छिंदवाड़ा (विनोद यादव) . शहर के विवेकानंद प्राथमिक-माध्यमिक शाला के हेड मास्टर केएल शर्मा स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए नवाचार कर रहे हैं। वह स्कूल के हर बच्चों को पैसों की बचत की सीख दे रहे हैं। उन्होंने एक अनुठी पहल करते हुए स्कूल में छात्र बचत योजना का नाम देते हुए बच्चों के पैसे एकत्रित कर रहे हैं।
इसका लेखा-जोखा बकायदा रजिस्टर में दर्ज भी किया जा रहा है। जरूरत पडऩे पर बच्चों को पैसे लौटाए भी जाते हैं। एचएम केएल शर्मा की मानंे तो कई बच्चों के हजार रुपए तक एकत्रित हो चुके हैं।
शिक्षक ने खुद के खर्चे से प्रत्येक बच्चों को एक-एक कॉपी, कम्पास बॉक्स, पेन, पेंसिल रबर बांटी है। वह रोजाना टॉफी बांट रहे हैं। खास बात तो यह है कि टॉफी से निकलने वाली पॉलिथिन को बेकार इधर-उधर फेंकने की बजाय वे बच्चों के साथ मिलकर पॉलीथिन को एक साथ पिरोकर माला बना रहे हैं, जिससे स्कूल की साज-सज्जा में उपयोग किया जा सकता है।
इससे स्कूल की दर्ज संख्या भी बढ़ रही है। पिछले साल एक से पांच तक 42 की दर्ज संख्या थी, लेकिन उनके प्रयास से अब दर्ज संख्या 68 पहुंच गई है।
एचएम केएल शर्मा अपने खुद के खर्चे से स्कूल के प्रत्येक बच्चों का जन्मदिन भी मिलकर मनाते हैं। रोजाना की तरह जन्मदिन पर बच्चे से टॉफी तो बंटवाते हैं। वहीं परिसर में ही कभी पोहा तो कभी पुलाव बनवाकर एक साथ बैठकर खाते हैं। सोमवार को सातवीं कक्षा की नेहा कहार का जन्मदिन भी इसी तरह से मनाया।
नेहा के हाथों से ही उन्होंने प्राथमिक शाला लेकर माध्यमिक शाला सहित परिसर में संचालित आंगनबाड़ी के बच्चों को भी टॉफी वितरित कराई। शर्मा का कहना है कि 2007-08 में गांगीवाड़ा-सतनुर में 50-50 बच्चों को अपने खर्च में ही यूनिफॉर्म बांट चुके हैं।
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इसका लेखा-जोखा बकायदा रजिस्टर में दर्ज भी किया जा रहा है। जरूरत पडऩे पर बच्चों को पैसे लौटाए भी जाते हैं। एचएम केएल शर्मा की मानंे तो कई बच्चों के हजार रुपए तक एकत्रित हो चुके हैं।
शिक्षक ने खुद के खर्चे से प्रत्येक बच्चों को एक-एक कॉपी, कम्पास बॉक्स, पेन, पेंसिल रबर बांटी है। वह रोजाना टॉफी बांट रहे हैं। खास बात तो यह है कि टॉफी से निकलने वाली पॉलिथिन को बेकार इधर-उधर फेंकने की बजाय वे बच्चों के साथ मिलकर पॉलीथिन को एक साथ पिरोकर माला बना रहे हैं, जिससे स्कूल की साज-सज्जा में उपयोग किया जा सकता है।
इससे स्कूल की दर्ज संख्या भी बढ़ रही है। पिछले साल एक से पांच तक 42 की दर्ज संख्या थी, लेकिन उनके प्रयास से अब दर्ज संख्या 68 पहुंच गई है।
एचएम केएल शर्मा अपने खुद के खर्चे से स्कूल के प्रत्येक बच्चों का जन्मदिन भी मिलकर मनाते हैं। रोजाना की तरह जन्मदिन पर बच्चे से टॉफी तो बंटवाते हैं। वहीं परिसर में ही कभी पोहा तो कभी पुलाव बनवाकर एक साथ बैठकर खाते हैं। सोमवार को सातवीं कक्षा की नेहा कहार का जन्मदिन भी इसी तरह से मनाया।
नेहा के हाथों से ही उन्होंने प्राथमिक शाला लेकर माध्यमिक शाला सहित परिसर में संचालित आंगनबाड़ी के बच्चों को भी टॉफी वितरित कराई। शर्मा का कहना है कि 2007-08 में गांगीवाड़ा-सतनुर में 50-50 बच्चों को अपने खर्च में ही यूनिफॉर्म बांट चुके हैं।
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