भास्कर संवाददाता | होशंगाबाद स्कूलों में शिक्षक समय पर पहुंच रहे हैं या नहीं, कक्षा में अपने विषय
की पढ़ाई निर्धारित समय पर करवा पा रहे हैं या नहीं, गैर शैक्षणिक कामों
की आड़ लेकर शिक्षक स्कूल के समय में बाहर तो नहीं है अब इस सब की
मॉनीटरिंग करना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी होगी।
यह बात शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने कलेक्टर संकेत भोंडवे को लिखे पत्र में लिखी।
अपर सचिव ने स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में आ रही कमी पर चिंता जताई है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि शिक्षा विभाग और संकुल के अधिकारियों को सप्ताह में दो बार शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का दौरा करने के निर्देश भी दिए हैं।
अब नेतागिरी नहीं कर सकेंगे शिक्षक
शिक्षकों की समस्या उच्च अधिकारियों से सुलझाने के नाम पर कई शिक्षक अक्सर स्कूली समय में शिक्षा विभाग के कार्यालयों में पहुंच जाते हैं। अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों के लिए सख्त निर्देश दिए हैं कि वे लिखित तौर पर संकुल, जिला, संभाग और राज्य स्तरीय कायार्यालयों में समस्या संबंधी पत्र पहुंचाएंगे। जब तक उन्हें उच्च अधिकारी स्वयं उपस्थित होने के निर्देश नहीं देते तब तक वे कार्यालयों में नहीं पहुंचेंगे। ऐसा होने पर शिक्षकों के वेतन कटौती की कार्रवाई की जाएगी।
हो सकती है एफआईआर
अपर सचिव ने अपने पत्र में इस बात को हाईलाइट किया है कि ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिनमें शिक्षक अपनी जगह पर किसी अन्य को अध्यापन करने के लिए स्कूलों में पहुंचा रहे हैं। यदि जिले में ऐसा काम करने वाले शिक्षक मिलते हैं तो शिक्षक पर तो अनुशासनात्मक कार्रवाई कर उसे सस्पेंड किया जाएगा। जिस व्यक्ति को शिक्षक अपने एवज में स्कूल में खड़ा करेगा उस व्यक्ति पर भी एफआईआर कराई जाएगी।
अब यह होगा
- शिक्षकों के नंबर स्कूल के सूचना पटल पर लिखे जाएंगे।
- संकुल और जिले के अधिकारी सप्ताह में दो बार स्कूल का निरीक्षण करेंगे।
- यदि कोई शिक्षक बिना उचित कारण बताए स्कूल में अनुपस्थित हुआ तो वेतन काटा जाएगा।
- अधिकारी के निर्देश के बिना शिक्षक उच्च कार्यालयों में नहीं जा सकेंगे।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यह बात शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने कलेक्टर संकेत भोंडवे को लिखे पत्र में लिखी।
अपर सचिव ने स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में आ रही कमी पर चिंता जताई है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि शिक्षा विभाग और संकुल के अधिकारियों को सप्ताह में दो बार शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का दौरा करने के निर्देश भी दिए हैं।
अब नेतागिरी नहीं कर सकेंगे शिक्षक
शिक्षकों की समस्या उच्च अधिकारियों से सुलझाने के नाम पर कई शिक्षक अक्सर स्कूली समय में शिक्षा विभाग के कार्यालयों में पहुंच जाते हैं। अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों के लिए सख्त निर्देश दिए हैं कि वे लिखित तौर पर संकुल, जिला, संभाग और राज्य स्तरीय कायार्यालयों में समस्या संबंधी पत्र पहुंचाएंगे। जब तक उन्हें उच्च अधिकारी स्वयं उपस्थित होने के निर्देश नहीं देते तब तक वे कार्यालयों में नहीं पहुंचेंगे। ऐसा होने पर शिक्षकों के वेतन कटौती की कार्रवाई की जाएगी।
हो सकती है एफआईआर
अपर सचिव ने अपने पत्र में इस बात को हाईलाइट किया है कि ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिनमें शिक्षक अपनी जगह पर किसी अन्य को अध्यापन करने के लिए स्कूलों में पहुंचा रहे हैं। यदि जिले में ऐसा काम करने वाले शिक्षक मिलते हैं तो शिक्षक पर तो अनुशासनात्मक कार्रवाई कर उसे सस्पेंड किया जाएगा। जिस व्यक्ति को शिक्षक अपने एवज में स्कूल में खड़ा करेगा उस व्यक्ति पर भी एफआईआर कराई जाएगी।
अब यह होगा
- शिक्षकों के नंबर स्कूल के सूचना पटल पर लिखे जाएंगे।
- संकुल और जिले के अधिकारी सप्ताह में दो बार स्कूल का निरीक्षण करेंगे।
- यदि कोई शिक्षक बिना उचित कारण बताए स्कूल में अनुपस्थित हुआ तो वेतन काटा जाएगा।
- अधिकारी के निर्देश के बिना शिक्षक उच्च कार्यालयों में नहीं जा सकेंगे।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC