जबलपुर। शुक्रवार को अचानक डीईओ कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे
संभागीय संचालक लोक शिक्षण (जेडी) डीईओ के ढीले कामकाज पर जमकर बिफरे।
सालों से शिक्षक, प्राचार्य, कर्मचारियों से जुड़े मामले व विभागीय प्रकरणों
का सालों बाद भी निराकरण नहीं करने पर डीईओ सहित जांच अधिकारियों की
खिंचाई की
और दी गई समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।
5 साल से अटकी विभागीय जांच
रोस्टर निरीक्षण करने पहुंचे जेडी मनीष वर्मा ने पाया कि शिक्षा विभाग के 3 कर्मचारियों की विभागीय जांच 2011 से अटकी पड़ी है। 5 साल बाद भी जांच पूरी कर रिपोर्ट नहीं भेजी गई। जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए जेडी ने डीईओ और जांच अधिकारी को फटकारा और जल्द से जल्द जांच पूरी करने की हिदायत व कार्रवाई की चेतावनी दी।
ऑडिट रिपोर्ट भी अपडेट नहीं
ऑडिट रिपोर्ट भी अपडेट नहीं थी। ऐसे करीब 42 मामले लंबित रहे जिनका निराकरण व आपत्तियों की जानकारी महालेखाकार कार्यायल को नहीं भेजी गई।
ये खामियां भी सामने आईं
-आधे से अधिक कर्मचारियों को डुप्लीकेट सेवा पुस्तिकाएं नहीं दी गई। मूल सेवा पुस्तिका गुम हो जाने पर कर्मचारी सेवा पुस्तिका के लिए परेशान होते हैं।
- बीमा, दुर्घटना व नौकरी में जरूरी परिवार की जानकारी कर्मचारियों से नहीं ली गई। नॉमिनेशन की जानकारी विभाग प्रमुख की होती है जिम्मेदारी।
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रोस्टर निरीक्षण में विभाग के कामकाज की समीक्षा की गई है। डीईओ व संबंधित अधिकारियों को लंबित प्रकरणों का जल्द निराकरण व डुप्लीकेट सेवा पुस्तिकाएं देने सहित रजिस्टर मेन्टेन करने कहा गया है।
-मनीष वर्मा, संभागीय संचालक लोकशिक्षण
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और दी गई समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।
5 साल से अटकी विभागीय जांच
रोस्टर निरीक्षण करने पहुंचे जेडी मनीष वर्मा ने पाया कि शिक्षा विभाग के 3 कर्मचारियों की विभागीय जांच 2011 से अटकी पड़ी है। 5 साल बाद भी जांच पूरी कर रिपोर्ट नहीं भेजी गई। जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए जेडी ने डीईओ और जांच अधिकारी को फटकारा और जल्द से जल्द जांच पूरी करने की हिदायत व कार्रवाई की चेतावनी दी।
ऑडिट रिपोर्ट भी अपडेट नहीं
ऑडिट रिपोर्ट भी अपडेट नहीं थी। ऐसे करीब 42 मामले लंबित रहे जिनका निराकरण व आपत्तियों की जानकारी महालेखाकार कार्यायल को नहीं भेजी गई।
ये खामियां भी सामने आईं
-आधे से अधिक कर्मचारियों को डुप्लीकेट सेवा पुस्तिकाएं नहीं दी गई। मूल सेवा पुस्तिका गुम हो जाने पर कर्मचारी सेवा पुस्तिका के लिए परेशान होते हैं।
- बीमा, दुर्घटना व नौकरी में जरूरी परिवार की जानकारी कर्मचारियों से नहीं ली गई। नॉमिनेशन की जानकारी विभाग प्रमुख की होती है जिम्मेदारी।
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रोस्टर निरीक्षण में विभाग के कामकाज की समीक्षा की गई है। डीईओ व संबंधित अधिकारियों को लंबित प्रकरणों का जल्द निराकरण व डुप्लीकेट सेवा पुस्तिकाएं देने सहित रजिस्टर मेन्टेन करने कहा गया है।
-मनीष वर्मा, संभागीय संचालक लोकशिक्षण
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