इस साल
कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम सुधरा है। पिछले साल परीक्षा परिणाम 54.61
प्रतिशत रहा था। चार प्रतिशत सुधार के साथ इस साल परीक्षा परिणाम 58.64
प्रतिशत रहा। इस साल स्कूलों में दो घंटे की अतिरिक्त कक्षा लगाई गई। इससे
विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए अतिरिक्त समय मिला।
इसमें शिक्षकों ने विभिन्न विषयों संबंधी दिक्कतों को दूर किया। यहां तक कि कलेक्टर जेपी आइरिन सिंथिया ने भी कक्षा लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाया। शिक्षकों की ड्यूटी भी अन्य कामों में नहीं लगाई गई। इस कारण परीक्षा परिणाम में सुधार हुआ।
जिले में 10वीं का परीक्षा परिणाम 2012 और 2013 में 60 प्रतिशत से अधिक रहा। लेकिन 2014 अौर 2015 में यह 55 प्रतिशत से अधिक नहीं गया। इसे देखते हुए जिला प्रशासन सहित शिक्षा विभाग ने परीक्षा परिणाम में सुधार लाने की ठानी। स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा लगाई गई। कलेक्टर ने जिले के करीब 20 स्कूलों में क्लास ली। रोजाना स्कूल लगने से एक घंटे पहले और छुट्टी के बाद एक घंटे की अतिरिक्त कक्षा लगाई गई।
सुधरा रिजल्ट, प्राचार्य के अनुभव
दर्यापुर उच्चतर माध्यमिक स्कूल के प्रभारी प्राचार्य संजय जायसवाल ने बताया पिछले साल स्कूल में कक्षा 10वीं का रिजल्ट 85 प्रतिशत था। लेकिन इस साल 93 प्रतिशत रहा। अतिरिक्त कक्षा, शिक्षकों की अन्य काम में ड्यूटी नहीं लगाने और कलेक्टर द्वारा पढ़ाने का फायदा मिला।
जिले की मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर रहे हर्षल को 570 अंक मिले। जब रिजल्ट आया तब हर्षल पिता सुरेश के साथ मजदूरी में रेत, ईंट उठाने में हाथ बटा रहा था। हर्षल सरकारी हाईस्कूल सिरपुर का छात्र है। उसने बताया मैं साफ्टवेअर इंजीनियर बनना चाहता है। पढ़ाई के दौरान शादियों के सीजन में बैंड-बाजे देर रात तक बजने के कारण पढ़ाई में दिक्कत आई। हर्षल के पिता 8वीं और मां अर्चना 7वीं तक पढ़े हैं। छोटा भाई सर्वेश 9वीं में पढ़ाई कर रहा है।
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इसमें शिक्षकों ने विभिन्न विषयों संबंधी दिक्कतों को दूर किया। यहां तक कि कलेक्टर जेपी आइरिन सिंथिया ने भी कक्षा लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाया। शिक्षकों की ड्यूटी भी अन्य कामों में नहीं लगाई गई। इस कारण परीक्षा परिणाम में सुधार हुआ।
जिले में 10वीं का परीक्षा परिणाम 2012 और 2013 में 60 प्रतिशत से अधिक रहा। लेकिन 2014 अौर 2015 में यह 55 प्रतिशत से अधिक नहीं गया। इसे देखते हुए जिला प्रशासन सहित शिक्षा विभाग ने परीक्षा परिणाम में सुधार लाने की ठानी। स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा लगाई गई। कलेक्टर ने जिले के करीब 20 स्कूलों में क्लास ली। रोजाना स्कूल लगने से एक घंटे पहले और छुट्टी के बाद एक घंटे की अतिरिक्त कक्षा लगाई गई।
सुधरा रिजल्ट, प्राचार्य के अनुभव
दर्यापुर उच्चतर माध्यमिक स्कूल के प्रभारी प्राचार्य संजय जायसवाल ने बताया पिछले साल स्कूल में कक्षा 10वीं का रिजल्ट 85 प्रतिशत था। लेकिन इस साल 93 प्रतिशत रहा। अतिरिक्त कक्षा, शिक्षकों की अन्य काम में ड्यूटी नहीं लगाने और कलेक्टर द्वारा पढ़ाने का फायदा मिला।
जिले की मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर रहे हर्षल को 570 अंक मिले। जब रिजल्ट आया तब हर्षल पिता सुरेश के साथ मजदूरी में रेत, ईंट उठाने में हाथ बटा रहा था। हर्षल सरकारी हाईस्कूल सिरपुर का छात्र है। उसने बताया मैं साफ्टवेअर इंजीनियर बनना चाहता है। पढ़ाई के दौरान शादियों के सीजन में बैंड-बाजे देर रात तक बजने के कारण पढ़ाई में दिक्कत आई। हर्षल के पिता 8वीं और मां अर्चना 7वीं तक पढ़े हैं। छोटा भाई सर्वेश 9वीं में पढ़ाई कर रहा है।
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