राजगढ़ ब्यूरो। जिला शिक्षा कार्यालय में 4 महीनों से लंबित अपनी फाइलों 
के निराकरण के लिए सुबह से लेकर रात 8 बजे तक वर्ग 3 के संविदा शिक्षक जमे 
रहे। लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी। स्थापना शाखा से लेकर 
जिला शिक्षाधिकारी तक किसी भी ने उनकी बात पर गौर करना उचित नहीं समझा। 
इधर मामले में सुबह से परेशान हो रहे शिक्षक, शिक्षिकाओं ने जिला कलेक्टर को भी फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बाद में वे जिद पर अड़े और देर रात तक जिला शिक्षा कार्यालय में डटे रहे। संविदा शिक्षकों के अनुसार संविलियन नीति के तहत सहायक अध्यापकों में संविलियन होना है। डीईओ में ऑफिस में फाइल को अटका रखा है। पहले भी अवगत करा चुके है। शिक्षक मनोज यादव ने बताया कि सुबह से डीईओ एसके मिश्रा ने मिलने की बात कही थी लेकिन वे समय नहीं दे रहे हैं।
हफ्तेभर का दिया समय
संविदा शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में संविलियन होने के मामले में जिला पंचायत पहुंचे शिक्षकों ने जब जिपं सीईओ से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा कार्यालय से हमारे पास फाईल नहीं आई है। इधर दोबारा सभी शिक्षक डीईओ कार्यालय में पहुंचे लेकिन वहां मौजूद बाबुओं, अधिकारियों ने उनसे बात करने में भी रूचि नहीं ली। शिक्षा विभाग में ही शिक्षकों के साथ किसी प्रकार का सद्व्यवहार नहीं हो रहा है। इधर जिला शिक्षा कार्यालय में पिछले डेढ़ साल से कईं सारी शिकायतें सामने आ रही है। कभी शिक्षकों के तबादलों के आदेशों पर महीनों तक हरी झण्डी नहीं दी जाती है और कभी शिक्षिकाओं के आदेशों पर जिला शिक्षा अधिकारी रूचि नहीं लेते है। कईं मामले ऐसे भी सामने आते हैं जहां बहाली के नाम पर दूसरी शालाओं में शिक्षकों को भेजा जा रहा है। अप्रैल माह में 3 मामलों में जिला शिक्षा कार्यालय ने नियम विरूद्घ तरीके से ब्यावरा के 2 एवं 1 राजगढ़ के शिक्षक की बहाली मूल संस्था के बजाय अन्य जगह कर दी। कुल मिलाकर जिला शिक्षा कार्यालय में बिना पैसे दिए काम होते ही नहीं है। विभाग के ही कईं शिक्षकों ने इस बाबत खुलेआम आरोप लगाए है। इधर शिक्षक दिन भर जिला शिक्षाधिकारी एसके मिश्रा को फोन लगाते रहे लेकिन उन्होंने किसी का भी फोन नहीं उठाया।
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इधर मामले में सुबह से परेशान हो रहे शिक्षक, शिक्षिकाओं ने जिला कलेक्टर को भी फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बाद में वे जिद पर अड़े और देर रात तक जिला शिक्षा कार्यालय में डटे रहे। संविदा शिक्षकों के अनुसार संविलियन नीति के तहत सहायक अध्यापकों में संविलियन होना है। डीईओ में ऑफिस में फाइल को अटका रखा है। पहले भी अवगत करा चुके है। शिक्षक मनोज यादव ने बताया कि सुबह से डीईओ एसके मिश्रा ने मिलने की बात कही थी लेकिन वे समय नहीं दे रहे हैं।
हफ्तेभर का दिया समय
संविदा शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में संविलियन होने के मामले में जिला पंचायत पहुंचे शिक्षकों ने जब जिपं सीईओ से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा कार्यालय से हमारे पास फाईल नहीं आई है। इधर दोबारा सभी शिक्षक डीईओ कार्यालय में पहुंचे लेकिन वहां मौजूद बाबुओं, अधिकारियों ने उनसे बात करने में भी रूचि नहीं ली। शिक्षा विभाग में ही शिक्षकों के साथ किसी प्रकार का सद्व्यवहार नहीं हो रहा है। इधर जिला शिक्षा कार्यालय में पिछले डेढ़ साल से कईं सारी शिकायतें सामने आ रही है। कभी शिक्षकों के तबादलों के आदेशों पर महीनों तक हरी झण्डी नहीं दी जाती है और कभी शिक्षिकाओं के आदेशों पर जिला शिक्षा अधिकारी रूचि नहीं लेते है। कईं मामले ऐसे भी सामने आते हैं जहां बहाली के नाम पर दूसरी शालाओं में शिक्षकों को भेजा जा रहा है। अप्रैल माह में 3 मामलों में जिला शिक्षा कार्यालय ने नियम विरूद्घ तरीके से ब्यावरा के 2 एवं 1 राजगढ़ के शिक्षक की बहाली मूल संस्था के बजाय अन्य जगह कर दी। कुल मिलाकर जिला शिक्षा कार्यालय में बिना पैसे दिए काम होते ही नहीं है। विभाग के ही कईं शिक्षकों ने इस बाबत खुलेआम आरोप लगाए है। इधर शिक्षक दिन भर जिला शिक्षाधिकारी एसके मिश्रा को फोन लगाते रहे लेकिन उन्होंने किसी का भी फोन नहीं उठाया।
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