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कैशलेस ऐप डाउनलोड करते ही शिक्षक के पास नहीं बची फूटी कौड़ी

तेंदूखेड़ा, दमोह ब्यूरो। प्रधानमंत्री के द्वारा कैशलेस योजना को अपनाने की बात कही जा रही है, लेकिन यही कैशलेस योजना एक अतिथि शिक्षक के लिए मुसीबत बन गई।
महज 3500 रुपए का वेतनमान पाने वाले अतिथि शिक्षक ने 7 जनवरी को एसबीआई बैंक में कुछ रुपए जमा किए और कैशलेस योजना के तहत कुछ एप डाउनलोड किए और उसके बाद से उसके खाते से अलग-अलग तिथियों में तकरीबन 12 हजार रुपए निकाल लिए गए। 11 जनवरी को जब वह बैंक पहुंचा और स्टेटमेंट निकलवाया तब उसे जानकारी लगी कि 8 जनवरी से उसके खाते से रुपए निकाले गए। जिसकी शिकायत उसने गुरुवार को तेंदूखेड़ा थाने में दर्ज कराई है।

7 से 9 जनवरी तक लगातार हुआ ट्रांजेक्शन

इस संबंध में नगर के कन्या स्कूल में अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ आशाराम यादव ने बताया कि उसके महीने का वेतन महज 3500 रुपए है जो उसे एसबीआई बैंक के माध्यम से प्राप्त होता है। उसने बताया कि 7 जनवरी को वह 2200 रुपए लेकर बैंक में जमा करने गया था। जहां उसने रुपए जमा किए साथ ही कैशलेस योजना के तहत मोबाइल में कुछ एप भी डाउनलोड किए और घर आ गया। 11 जनवरी को उसके पास किसी व्यक्ति का फोन आया और सामने वाले व्यक्ति ने खाते और एटीएम की जानकारी मांगी जो उसने नहीं दी। उसे थोड़ा संदेह हुआ और वह बैंक पहुंचा जहां उसने स्टेटमेंट निकलवाया तो उसके खाते से 12640 रुपए निकाले जा चुके थे।

यहां हुआ ट्रांजेक्शन

आशाराम ने जब बैंक से स्टेटमेंट निकलवाया तब उसे पता चला कि किन-किन तिथियों को किस जगह रुपए निकाले गए हैं। 7 जनवरी को पहला 50 रुपए का रिचार्ज इसके बाद उसी दिन दो बार में 5-5 हजार रुपए निकले और 8 जनवरी को 2 हजार रुपए का डीटी एच रिचार्ज ऑक्सीजन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी गुड़गांव के नाम पर हुआ है। पीड़ित ने बैंक कर्मियों को बताया कि उसके पास 11 जनवरी को फोन आया और लगातार 7 से 9 जनवरी तक रुपए निकाले गए हैं।

ऐप डाउनलोड करने के बाद निकले रुपए

आसाराम ने बताया कि उसने 7 जनवरी को कैशलेस वाला ऐप डाउनलोड किया था। जिसके बाद खाते से आनलाइन खरीदी हुई है। जबकि फोन 11 जनवरी को आया है। मैंने इसकी जांच के लिए थाने में भी एक आवेदन दिया है। बैंक के कैशियर जगन सिंह ने बताया कि आसाराम के रुपए निकले हैं इसकी जांच की जा रही है। रही बात ऐप डाउनलोड करने की तो वह योजना है जो सभी बैंक उपभोक्ताओं को बताई जा रही है।

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