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शुजालपुर के 23 स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे

भास्कर संवाददाता | शुजालपुर शुजालपुर विकासखंड की जिन 24 शालाओं को कम छात्र संख्या के कारण करीब दो महीने पहले बंद कर दिया गया था उनमें पदस्थ रहे 50 शिक्षकों को अभी तक किसी अन्य स्कूल में नहीं भेजा गया है और इन शिक्षकों के बिना काम के मजे हो गए है।
बंद की गई शालाओं में पदस्थ इन शिक्षकों को उन स्कूलों में भेजे जाने के आदेश हुए थे जहां शिक्षकों की कमी है। कलेक्टर के आदेश पर शालाएं तो आनन-फानन में बंद कर दी गई, लेकिन शिक्षकों की अन्यत्र पदस्थी के आदेश शिक्षा विभाग के अफसर अभी तक ताक पर धरे बैठे हैं।

शुजालपुर विकासखंड के 299 सरकारी स्कूलों में से 46 को कम छात्र संख्या के कारण बंद करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को स्थानीय शिक्षा अधिकारियों ने भेजा था। जिस पर कलेक्टर शाजापुर ने 21 अक्टूबर को आदेश जारी कर 24 शालाओं को बंद कर यहां अध्ययनरत 700 विद्यार्थियों को नजदीकी स्कूल में अध्ययन करने व इन शालाओं के शिक्षकों को युक्तियुक्तकरण से अन्य शालाओं में पदस्थ करने के आदेश दिए थे। स्कूल बंद कर दिए गए, लेकिन शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं हुई। ये 50 शिक्षक मूल शाला बंद होने व नई पदस्थापना न होने से उन्हीं नजदीकी स्कूल में जा रहे है जहां बच्चे पढ़ने जा रहे हैं और पर्याप्त शिक्षक पहले से मौजूद है। शिक्षक इन स्कूलों में बिना कोई काम किए अपनी उपस्थिति देकर तनख्वाह भी पा रहे हैं। जबकि दूसरी ओर शुजालपुर में ही 23 स्कूल आज भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है। अतिथि शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

आठ स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं-क्षेत्र की आठ शालाओं में एक भी शिक्षक नहीं है। प्राथमिक विद्यालय बांकाखेड़ी, चितोनी, भीलखेड़ा, मलकसियाखेड़ी, पचावदा, टपका बसंतपुर, खेड़ा बोल्दा, चितोनी, बंजारी में शिक्षक नहीं होने से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी

शुजालपुर विकासखंड के 15 स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे है। माध्यमिक शाला चौकी नसीराबाद, लाहर खेड़ा, खेड़ी मंडलखा, रीछोदा, बावनहेड़ा, ताजपुर गौरी शामिल है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय पचावदा, खेडाबोल्दा, रूपाहेड़ी, पेंवचीपुरा, खेड़ा नारायणपुर, गश्तिपुरा, रूस्तमपुर व मेहरखेड़ी में भी पर्याप्त शिक्षक नहीं है।

युक्तियुक्तकरण जिला स्तर से होना है, 50 शिक्षकों को अन्यत्र पदस्थ नहीं किया गया है, 23 शालाओं में शुजालपुर विकासखंड में शिक्षकों की कमी से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित है, जिन्हें जल्द ही युक्तियुक्तकरण से सुचारू किया जाएगा। गौरव सक्सेना, बीआरसीसी शुजालपुर 

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