भास्कर संवाददाता | मुरैना जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में शिक्षकों के 2241 पद खाली हैं। खाली पदों को भरने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय अभी तक युक्तियुक्तकरण व पदोन्नति की कार्रवाई को पूरा नहीं कर पाया है। इस हाल में चालू शिक्षा सत्र में छात्रों का कोर्स कैसे पूरा होगा।
1810 प्राइमरी व 555 मिडिल स्कूलों में इस वर्ष ढाई लाख छात्र-छात्राएं दर्ज हैं। दर्ज छात्रों के अध्यापन के लिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मान से प्राइमरी स्कूलों में 1232 व मिडिल स्कूल में 1009 शिक्षकों की जरूरत है। रिक्त पदों की पूर्ति के लिए बीते वर्ष से लेकर अब तक कोई प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने युक्तियुक्तकरण करने का प्रयास भी किया लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के कारण वह कार्रवाई अब तक पूरी नहीं हो सकी है। यदि 471 सरप्लस शिक्षकों को शिक्षकविहीन स्कूलों में पदस्थ कर दिया जाता तो कुछ स्कूलों में अध्यापन सुनिश्चित हो जाता।
2241 शिक्षकों के लिए नई भर्ती का इंतजार: प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त2241 पद भरने के लिए युवाओं को नई भर्ती का इंतजार है। जब तक नई भर्ती से शिक्षक नहीं मिलते तब तक प्राइमरी स्कूलों से लेकर हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों का टोटा पूरा नहीं होगा।
530 विषयवार शिक्षकों की कमी
जिले के 60 हायर सेकंडरी स्कूलों में गणित, अंग्रेजी, हिन्दी, विज्ञान, सा.विज्ञान, संस्कृत, भौतिक शास्त्र, रसायन, इतिहास, राजनीति शास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, कामर्स, कृषि, गृह विज्ञान विषय के 323 विषयवार शिक्षकों के पद सालों से खाली पड़े हैं।
67 हाईस्कूलों में विज्ञान,गणित, अंग्रेजी, सा. विज्ञान, संस्कृत व हिन्दी के 207 विषयवार शिक्षकों के पद खाली हैं। विषयवार शिक्षकों की कमी के कारण स्कूलों में संबंधित विषयों का अध्यापन नहीं हो पा रहा है।
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1810 प्राइमरी व 555 मिडिल स्कूलों में इस वर्ष ढाई लाख छात्र-छात्राएं दर्ज हैं। दर्ज छात्रों के अध्यापन के लिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मान से प्राइमरी स्कूलों में 1232 व मिडिल स्कूल में 1009 शिक्षकों की जरूरत है। रिक्त पदों की पूर्ति के लिए बीते वर्ष से लेकर अब तक कोई प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने युक्तियुक्तकरण करने का प्रयास भी किया लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के कारण वह कार्रवाई अब तक पूरी नहीं हो सकी है। यदि 471 सरप्लस शिक्षकों को शिक्षकविहीन स्कूलों में पदस्थ कर दिया जाता तो कुछ स्कूलों में अध्यापन सुनिश्चित हो जाता।
2241 शिक्षकों के लिए नई भर्ती का इंतजार: प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त2241 पद भरने के लिए युवाओं को नई भर्ती का इंतजार है। जब तक नई भर्ती से शिक्षक नहीं मिलते तब तक प्राइमरी स्कूलों से लेकर हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों का टोटा पूरा नहीं होगा।
530 विषयवार शिक्षकों की कमी
जिले के 60 हायर सेकंडरी स्कूलों में गणित, अंग्रेजी, हिन्दी, विज्ञान, सा.विज्ञान, संस्कृत, भौतिक शास्त्र, रसायन, इतिहास, राजनीति शास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, कामर्स, कृषि, गृह विज्ञान विषय के 323 विषयवार शिक्षकों के पद सालों से खाली पड़े हैं।
67 हाईस्कूलों में विज्ञान,गणित, अंग्रेजी, सा. विज्ञान, संस्कृत व हिन्दी के 207 विषयवार शिक्षकों के पद खाली हैं। विषयवार शिक्षकों की कमी के कारण स्कूलों में संबंधित विषयों का अध्यापन नहीं हो पा रहा है।
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