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छुट्टियां हुईं खत्म, 16 से खुलेंगे स्कूल

डिंडोरी। करीब दो माह से छुट्टियों का आनंद ले रहे बच्चों के स्कूल 16 जून से खुल जाएंगे। प्रशासन द्वारा 16 जून को जिले भर के करीब 1956 स्कूलों में प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन स्कूलों में विद्यार्थियों का स्वागत किया जाएगा। एक सप्ताह तक बाल सभाएं आयोजित की जाएंगी, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगेे। प्रवेशोत्सव की तैयारियों को लेकर कलेक्टर अमित तोमर द्वारा आज एक बैठक भी आयोजित की गई है। जिसमेंं संकुल प्राचार्य से लेकर प्राचार्य, बीओ, बीआरसी सहित अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहेंगे। निर्देश हैं कि स्कूल क्षेत्र के शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूल तक लाया जाए, उनकी दक्षता मापी जाए। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा इस कार्य के लिए तैयारियां जोरों पर चल रहीं हैं। जिला शिक्षा अधिकारी केके पटेल और डीपीसी राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा प्रवेशोत्सव को लेकर तैयारियां की जा चुकी हैं। समस्त स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर द्वारा आज बैठक आयोजित की गई है जिसमें अधिकारी-कर्मचारियों को इसको लेकर दिशा निर्देश दिए जाएंगे।
आज मंसूरी हाल में होगी बैठक
स्कूल चलें अभियान को जनआंदोलन के रूप में संचालित करने के लिए जिले के समस्त बीईओ, संकुल प्राचार्य, जनशिक्षा केंद्र प्रभारी, बीआरसी, बीएसी, जनशिक्षक सहित तमाम लोगों को मंगलवार को आज मंसूरी हाल में आयोजित होने वाली बैठक में बुलाया गया है। बैठक में स्कूल चलें अभियान के प्रथम चरण की समीक्षा की जाएगी और द्वितीय चरण के सफल क्रियान्वयन के लिए दिशा निर्देश दिए जाएंगे।
सात दिन तक होंगे आयोजन
प्रवेशोत्सव के बाद एक सप्ताह तक बाल सभाएं आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसमें 16 जून से 23 जून तक प्रतिदिन छात्रों और शिक्षकों द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियां होंगी, पुस्तकों का वितरण सहित मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पहले दिन धूमधाम से प्रवेशोत्सव होगा जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा, द्वितीय दिवस चित्रकारी-खेलकूंद, तीसरे दिन गीत गायन-कविता पाठ, चौथे दिन छात्रावासों में पालकों का संवाद होगा, पांचवे दिन सामान्य ज्ञान पर चर्चा, छठवें दिन एकाग्रता पर आधारित कथावाचन और सातवे दिन स्कूल परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित होंगे।
परखी जाएगी बच्चों की दक्षता

आए निर्देशों के अनुसार सत्र के प्रारंभ से ही प्रत्येक स्कूल में एक माह तक पिछली कक्षा के पाठ्यक्रम का रिवीजन कराए जाए और माह के अंत में बच्चों की दक्षता में सुधार का आंकलन किया जाए। इसके अलावा कक्षा 1 व 2 के बच्चों को मूलभूत दक्षता जिसमें पढऩा-लिखना सहित अंकगणित के अंक्षरों का ज्ञान प्राप्त किया जाए। कक्षा 3 के विद्यार्थियों व आगे की कक्षाओं के बच्चे विषय संबंधी अवधारणा की समझ प्राप्त करें। विशेष कक्षाओं का आयोजन कर बच्चों की दक्षता में सुधार लाया जाए। स्कूलों में प्रतिदिन एक घंटे की विशेष कक्षाएं लगाई जाएं। शिक्षकों द्वारा इन्हें प्रोत्साहित किया जाए। प्रत्येक शिक्षक छात्रों को भयमुक्त वातावरण दें।
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