छिंदवाड़ा . आदिम
जाति कल्याण विभाग इस वर्ष शिक्षक नहीं बल्कि लिपिक और चतुर्थ श्रेणी
कर्मचारियों के तबादले के मूड में है। विभाग मान रहा है कि शिक्षकों के
स्थानांतरण से स्कूल प्रभावित होंगे। इसके चलते जरूरी ट्रांसफर के लिए
नेताओं और विधायकों की सिफारिशी पत्र के साथ आवेदन आना शुरू हो गएहै।राज्य
शासन द्वारा तबादले की समय सीमा 16 अगस्त तय की गई है। इस हिसाब से
शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने इस विभाग में स्थानांतरण के आवेदन किए
हैं। उनमें केवल लिपिकीय कर्मचारियों की सूची बनाकर प्रभारी मंत्री के
अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। जिस पर हस्ताक्षर होने के बाद इसे विभागीय
अधिकारी जारी करेंगे।
पंचायत सचिवों को राहत, केवल दागियों के होंगे ट्रांसफर
राज्य
शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पंचायत सचिवों की तबादला
नीति में राहत दे दी गई है। संशोधित स्थानांतरण नीति के अनुसार एेसे पंचायत
सचिव जिन्हें विगत तीन वर्ष में कोई दण्ड दिया गया हो अथवा जिनके विरूद्ध
गंभीर प्रशासनिक लापरवाही अथवा वित्तीय अनियमितता की शिकायत की जांच चल रही
हो, उनके स्थानांतरण किए जाएंगे। इस स्थिति में जिनके उसी जनपद क्षेत्र
में 12 वर्ष से अधिक समय हो गया हो, उन्हें दूसरी जनपद में पदस्थ किया
जाएगा। इससे कम वालों को उसी जनपद क्षेत्र की पंचायत में पदस्थ किया जाएगा।
पंचायत सचिव संगठन के जिलाध्यक्ष प्रहलाद उसरेठे ने बताया कि संशोधित नीति
से सचिवों को राहत मिली है।
प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के लिए भेजेंगे सूची
शिक्षकों
के तबादले नहीं बल्कि लिपिकीय कर्मचारियों के प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं,
जिसे प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद जारी किया जाएगा।
एनएस बरकड़े, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास
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