शाजापुर। ब्यूरो शिक्षा संस्थानों को तंबाकू और धूम्रपान मुक्त
करने के लिए शिक्षा विभाग ने एक बार फिर निर्देश जारी किए हैं। इस बार
निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। कहा है कि अगर स्कूल परिसर
में तंबाकू कोई भी तंबाकू का सेवन करता पाया गया तो प्राचार्य पर कार्रवाई
की जाएगी।
स्कूल प्राचार्यों को परिसर में तंबाकू मुक्त क्षेत्र और मुख्य गेट पर 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध संबंधी चेतावनी भी लिखना होगी। बहरहाल फिलहाल तो जिला मुख्यालय पर ही कई ऐसे स्कूल हैं, जिनके मुख्य द्वार से सटकर ही तंबाकू उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है। देखना है कि नए निर्देशों का असर होता है या पूर्व की तरह महज औपचारिक ही होकर रह जाएगी।
लोक शिक्षण संचालनालय के नवीन निर्देशों के अनुसार सरकारी और निजी स्कूलों को तंबाकू मुक्त करना प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी। प्राचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी को लिखकर घोषणा-पत्र देना होगा। इसमें प्राचार्यों द्वारा स्कूल पूरी तरह तंबाकू मुक्त होने की पुष्टी की जाएगी। लिखना होगा की स्कूल का कोई भी शिक्षक, छात्र और स्टॉफ तंबाकू का सेवन नहीं करता और परिसर में भी इसका उपयोग नहीं किया जाता। इस बार जारी निर्देशों में खास बात यह है कि स्कूल में जांच के दौरान दीवारों पर तंबाकू-गुटखे के दाग नजर आए तो इसका जिम्मेदार भी संस्था प्रमुक को माना जाएगा।
निर्देशों के पालन की रिपोर्ट
नवीन निर्देशों के पालन में की गई कार्रवाई और पालन को लेकर प्राचार्यों को हर तीन माह में रिपोर्ट शिक्षा विभाग को देनी होगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक फॉरमेट भी तैयार किया है। जो निर्देशों के साथ ही प्राचार्यों को दिया गया है। इसमें यह उल्लेख करना जरूरी होगा कि स्कूल परिसर में कोई भी बाहरी व्यक्ति , स्टॉफ और छात्र तंबाकू पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। साथ ही यह भी लिखना अनिवार्य है कि वे परिसर की जांच कर चुके हैं। जहां बीड़ी, सिगरेट, गुटखे के पाउच और तंबाकू थूकने के निशान नहीं पाए गए। प्राचार्यों को हर तीन महीने में इस तरह की रिपोर्ट देना होगी।
पूर्व में भी हुई कवायद
स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए पूर्व में भी कवायद की जा चुकी है। इस तरह के निर्देश पहले भी जारी किए गए। किंतु इन पर सख्ती से अमल नहीं कराया जा सका। हालात यह है कि जिला मुख्यालय पर ही कई स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पाद का जमकर विक्रय होता है, तो कई शिक्षक ही तंबाकू उत्पादों का सेवन करते देखे जाते हैं। पूर्व में कलेक्टर राजीव शर्मा ने भी निर्देश जारी कर शिक्षा संस्थानों के पास से तंबाकू उत्पादों के विक्रय पर प्रतिबंध के लिए अधीनस्थों को कार्रवाई के लिए कहा था, किंतु इसका भी असर दिखाई नहीं दिया।
निर्देशों का पालन कराएंगे
स्कूल परिसर व आसपास तंबाकू उत्पादों के बिक्रय व सेवन पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। इस संबंध में हाल ही में प्राप्त निर्देशों का भी सख्ती से पालन कराएंगे।
- विवेक दुबे, प्रभारी सहायक संचालक शिक्षा
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स्कूल प्राचार्यों को परिसर में तंबाकू मुक्त क्षेत्र और मुख्य गेट पर 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध संबंधी चेतावनी भी लिखना होगी। बहरहाल फिलहाल तो जिला मुख्यालय पर ही कई ऐसे स्कूल हैं, जिनके मुख्य द्वार से सटकर ही तंबाकू उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है। देखना है कि नए निर्देशों का असर होता है या पूर्व की तरह महज औपचारिक ही होकर रह जाएगी।
लोक शिक्षण संचालनालय के नवीन निर्देशों के अनुसार सरकारी और निजी स्कूलों को तंबाकू मुक्त करना प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी। प्राचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी को लिखकर घोषणा-पत्र देना होगा। इसमें प्राचार्यों द्वारा स्कूल पूरी तरह तंबाकू मुक्त होने की पुष्टी की जाएगी। लिखना होगा की स्कूल का कोई भी शिक्षक, छात्र और स्टॉफ तंबाकू का सेवन नहीं करता और परिसर में भी इसका उपयोग नहीं किया जाता। इस बार जारी निर्देशों में खास बात यह है कि स्कूल में जांच के दौरान दीवारों पर तंबाकू-गुटखे के दाग नजर आए तो इसका जिम्मेदार भी संस्था प्रमुक को माना जाएगा।
निर्देशों के पालन की रिपोर्ट
नवीन निर्देशों के पालन में की गई कार्रवाई और पालन को लेकर प्राचार्यों को हर तीन माह में रिपोर्ट शिक्षा विभाग को देनी होगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक फॉरमेट भी तैयार किया है। जो निर्देशों के साथ ही प्राचार्यों को दिया गया है। इसमें यह उल्लेख करना जरूरी होगा कि स्कूल परिसर में कोई भी बाहरी व्यक्ति , स्टॉफ और छात्र तंबाकू पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। साथ ही यह भी लिखना अनिवार्य है कि वे परिसर की जांच कर चुके हैं। जहां बीड़ी, सिगरेट, गुटखे के पाउच और तंबाकू थूकने के निशान नहीं पाए गए। प्राचार्यों को हर तीन महीने में इस तरह की रिपोर्ट देना होगी।
पूर्व में भी हुई कवायद
स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए पूर्व में भी कवायद की जा चुकी है। इस तरह के निर्देश पहले भी जारी किए गए। किंतु इन पर सख्ती से अमल नहीं कराया जा सका। हालात यह है कि जिला मुख्यालय पर ही कई स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पाद का जमकर विक्रय होता है, तो कई शिक्षक ही तंबाकू उत्पादों का सेवन करते देखे जाते हैं। पूर्व में कलेक्टर राजीव शर्मा ने भी निर्देश जारी कर शिक्षा संस्थानों के पास से तंबाकू उत्पादों के विक्रय पर प्रतिबंध के लिए अधीनस्थों को कार्रवाई के लिए कहा था, किंतु इसका भी असर दिखाई नहीं दिया।
निर्देशों का पालन कराएंगे
स्कूल परिसर व आसपास तंबाकू उत्पादों के बिक्रय व सेवन पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। इस संबंध में हाल ही में प्राप्त निर्देशों का भी सख्ती से पालन कराएंगे।
- विवेक दुबे, प्रभारी सहायक संचालक शिक्षा
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