेदन देते हुए यहां पूछा कि महिला ने जो पूर्व में शिकायत दर्ज कराई थी उस पर क्या कार्रवाई की गई। जिस पर यहां पुलिस ने बताया कि अब तक प्राचार्य के बयान नहीं हुए हैं तथा एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। जिसके बाद पर पदाधिकारियों ने तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की नहीं तो समाज द्वारा आंदोलन की बात आवेदन के माध्यम से कहा गया। जिसके बाद पुलिस ने आखिर एफआईआर दर्ज की।
कर दिया स्थानांतरण
महिला ने बताया कि उन्होंने लगातार उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई। एक तरफ जहां उनकी शिकायतों पर संबंधित शिक्षक के विरूद्घ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वहीं शिक्षिका को मंडला से करीब 86 किमी दूर बीजाडांडी स्थानांतरित कर दिया गया।