भास्कर संवाददाता | शिवपुरी सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या के अनुपात और विषयमान के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना के 8 माह पहले हुए आदेश के बाद करीब 325 शिक्षकों और अध्यापकों ने तो आदेश का पालन कर नवीन पदस्थापना वाले स्कूलों में ज्वाइनिंग कर ली लेकिन 34 अध्यापकों सहित 80 सहायक
अध्यापक व शिक्षकों ने आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए संकुल प्राचार्यों से सांठगांठ कर नई शालाओं में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई और पुरानी शालाओं में ही नौकरी कर रहे हैं। खास बात यह है कि शिक्षा विभाग से लेकर आदेश को अनुमोदित करने वाले जिला पंचायत के अधिकारी इस पूरी जालसाजी से अब तक अंजान बने हुए हैं।
वरिष्ठ कार्यालय के आदेश के बावजूद जल के कन्या उमावि कोर्ट रोड, इंदार बदरवास, कन्या करैरा, मगरौनी, सिरसौद, उमावि क्रमांक 2 सहित दर्जन भर संकुल केन्द्रों के प्राचार्यों ने सांठगांठ व लेनदेन कर युक्तियुक्तकरण की जद में आए शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया और हर माह उनका वेतन निकाल रहे हैं। अवहेलना के इस मामले में संकुल प्राचार्य पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन विभाग व प्रशासन के आला अधिकारी फिलहाल इस मामले में कार्रवाई से परहेज कर रहे हैं।
जारी हुए थे 138 अध्यापकों के आदेश
मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-1-2015 दिनांक 29 अप्रैल 2014 के निर्देश के क्रम में विषयमान शिक्षकों की पदस्थापना सुनिश्चित करने के लिए स्वैच्छिक काउंसिलिंग के बाद कलेक्टर के अनुमोदन से जिला पंचायत के आदेश क्रमांक 3044 व 3046 दिनांक 10 जुलाई 2015 के द्वारा 138 अध्यापकों के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन इनमें से 104 ने तो आदेश का पालन कर लिया पर 34 अध्यापकों ने संकुल प्राचार्यों से सांठगांठ कर आज तक नवीन पदस्थापना वाले स्कूल के लिए कार्य मुक्त नहीं हुए हैं। यहीं हाल जनपद स्तर से सहायक अध्यापकों व डीईओं कार्यालय से सहायक शिक्षकों के मामले में सामने आया है जहां करीब 48 सहायक अध्यापकों व शिक्षकों ने आदेश का पालन ही नहीं किया और वे पुरानी जगह ही नौकरी कर रहे हैं।
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अध्यापक व शिक्षकों ने आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए संकुल प्राचार्यों से सांठगांठ कर नई शालाओं में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई और पुरानी शालाओं में ही नौकरी कर रहे हैं। खास बात यह है कि शिक्षा विभाग से लेकर आदेश को अनुमोदित करने वाले जिला पंचायत के अधिकारी इस पूरी जालसाजी से अब तक अंजान बने हुए हैं।
वरिष्ठ कार्यालय के आदेश के बावजूद जल के कन्या उमावि कोर्ट रोड, इंदार बदरवास, कन्या करैरा, मगरौनी, सिरसौद, उमावि क्रमांक 2 सहित दर्जन भर संकुल केन्द्रों के प्राचार्यों ने सांठगांठ व लेनदेन कर युक्तियुक्तकरण की जद में आए शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया और हर माह उनका वेतन निकाल रहे हैं। अवहेलना के इस मामले में संकुल प्राचार्य पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन विभाग व प्रशासन के आला अधिकारी फिलहाल इस मामले में कार्रवाई से परहेज कर रहे हैं।
जारी हुए थे 138 अध्यापकों के आदेश
मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-1-2015 दिनांक 29 अप्रैल 2014 के निर्देश के क्रम में विषयमान शिक्षकों की पदस्थापना सुनिश्चित करने के लिए स्वैच्छिक काउंसिलिंग के बाद कलेक्टर के अनुमोदन से जिला पंचायत के आदेश क्रमांक 3044 व 3046 दिनांक 10 जुलाई 2015 के द्वारा 138 अध्यापकों के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन इनमें से 104 ने तो आदेश का पालन कर लिया पर 34 अध्यापकों ने संकुल प्राचार्यों से सांठगांठ कर आज तक नवीन पदस्थापना वाले स्कूल के लिए कार्य मुक्त नहीं हुए हैं। यहीं हाल जनपद स्तर से सहायक अध्यापकों व डीईओं कार्यालय से सहायक शिक्षकों के मामले में सामने आया है जहां करीब 48 सहायक अध्यापकों व शिक्षकों ने आदेश का पालन ही नहीं किया और वे पुरानी जगह ही नौकरी कर रहे हैं।
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