उत्कृष्ट विद्यालय में कुल 679 बच्चे दर्ज हैं। कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों
के लिए कुल 15 क्लास लगाई जाती हैं। इनके लिए शिक्षा विभाग ने 26 शिक्षकों
को विद्यालय में पदस्थ कर रखा हैं। हर विषय के विषय विशेषज्ञ शिक्षक यहां
है, लेकिन क्लास लेने से सभी कतराते हैं।
जिला शिक्षाधिकारी ने हाल ही में जब स्कूल का निरीक्षण किया तो 16 शिक्षक अनुपस्थित मिले। शिक्षकों का हाल यह है कि यह शिक्षक मनमाने तरीके से आते है और मनमाने तरीके से चले जाते हैं। इसकी वजह भी है। स्कूल के प्राचार्य यूके मिहोबिया स्वयं झांसी से अप डाउन करते हैं। इसका फायदा शिक्षक भी उठा रहे।
धूप में बैठक आराम करते शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षक।
दो बार जिला शिक्षाधिकारी कर चुके स्कूल का निरीक्षण फिर भी नहीं सुधर रहीं व्यवस्थाएं
भास्कर संवाददाता | दतिया
जिला मुख्यालय पर चलने वाले उत्कृष्ट विद्यालय में पढ़ाई का माहौल सुधरने का नाम नहीं ले रहा, जबकि दो बार जिला शिक्षाधिकारी आरएल उपाध्याय निरीक्षण कर शिक्षकों का वेतन काटने के निर्देश दे चुके हैं। बुधवार को हाल यह था कि सुबह 11.30 बजे स्कूल के शिक्षक धूप सेंक रहे थे, तो अधिकांश कक्षा खाली थीं। पढ़ाई न होने के कारण बच्चे घर चले गए। एक कक्षा में दो बच्चे शिक्षक का इंतजार करते मिले, लेकिन वहां शिक्षक नहीं पहुंचे।
सरकारी स्तर पर बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसलिए प्रदेश के साथ जिलों में भी ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय की शुरुआत शासन ने की थी। इनमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। यानि योग्य बच्चों को इसलिए प्रवेश दिया जाता है ताकि बच्चों की योग्यता में और निखार आ सके, लेकिन पढ़ाई को लेकर शिक्षकों की लापरवाही बच्चों का भविष्य खराब कर रही है। बुधवार को स्कूल का हाल यह था कि शिक्षक धूप सेंकने में मस्त थे। अधिकांश कक्षाएं खाली थीं। बच्चे भी न के बराबर थे।
समय से पहले स्कूल बंद
जिला मुख्यालय पर चल रहे उत्कृष्ट विद्यालय का हाल यह है कि यह समय से पहले बंद हो जाता हैं। स्कूल 10.30 से 4.30 तक संचालित होने के निर्देश हैं, लेकिन हाल यह कि 11.30 बजे स्कूल की गतिविधियां शुरू होती है और दोपहर 3 बजे स्कूल से अधिकांश शिक्षक नदारद हो जाते हैं। शिक्षकों द्वारा क्लास न लिए जाने के कारण बच्चों से समय से पहले चले जाते है। विद्यालय की व्यवस्था में सुधार न होने के कारण उत्कृष्ट विद्यालय सामान्य व ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय की सूची में शामिल हो गया, जबकि यहां पर न तो स्टाफ की कमी है और न ही संसाधनों की है।
जिम तक नहीं खुलता
बच्चे स्वस्थ रहें, इसके लिए शासन ने स्कूल में जिम भी लगा रखी है, ताकि खेल के कालखंड में अगर कोई बच्चा कसरत करना चाहे तो कर सके, लेकिन स्कूल में पदस्थ खेल शिक्षक इसे खोलने की जहमत तक नहीं उठाते। परिणाम जिम धूल खाक रही है।
नहीं उठाया फोन
स्कूल की अव्यवस्था को लेकर चर्चा करने के लिए जब स्कूल के प्राचार्य यूके महोबिया के मोबाइल नंबर 9589591226 पर कई बार फोन लगाया। लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
जिला शिक्षाधिकारी ने हाल ही में जब स्कूल का निरीक्षण किया तो 16 शिक्षक अनुपस्थित मिले। शिक्षकों का हाल यह है कि यह शिक्षक मनमाने तरीके से आते है और मनमाने तरीके से चले जाते हैं। इसकी वजह भी है। स्कूल के प्राचार्य यूके मिहोबिया स्वयं झांसी से अप डाउन करते हैं। इसका फायदा शिक्षक भी उठा रहे।
धूप में बैठक आराम करते शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षक।
दो बार जिला शिक्षाधिकारी कर चुके स्कूल का निरीक्षण फिर भी नहीं सुधर रहीं व्यवस्थाएं
भास्कर संवाददाता | दतिया
जिला मुख्यालय पर चलने वाले उत्कृष्ट विद्यालय में पढ़ाई का माहौल सुधरने का नाम नहीं ले रहा, जबकि दो बार जिला शिक्षाधिकारी आरएल उपाध्याय निरीक्षण कर शिक्षकों का वेतन काटने के निर्देश दे चुके हैं। बुधवार को हाल यह था कि सुबह 11.30 बजे स्कूल के शिक्षक धूप सेंक रहे थे, तो अधिकांश कक्षा खाली थीं। पढ़ाई न होने के कारण बच्चे घर चले गए। एक कक्षा में दो बच्चे शिक्षक का इंतजार करते मिले, लेकिन वहां शिक्षक नहीं पहुंचे।
सरकारी स्तर पर बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसलिए प्रदेश के साथ जिलों में भी ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय की शुरुआत शासन ने की थी। इनमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। यानि योग्य बच्चों को इसलिए प्रवेश दिया जाता है ताकि बच्चों की योग्यता में और निखार आ सके, लेकिन पढ़ाई को लेकर शिक्षकों की लापरवाही बच्चों का भविष्य खराब कर रही है। बुधवार को स्कूल का हाल यह था कि शिक्षक धूप सेंकने में मस्त थे। अधिकांश कक्षाएं खाली थीं। बच्चे भी न के बराबर थे।
समय से पहले स्कूल बंद
जिला मुख्यालय पर चल रहे उत्कृष्ट विद्यालय का हाल यह है कि यह समय से पहले बंद हो जाता हैं। स्कूल 10.30 से 4.30 तक संचालित होने के निर्देश हैं, लेकिन हाल यह कि 11.30 बजे स्कूल की गतिविधियां शुरू होती है और दोपहर 3 बजे स्कूल से अधिकांश शिक्षक नदारद हो जाते हैं। शिक्षकों द्वारा क्लास न लिए जाने के कारण बच्चों से समय से पहले चले जाते है। विद्यालय की व्यवस्था में सुधार न होने के कारण उत्कृष्ट विद्यालय सामान्य व ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय की सूची में शामिल हो गया, जबकि यहां पर न तो स्टाफ की कमी है और न ही संसाधनों की है।
जिम तक नहीं खुलता
बच्चे स्वस्थ रहें, इसके लिए शासन ने स्कूल में जिम भी लगा रखी है, ताकि खेल के कालखंड में अगर कोई बच्चा कसरत करना चाहे तो कर सके, लेकिन स्कूल में पदस्थ खेल शिक्षक इसे खोलने की जहमत तक नहीं उठाते। परिणाम जिम धूल खाक रही है।
नहीं उठाया फोन
स्कूल की अव्यवस्था को लेकर चर्चा करने के लिए जब स्कूल के प्राचार्य यूके महोबिया के मोबाइल नंबर 9589591226 पर कई बार फोन लगाया। लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।