सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक की कक्षाआें में पढ़ने वाले बच्चों ने
की प्रतिभा को परखने के लिए 18 से 20 जनवरी तक प्रतिभा पर्व का आयोजन होगा।
इस बार बदले नियमों के साथ जिले के 2520 स्कूलों में 1 लाख 41 हजार से
ज्यादा बच्चों की प्रतिभा परखी जाएगी। रिजल्ट बिगड़ने और कार्रवाई के डर से
बचने के लिए पहले की तरह इस बार शिक्षक बच्चों को ज्यादा कुछ नहीं बता
पाएंगे।
राज्य शिक्षा केंद्र के स्पष्ट निर्देश हैं कि बच्चों को ही ईमानदारी से सवाल हल करने दिए जाएं। 18 से 20 जनवरी तक होने वाले प्रतिभा पर्व के नए नियमों के तहत प्रश्न भी अवधारणात्मक पद्धति से पूछे जाएंगे ताकि बच्चों में रटन शैली दूर होकर विषय की व्यावहारिक समझ विकसित हो सके। पहले दो दिन शालेय व्यवस्था व शैक्षिक मूल्यांकन होगा। तीसरे दिन स्कूलों में आनंद उत्सव के रूप में बालसभा होगी। इस पर्व के तहत 18 व 19 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी, जबकि 20 जनवरी को स्कूलों में बालसभा का आयोजन रखा गया है।
शिक्षकों को दी जाएगी ट्रेनिंग: प्रतिभा पर्व को लेकर जिले में भी तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। प्रश्नपत्र प्रकाशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 10 से 15 जनवरी तक जिले से शाला स्तर पर इस संबंध में शिक्षकों व सत्यापनकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
दूसरे शिक्षक करेंगे जांच : बच्चों द्वारा हल किए गए प्रश्नों की जांच इस बार उन्हें संबंधित विषय पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं करेंगे, बल्कि दूसरे शिक्षक से इसकी जांच करवाई जाएगी। सत्यापनकर्ता रिपोर्ट बीअारसीसी कार्यालय को देंगे, जहां से डाटा एंट्री साॅफ्टवेयर में की जाएगी। बच्चों को मिलने वाले अंक उनके प्रगति पत्रक में अर्द्धवार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन की जगह जुड़ेंगे।
राज्य शिक्षा केंद्र के स्पष्ट निर्देश हैं कि बच्चों को ही ईमानदारी से सवाल हल करने दिए जाएं। 18 से 20 जनवरी तक होने वाले प्रतिभा पर्व के नए नियमों के तहत प्रश्न भी अवधारणात्मक पद्धति से पूछे जाएंगे ताकि बच्चों में रटन शैली दूर होकर विषय की व्यावहारिक समझ विकसित हो सके। पहले दो दिन शालेय व्यवस्था व शैक्षिक मूल्यांकन होगा। तीसरे दिन स्कूलों में आनंद उत्सव के रूप में बालसभा होगी। इस पर्व के तहत 18 व 19 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी, जबकि 20 जनवरी को स्कूलों में बालसभा का आयोजन रखा गया है।
शिक्षकों को दी जाएगी ट्रेनिंग: प्रतिभा पर्व को लेकर जिले में भी तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। प्रश्नपत्र प्रकाशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 10 से 15 जनवरी तक जिले से शाला स्तर पर इस संबंध में शिक्षकों व सत्यापनकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
दूसरे शिक्षक करेंगे जांच : बच्चों द्वारा हल किए गए प्रश्नों की जांच इस बार उन्हें संबंधित विषय पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं करेंगे, बल्कि दूसरे शिक्षक से इसकी जांच करवाई जाएगी। सत्यापनकर्ता रिपोर्ट बीअारसीसी कार्यालय को देंगे, जहां से डाटा एंट्री साॅफ्टवेयर में की जाएगी। बच्चों को मिलने वाले अंक उनके प्रगति पत्रक में अर्द्धवार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन की जगह जुड़ेंगे।