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संकुल प्राचार्यों और बीईओ की लापरवाही से 50 शिक्षकों का एक माह से वेतन अटका

राजगढ़। ब्लॉक के करीब आधा सैंकड़ा शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें वेतन के लाले पड़े हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण वह खासे परेशान हैं। पहले तो वेतन संकुल से जानकारी उपलब्ध नहीं होने से अटका हुआ था, लेकिन अब बीईओ कार्यालय व कोषालय के बीच में दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के कारण अटकने की बात अधिकारियों द्वारा कही जा रही है।
इन सबके बीच परेशान एक माह तक सेवाएं देने वाले टीचरों को होना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक ब्लाक के कीलखेड़ा संकुल के अधीन आने वाले करीब आधा सैंकड़ा अध्यापकों का अगस्त का वेतन अभी तक नहीं निकल सका। जिसके कारण वह सकते में हैं। उनका कहना है कि अगस्त के साथ-साथ सितंबर भी चंद दिनों बाद पूरा हो जाएगा, लेकिन वेतन के अते-पते नहीं है। उधर संकुल केन्द्र द्वारा बीईओ कार्यालय पर वेतन देरी को लेकर मामले को डाला जा रहा है, जबकि बीईओ कार्यालय द्वारा कोषालय को दोषी ठहराया जा रहा है। उधर कोषालय द्वारा दावा किया जा रहा है कि बीईओ कार्यालय द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं ।कुल मिलाकर 30 से अधिक स्कूलों के 50 टीचरों का वेतन क्यों नहीं निकल रहा इसकी जिम्मेदारी न तो संकुल प्राचार्य ले रहे हैं, न बीईओ ओर न ही कोषालय अधिकारी। तीनों एक-दूसरे पर मामले को डालते नजर आ रहे हैं।
मामला-01
हमारे पास बाबू नहीं, जिसे लगाया था उसे निलंबित कर दिया
कीलखेड़ा संकुल केन्द्र का दावा है कि हमारे पास वर्ष 2013 से बाबू नहीं है। कई बार डीईओ को पत्र भी लिखे लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में वेतन संबंधित दस्तावेज तैयार करने में दिक्कत आती है। एमएस महाबल के शिक्षक मुबारिक खान को शैक्षणिक कार्य के साथ लिए संकुल केन्द्र पर लगा रखा था, ताकि परेशानी खत्म हो जाए, लेकिन निरीक्षण दल ने 1 अगस्त को स्कूल चैक किया तो अनुपस्थित बताकर रिपोर्ट डीसीसी कार्यालय दे दी और निलंबित कर दिया, जबकि वह उस समय बिल के काम से बीईओ कार्यालय में उपस्थित थे। अब डर के चलते दूसरे टीचर भी यहां शैक्षणिक कार्य के साथ हमारा काम करने को तैयार नहीं है।
मामला-02
वेतन बनाने का काम बीईओ कार्यालय का
संकुल केन्द्र का मानना है कि 29 अगस्त को लोक शिक्षण का एक आदेश आया है, जिसके मुताबिक वेतन बनाने का काम अब संकुल केन्द्र का नहीं है, बल्कि बीईओ ऑफिस का है। वह स्वयं जानकारी जुटाकर वेतन बनाए। इसके बाद हमारे यहां से कोई जानकारी भी वेतन संबंधित नहीं मांगी गई। जब मांगी तो हमने तत्काल 15 अगस्त को जानकारी उपलब्ध करा दी, लेकिन इसके बाद भी तो बीईओ कार्यालय द्वारा वेतन जारी नहीं करवाया गया।
मामला-03
संकुल से नहीं भेजी जानकारी, हमने जुटाई
अब बीईओ कार्यालय का तर्क है कि वेतन संबंधित दस्तावेज भेजने में संकुल केन्द्र ने रुचि नहीं ली। ऐसे में हमने हमारे जनशिक्षकों के माध्यम से वहां के टीचरों की उपस्थित अपने स्तर पर जुटाई है, ताकि उनका वेतन प्रभावित न हो। जानकारी जुटाने के बाद हमने बिल भी कोषालय में पहुंचा दिए, ताकि जल्द से जल्द इनका वेतन निकल जाए।
मामला-04
ट्रेजरी वाले नहीं निकाल रहे वेतन
बीईओ कार्यालय का तर्क उधर यह भी है कि हम अपना काम पूरा कर चुके हैं। ट्रेजरी द्वारा वेतन को रोका जा रहा है। उनके द्वारा कुछ अन्य दस्तावेजों को लेकर वेतन रोका गया है, जिसकी सूचना हम ट्रेजरी में भ लिखित में दे चुके हैं, कि इस बार वेतन निकाल दो अगली बार उपलब्ध करा देंगें। उधर संकुल को भी सूचना भेज दी कि आप आवश्यक दसतावेज जमा करा दो तब वेतन जारी होगा, लेकिन दोनों सुनने को तैयार नहीं।
मामला-05
आधारलिंक होना है, नहीं दे रहे जानकारी
इस सबके बीच जिला कोषालय का भी अपना तर्क है कि जिन टीचरों का वेतन बनना है उनका खातों से आधार लिंक होना है, लेकिन दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। ट्रेजरी ऑफिस का पक्ष है कि हम बीईओ कार्यालय को सूचना दे चुके हैं, तो क्यों नहीं आधार उपलब्ध करवा पा रहे हैं। आधार तो आवश्यक है वेतन के लिए।
बाक्सः बीईओ में उपस्थिति फिर भी निलंबित, यह अनुपस्थित फिर भी अभयदान
जानकारी के मुताबिक एमएस के शिक्षक मुबारिक खान को इसलिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि वह अपनी संस्था महाबल में न होकर अतिरिक्त कार्य के रूप में संकुल केन्द्र का कार्य करने बीईओ कार्यालय राजगढ़ में थे। बिल संबंधित कामों के लिए जब वह बीईओ कार्यालय में मौजूद थे तभी उन्हें निरीक्षणदल ने स्कूल में अनुपस्थित पाकर अपनी रिपोर्ट डीपीसी को दी और वहां से बिना कोई नोटिस जारी किए शिक्षक को निलंबित कर दिया गया, जबकि हाल ही में कुछ दिनों पूर्व निरीक्षण दलों द्वारा जिले के विभिन्न स्कूलों में जब चैकिंग अभियान चलाया था तो करीब 30 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं अनुपस्थित मिले थे। जिनकी क्लास भी एक दिन कलेक्टर तरूण कुमार पिथोड़े द्वारा लेते हुए उन्हें हिदायत देकर छोड़ दिया गया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब मुबारिक बीईओ ऑफिस में विभागीय कार्य से ही उपस्थित थे तो उन्हें क्यों निलंबित किया और जब उधर बड़ी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित मिले थे तो उन्हें क्यों अभयदान देकर छोड़ा गया...?
किसने क्या कहा
वेतन बनाने का काम बीईओ कार्यालय का ही है। हमारे पास कोई गणक नहीं है, जिसे हमने अतिरिक्त कार्य के लिए लगाया था वह निलंबित हो गए। अब दूसरा कोई डर के कारण काम करने को तैयार नहीं है। हमने जानकारी बीईओ कार्यालय को 15 तारीख को ही दे दी फिर भी वेतन क्यों नहीं बनाया गया।
आरएल सौंधिया, संकुल प्राचार्य कीलखेड़ा
संकुल केन्द्र से कोई जानकारी नहीं भेजी हमने अपने जनशिक्षकों से जानकारी जुटाई है। बिल ट्रेजरी में भेज दिए लेकिन अब वह वेतन जारी नहीं कर रहे हैं। जबकि हम पत्र भी लिख चुके हैं।
एमएम कारपेंटर, बीईओ राजगढ़
आधार लिंक होना है और इसके लिए हम संबंधिक अधिकारी को अवगत करा चुके, लेकिन दस्तावेज नहीं पहुंचाए गएं इस कारण से वेतन अटका हुआ है।
व्हीपी सोनी, जिला कोषालय अधिकारी राजगढ़
फोटो 2609 आरजे 01 राजगढ़। बीईओ कार्यालय।
राजेश शर्मा
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