अब शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग की प्राथमिक, माध्यमिक के
प्रधान पाठक और हाईस्कूल व हायर सेकंडरी के प्राचार्यों को कम से कम दो-दो
विषय पढ़ाना अनिवार्य हो गया है।
लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में पिछले दिनों आदेश जारी किया था। स्थानीय स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वैद्य ने भी इस संबंध में प्राचार्य और प्रधान-अध्यापकों को पत्र जारी कर दिए हैं। अब तक प्राचार्य और प्रधान पाठक स्कूलों की व्यवस्था पर ध्यान देते थे। नए आदेश के बाद व्यवस्था के साथ विद्यार्थियों को पढ़ाना भी पड़ेगा। शिक्षकों की कमी, नई भर्ती का अभाव और घटते परीक्षा परिणाम को लेकर राज्य स्तरीय परियोजना परीक्षण समिति ने यह निर्णय लिया है।
कक्षा व विषय का परीक्षा परिणाम नाम से दर्ज होगा
अब अध्यापन वाली कक्षा व विषय का परीक्षा परिणाम उन्हीं के नाम से दर्ज किया जाएगा। विषय विशेषज्ञ के पढ़ाने से विद्यार्थियों का स्तर समझ आएगा। इसमें सुधार के लिए खुद प्रयास कर सकेंगे।
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कक्षा व विषय का परीक्षा परिणाम नाम से दर्ज होगा
अब अध्यापन वाली कक्षा व विषय का परीक्षा परिणाम उन्हीं के नाम से दर्ज किया जाएगा। विषय विशेषज्ञ के पढ़ाने से विद्यार्थियों का स्तर समझ आएगा। इसमें सुधार के लिए खुद प्रयास कर सकेंगे।
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