सीहोर।
जिले के शिक्षकों के लिए अच्छी खबर हो सकती है। शिक्षकों को अब स्कूलों
में अध्यापक कार्य के अलावा किसी दूसरे कार्य में उपयोग नहीं किया जा
सकेगा।शिक्षण कार्य के अलावा अभी शिक्षकों से कई प्रकार के सर्वोके साथ ही
शासकीय कार्यालयों में बाबूगिरी तक करवाई जा रही है। इस स्थिति में स्कूलों
में अध्यापन कार्य प्रभावित होता है।
शिक्षकों के अटैचमेंट, शिक्षण के अलावा दूसरे कार्यो में उपयोग पर कमिश्नर लोक शिक्षक नीरज दुबे ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। 15 सितंबर को जारी आदेशों में कमिश्नर लोक शिक्षण दुबे ने कहा कि देखने में आ रहा है कि शिक्षकों को अपनी शाला से अन्य स्थानों पर ऐसे कार्यो में लगा दिया जाता है जो लिपिकीय प्रवृत्ति में आते है, इन कार्यों के लिए शिक्षकों को स्कूल से दूर जाना पड़ता है, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी शिक्षकों से गैरशैक्षणिक कार्य कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
64 अटैच, 144 अतिशेष : जिले में वर्तमान में शिक्षकों का उपयोग जहां बाबूगिरी में भी किया जा रहा है तो कईशिक्षकों ने अपनी ऊंची पहुंच के चलते अटैचमेंट कर मनमाने स्कूलों में पोस्टिंग भी करवा रखी है। अकेले सीहोर ब्लॉक में ही 64 शिक्षकों को डीईओ कार्यालय, आवासीय स्कूल, डाइट संस्थान, कलेक्ट्रेट कार्यालय, सहित कुछ अन्य स्थानों पर अटैच किया गया है। इधर सीहोर ब्लॉक के स्कूलों में ही आवश्यकता से 144 शिक्षक अतिशेष है। जिस स्कूल में 40 बच्चें है वहां भी तीन-तीन शिक्षक शिक्षण कार्य में लगा दिए गए है।
सिर्फ चुनाव और मतगणना के लिए रहेगी छूट
जारी आदेशों में शिक्षकों का उपयोग सिर्फ निर्वाचन और मतगणना कार्य में किए जाने की ही छूट प्रदान की गई है। राष्ट्रीय महत्व के इन कार्यों को छोड़कर शेष सभी कार्यो में शिक्षकों का उपयोग पूणत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। इधर शिक्षकों का एक स्कूल से दूसरे स्कूल में अटैचमेंट की प्रवृत्ति पर भी प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हंै।
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शिक्षकों के अटैचमेंट, शिक्षण के अलावा दूसरे कार्यो में उपयोग पर कमिश्नर लोक शिक्षक नीरज दुबे ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। 15 सितंबर को जारी आदेशों में कमिश्नर लोक शिक्षण दुबे ने कहा कि देखने में आ रहा है कि शिक्षकों को अपनी शाला से अन्य स्थानों पर ऐसे कार्यो में लगा दिया जाता है जो लिपिकीय प्रवृत्ति में आते है, इन कार्यों के लिए शिक्षकों को स्कूल से दूर जाना पड़ता है, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी शिक्षकों से गैरशैक्षणिक कार्य कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
64 अटैच, 144 अतिशेष : जिले में वर्तमान में शिक्षकों का उपयोग जहां बाबूगिरी में भी किया जा रहा है तो कईशिक्षकों ने अपनी ऊंची पहुंच के चलते अटैचमेंट कर मनमाने स्कूलों में पोस्टिंग भी करवा रखी है। अकेले सीहोर ब्लॉक में ही 64 शिक्षकों को डीईओ कार्यालय, आवासीय स्कूल, डाइट संस्थान, कलेक्ट्रेट कार्यालय, सहित कुछ अन्य स्थानों पर अटैच किया गया है। इधर सीहोर ब्लॉक के स्कूलों में ही आवश्यकता से 144 शिक्षक अतिशेष है। जिस स्कूल में 40 बच्चें है वहां भी तीन-तीन शिक्षक शिक्षण कार्य में लगा दिए गए है।
सिर्फ चुनाव और मतगणना के लिए रहेगी छूट
जारी आदेशों में शिक्षकों का उपयोग सिर्फ निर्वाचन और मतगणना कार्य में किए जाने की ही छूट प्रदान की गई है। राष्ट्रीय महत्व के इन कार्यों को छोड़कर शेष सभी कार्यो में शिक्षकों का उपयोग पूणत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। इधर शिक्षकों का एक स्कूल से दूसरे स्कूल में अटैचमेंट की प्रवृत्ति पर भी प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हंै।
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