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अनुभवियों को दरकिनार कर चहेते अतिथि शिक्षकों को दी नियुक्ति

अखलेश गुप्ता। सीहोर। जिले भर के कई संकुल केंद्रों में डीईओ के आदेश के बाद अतिथि भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, लेकिन प्राचार्य व शाला प्रभारियों ने नियमों को ताक पर रखकर अतिथि शिक्षक भर्ती कर रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में संकुल प्राचार्य व शाला प्रभारियों द्वारा की गई गड़बड़ी और मनमानी को लेकर अतिथि शिक्षकों ने कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन देकर इसकी शिकायत भी की है।
दरअसल भर्ती प्रकिया को लेकर पुराने अतिथि शिक्षकों का कार्य व्यवहार कुशल होने पर उन्हें वरीयता देने थी, लेकिन स्कूल के प्राचायोर् ने अनुभवियों को मौका न देते हुए अप्रशिक्षित, जनप्रतिनिधियों व अपने चहेतों को नियुक्त कर लिया। इससे पुराने अतिथि शिक्षकों में रोष है। इसको लेकर व आलाधिकारियों सहित सीएम हेल्प लाइन भी मामले की शिकायत कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जिले भर में करीब 1500 अतिथि शिक्षकों को नियुक्त किया जाना है, जिसमें से कई स्कूल अभी भी खाली पड़े हैं और कई जगह पुराने अतिथि शिक्षकों को नहीं रखा गया है, जिससे विवाद की स्थिति बन रही है। हालांकि इसका प्रमुख कारण संविदा शिक्षक भर्ती में अतिथियों को अनुभव के अंक मिलना और वेतन बढ़ने की बात सामने आ रही है। इस कारण से कई स्कूलों में तो प्राचार्य ने खुद अपने चहेतों का रख लिया और कई स्कूलों में राजनीतिक दबाव के चलते नियुक्तियां की गई हैं। यही कारण हैं कि प्राचार्यों पर नियम विरुद्घ नियुक्तियां करने के आरोप लग रहे हैं। कुछ स्कूलों में पांच-पांच साल के अनुभव को दरकिनार किया गया है, तो कई जगह विषय विशेष पर न करते हुए कामर्स विषय के आवेदकों को रखा गया है। इतना ही नहीं कई स्कूलों में अप्रशिक्षित व दूसरे जिले के अतिथियों को नियुक्त कर दिया गया है।
क्या है मामला
बताया जा रहा है कि इस बार अतिथि शिक्षकों की पूरी जानकारी ऑन लाइन की जा रही है। साथ ही शासन अतिथि शिक्षकों का वेतन भी दोगुना करने वाला है। इसके अलावा संविदा शिक्षक भर्ती निकलने वाली हैं, जिसमें अतिथि शिक्षक को एक वर्ष के 5 अंक दिए जाएंगे। इस कारण से अतिथि शिक्षक के अधिक आवेदन आए हैं। ऐसी स्थिति में कई प्राचार्यों ने अपने चहेतों को तो कई जगह जनप्रतिनिधियों के दबाव में नियम विरुद्घ अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर दी है। इससे लगातार शिकायतों का दौर चल रहा है। जबकि जिम्मेदार मामले को छुपाते नजर आ रहे हैं।
मामला 1ः 19 दिन रखकर हटा दिया
अंजना शर्मा आवासीय खेलकूद संस्थान में शिक्षा सत्र 2015-16 में पिछले एस वर्ष से पढ़ा रही थी। जिन्होंने नवीन शिक्षा सत्र में आवेदन किया था, जिनका चयन भी हो गया था और 1 जुलाई से वह पढ़ा रही थीं, लेकिन 19 जुलाई को एक नियम का हवाला देते हुए कम एमए अंग्रेजी में प्रतिशत कम होना बताकर हटा दिया। इसके बाद दूसरी नियुक्ति कर ली। जबकि नए अतिथि के पास अनुभव नहीं था। उसके बाद भी नियम विरुद्घ वरियता दी गई।
प्राचार्य आलोक शर्मा का कहनाः वर्ग एक में पीजी में द्वितीय श्रेणी में होना जरूरी होता है। मेडम तृतिय श्रेणी में थी। इसके बाद 6 आवेदन आए थे, जिसमें योग्यता थी उन्हें रख लिया। पहले अनुभव को नहीं योग्यता को देखा जाता है।
मामला 2ः दूसरे जिले का रख लिया अतिथि
शासकीय प्राथमि वमाध्यमिक शाला पट में पिछले एक साल से अंकित श्रीवास्तव, इमरत अहिरवार और रेखा दांगी पिछले 2 साल से स्कूल में पढ़ा रही थीं, लेकिन इस बार उनके आवेदन निरस्त कर दिए और इसकी वजह भी नहीं बता रहे। जबकि आवेदकों का कहना है कि यदि नियमानुसार नियुक्ति की गई है, तो हमें उनके दस्तावेज दिखाए जाए, लेकिन जानकारी भी नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं 4 की जगह पांच अतिथि नियुक्त किया गया है। इनमें नियुक्तियों में खास बात यह है कि भोपाल, बैतूल, बरखेड़ा हसन और दोराहा के अतिथि रखे गए हैं, जबकि पहले पंचायत, आसपास की पंचायत और तहसील स्तर पर नियुक्ति की जाती है।
शाला प्रभारी राजीव श्रीवास्तव का कहना। मेरे स्कूल में दो दोराहा जोड़ और एक श्यामपुर के अतिथि को रखा गया है, तीनों की योग्यता के आधार पर नियुक्ति की गई है। जो भी शिकायत कर रहा है, वह निराधार है। चाहे तो आप दस्तावेज चैक कर सकते हैं।
मामला 3ः वर्ग दो में रख लिया कामर्स
शासकीय माध्यमिक शाला गादिया सहित अन्य स्कूलों के वर्षों से पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों ने सीएम हेल्प लाइन सहित बीईओ, डीईओ, कलेक्टर सहित अन्य जिम्मेदारों से की है। रामसिंह ने शिकायत की है कि वह दो साल से स्कूल में पढ़ा रहे हैं, बीए और डीएड भी है, लेकिन उनके स्थान पर कामर्स वाले को रखा लिया है, जो अप्रशिक्षित भी हैं। वहीं दूसरे स्कूलों में उनका आवेदन भी नहीं लिया गया। बाबड़िया गोसाई में लक्ष्मीनारायण वर्मा 5 साल से पढ़ा रहे थे। दो साल से आवेदन देने के बाद भी उसे निरस्त कर दिया, उमरखाल में विष्णु प्रसाद एक साल से पढ़ा रहे थे। डीएड है फिर भी दूसरे को रख लिया, सिराड़ी में देवराज वर्मा पांच साल से पढ़ा रहे थे, लेकिन शाला प्रभारी ने मनमानी कर दूसरे अप्रशिक्षित अतिथियों को नियुक्त किया है।
शाला प्रभारी रमेश गोयल का कहनाः शासन के आदेश अनुसार ही नियुक्ति की गई है। जिनको नहीं रखा गया है, वह झूठी शिकायतें कर रहे है। यदि चाहे तो मामले की जांच करा ले। स्थिति साफ हो जाएगी।
करा रहे जांच
जहां से भी नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है, उसकी जांच कराई जा रही है। साथ ही यदि संस्था प्रमुख और एसएमडी के अध्यक्ष की सहमति से नियुक्ति की गई है, तो वह मान्य की जाएगी।
अनिल कुमार वैद्य, डीईओ
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