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RTE : सपनों से कम नहीं बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाना

सीहोर। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आरक्षित वर्ग के पालकों के अपने बच्चों को निजी स्कूलों में शिक्षा दिलाना सपने से कम नहीं है। पेचीदा प्रक्रिया के तहत पालक अपने बच्चों के लिए परेशान हो रहे हैं। कई पालकों को तो बच्चों के सीट आवंटन के एसएमएस ही नहीं मिले हैं। इसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।



जिले में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 7700 सीटें आरक्षित हैं। इनमें से 6696 पालकों ने अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने आवेदन जमा कराए गए थे। प्रथम बार ऑनलाइन, आफलाइन तरीके से सरकार द्वारा आरटीई में प्रवेशित बच्चों के नाम 2 अगस्त को लॉटरी से निकाले गए थे। इसके साथ 3 अगस्त से आवेदन फार्मों की सत्यापन की प्रक्रिया शुरू गई थी। सत्यापन की प्रकिया आगामी 13 तक बढ़ा दी गई है। इसके बाद भी अनेक पालकों को अपने बच्चों के सीट आवंटन के एसएमएस अभी तक नहीं मिल सके हैं। इसके कारण वह एमपी आनलाइन सेंटरों पर परेशान हो रहे हैं। इस संबंध में चरनाल निवासी राम सिंह ने बताया कि उसे पता चला की सीहोर में दस्तावेजों का जमा करना है।वह सुबह से इधर-उधर भटक रहा है। उसे अभी तक पता नहीं लगा है कि उसके बच्चे का प्रवेश होगा या नहीं है। वहीं प्रवेश सत्यापन प्रक्रिया में अनेक प्रोफेसरों को लगा लिए जाने से भी स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एमएलबी स्कूल में तो तीन शिक्षक ही शेष बचे हैं। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
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