ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी की ओर से पिछले दिनों कराए गए 149 बीएड
कॉलेजों के निरीक्षण की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार को जेयू की स्टैंडिंग
कमेटी में कुलपति और डीन के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि
किसी भी कॉलेज को एफिलिएशन की अनुशंसा नहीं की गई।
बैठक में केवल इतना निर्णय हो सका कि 120 कॉलेजों में नियमों के तहत प्राचार्य व अन्य शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। वे 25 मई से पहले यह कार्य कर लें। यदि ऐसा नहीं किया तो उन्हें एफिलिएशन नहीं दी जाएगी।
बीएड कॉलेज शिक्षा संकाय के अधीन रहते हैं। वर्तमान में प्रो. अशोक शर्मा शिक्षा संकाय के डीन हैं। जेयू ने अंचल के 149 बीएड कॉलेजों के निरीक्षण के लिए 8 दल गठित किए थे। इसके लिए डीन प्रो. शर्मा से न तो सहमति ली और न ही उन्हें किसी टीम में शामिल किया। इस पर प्रो. शर्मा ने आपत्ति व्यक्त की। उनका कहना था कि यूजीसी के नियम हैं कि संबंधित संकाय के डीन निरीक्षण दलों के चेयरमैन होंगे और उनकी सहमति से ही दल गठित किए जाएंगे। इसलिए हाल ही में किए गए निरीक्षण नियम विरुद्ध हैं।
इतना सुनते ही कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला नाराज हो गईं। उन्होंने कहा कि आप जेयू के प्रोफेसर हैं। इस तरह बात नहीं करना चाहिए। प्रो. शर्मा ने कहा कि आप कुलपति हैं, कुछ भी कर सकती हैं। लेकिन बैठक में यदि कॉलेजों को एफिलिएशन दी गई तो वे लिखित में आपत्ति दर्ज कराएंगे और जरूरत पड़ी तो राजभवन तक इसकी शिकायत करेंगे। इस पर कुलपति आक्रोशित हो गईं। उनका कहना था कि निरीक्षण दलों में कौन-कौन शिक्षक जाएगा, यह तय करने के लिए 3 डीन की एक कमेटी गठित की गई थी। इसमें प्रो. एके सिंह, प्रो. रेणु जैन व प्रो. रेखा भदौरिया को शामिल किया था। इस पर प्रो. जेएन गौतम ने कहा कि नियमों के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता। डीन संकाय के चेयरमैन को समिति में शामिल किया जाना जरूरी थी।
बैठक से उठकर चली गईं कुलपति
प्रो. शर्मा व प्रो. गौतम की बात का प्रो. डीएन गोस्वामी व अन्य शिक्षकों ने समर्थन किया। विवाद इतना बढ़ गया कि कुलपति बैठक से उठकर अपने कक्ष में चली गईं। रेक्टर प्रो. आरजे राव रजिस्ट्रार प्रो. आनंद मिश्रा ने शिक्षकों से समझाया कि यदि नियम विरुद्ध कोई काम हुआ है तो उस पर बाद में चर्चा कर ली जाएगी। चूंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि एफिलिएशन का मामला मई के अंत तक निपट जाना चाहिए। इसलिए बीएड की एफिलिएशन के मामले जल्द निपटा लिए जाएं। इस पर प्रो. अशोक शर्मा ने कहा कि वे नियम विरुद्ध कार्यों पर सहमति नहीं देंगे। वे नोट ऑफ डिसेंट(असहमति) दर्ज कराएंगे। विवाद बढ़ने पर आखिर किसी भी कॉलेज को एफिलिएशन देने की अनुशंसा नहीं की जा सकी।
120 कॉलेजों पर संकट
बीएड कॉलेजों के निरीक्षण में चौकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। निरीक्षण रिपोर्टस से उजागर हुआ है कि अंचल के 149 कॉलेजों में किसी में प्राचार्य तो किसी में शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी नियम तथा विवि परिनियम 28/17 के तहत नही हैं। बैठक में निरीक्षण दलों ने कॉलेजों का फर्जीवाड़ा उजागर करते हुए बताया कि कुछ कॉलेजों में फर्जी शिक्षक खड़े कर दिए थे। जब उनसे सवाल जवाब किए तो सकपका गए। इसलिए इस मामले में सख्ती बरती जाना चाहिए। सदस्यों का कहना था कि 120 कॉलेजों को नियमों के तहत एफिलिएशन नहीं दी जा सकती। इस पर निर्णय लिया गया कि उन्हें 25 मई तक का समय दिया जाए। यदि वे शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करते तो एफिलिएशन नहीं दी जाएगी।
फिर फर्जीवाड़े के आसार
पिछले साल भी इसी तरह का मामला हुआ था। निरीक्षण के कॉलेजों में शिक्षक नहीं थे, लेकिन कार्यपरिषद ने आश्चर्यजन निर्णय लेकर उन्हें एक दिन में शिक्षकों की नियुक्ति का समय दे दिया था। आखिर जेयू में आधी रात तक शिक्षकों के इंटरव्यू होते रहे और जेयू ने उन्हें एफिलिएशन दे दी। इस पर काफी विवाद हुआ और जेयू कटघरे में खड़ा हो गया। राजभवन तक शिकायतें पहुंचीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि जेयू इस साल फिर ऐसा करने जा रहा है। इसीलिए उन्हें 25 मई तक की मोहलत दी है।
7 कॉलेजों में नहीं होंगे एडमिशन
अंचल के 7 बीएड कॉलेजों ने जेयू के दलों से निरीक्षण नहीं कराया है। कॉलेज संचालकों ने लिखित में दे दिया कि इस बार एडमिशन नहीं करेंगे। इस पर सदस्यों का कहना था कि ऐसे कॉलेजों की एफिलिएशन निरस्त कर दी जाए। निर्णय लिया कि एफिलिएशन निरस्त न करते हुए शासन को इसकी सूचना दे दी जाए, जिससे उन कॉलेजों में एडमिशन पर रोक लग सके।
इनका कहना है
बैठक में फिलहाल किसी भी कॉलेज को एफिलिएशन देने पर सहमति नहीं बनी है। कॉलेजों के नियमों के तहत शिक्षक नियुक्त करने के लिए 25 मई तक का समय दिया है। कुछ मुद्दों पर शिक्षा संकाय के डीन असहमत थे। उन्होंने कुलपति के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।
प्रो. आनंद मिश्रा, रजिस्ट्रार
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बैठक में केवल इतना निर्णय हो सका कि 120 कॉलेजों में नियमों के तहत प्राचार्य व अन्य शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। वे 25 मई से पहले यह कार्य कर लें। यदि ऐसा नहीं किया तो उन्हें एफिलिएशन नहीं दी जाएगी।
बीएड कॉलेज शिक्षा संकाय के अधीन रहते हैं। वर्तमान में प्रो. अशोक शर्मा शिक्षा संकाय के डीन हैं। जेयू ने अंचल के 149 बीएड कॉलेजों के निरीक्षण के लिए 8 दल गठित किए थे। इसके लिए डीन प्रो. शर्मा से न तो सहमति ली और न ही उन्हें किसी टीम में शामिल किया। इस पर प्रो. शर्मा ने आपत्ति व्यक्त की। उनका कहना था कि यूजीसी के नियम हैं कि संबंधित संकाय के डीन निरीक्षण दलों के चेयरमैन होंगे और उनकी सहमति से ही दल गठित किए जाएंगे। इसलिए हाल ही में किए गए निरीक्षण नियम विरुद्ध हैं।
इतना सुनते ही कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला नाराज हो गईं। उन्होंने कहा कि आप जेयू के प्रोफेसर हैं। इस तरह बात नहीं करना चाहिए। प्रो. शर्मा ने कहा कि आप कुलपति हैं, कुछ भी कर सकती हैं। लेकिन बैठक में यदि कॉलेजों को एफिलिएशन दी गई तो वे लिखित में आपत्ति दर्ज कराएंगे और जरूरत पड़ी तो राजभवन तक इसकी शिकायत करेंगे। इस पर कुलपति आक्रोशित हो गईं। उनका कहना था कि निरीक्षण दलों में कौन-कौन शिक्षक जाएगा, यह तय करने के लिए 3 डीन की एक कमेटी गठित की गई थी। इसमें प्रो. एके सिंह, प्रो. रेणु जैन व प्रो. रेखा भदौरिया को शामिल किया था। इस पर प्रो. जेएन गौतम ने कहा कि नियमों के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता। डीन संकाय के चेयरमैन को समिति में शामिल किया जाना जरूरी थी।
बैठक से उठकर चली गईं कुलपति
प्रो. शर्मा व प्रो. गौतम की बात का प्रो. डीएन गोस्वामी व अन्य शिक्षकों ने समर्थन किया। विवाद इतना बढ़ गया कि कुलपति बैठक से उठकर अपने कक्ष में चली गईं। रेक्टर प्रो. आरजे राव रजिस्ट्रार प्रो. आनंद मिश्रा ने शिक्षकों से समझाया कि यदि नियम विरुद्ध कोई काम हुआ है तो उस पर बाद में चर्चा कर ली जाएगी। चूंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि एफिलिएशन का मामला मई के अंत तक निपट जाना चाहिए। इसलिए बीएड की एफिलिएशन के मामले जल्द निपटा लिए जाएं। इस पर प्रो. अशोक शर्मा ने कहा कि वे नियम विरुद्ध कार्यों पर सहमति नहीं देंगे। वे नोट ऑफ डिसेंट(असहमति) दर्ज कराएंगे। विवाद बढ़ने पर आखिर किसी भी कॉलेज को एफिलिएशन देने की अनुशंसा नहीं की जा सकी।
120 कॉलेजों पर संकट
बीएड कॉलेजों के निरीक्षण में चौकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। निरीक्षण रिपोर्टस से उजागर हुआ है कि अंचल के 149 कॉलेजों में किसी में प्राचार्य तो किसी में शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी नियम तथा विवि परिनियम 28/17 के तहत नही हैं। बैठक में निरीक्षण दलों ने कॉलेजों का फर्जीवाड़ा उजागर करते हुए बताया कि कुछ कॉलेजों में फर्जी शिक्षक खड़े कर दिए थे। जब उनसे सवाल जवाब किए तो सकपका गए। इसलिए इस मामले में सख्ती बरती जाना चाहिए। सदस्यों का कहना था कि 120 कॉलेजों को नियमों के तहत एफिलिएशन नहीं दी जा सकती। इस पर निर्णय लिया गया कि उन्हें 25 मई तक का समय दिया जाए। यदि वे शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करते तो एफिलिएशन नहीं दी जाएगी।
फिर फर्जीवाड़े के आसार
पिछले साल भी इसी तरह का मामला हुआ था। निरीक्षण के कॉलेजों में शिक्षक नहीं थे, लेकिन कार्यपरिषद ने आश्चर्यजन निर्णय लेकर उन्हें एक दिन में शिक्षकों की नियुक्ति का समय दे दिया था। आखिर जेयू में आधी रात तक शिक्षकों के इंटरव्यू होते रहे और जेयू ने उन्हें एफिलिएशन दे दी। इस पर काफी विवाद हुआ और जेयू कटघरे में खड़ा हो गया। राजभवन तक शिकायतें पहुंचीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि जेयू इस साल फिर ऐसा करने जा रहा है। इसीलिए उन्हें 25 मई तक की मोहलत दी है।
7 कॉलेजों में नहीं होंगे एडमिशन
अंचल के 7 बीएड कॉलेजों ने जेयू के दलों से निरीक्षण नहीं कराया है। कॉलेज संचालकों ने लिखित में दे दिया कि इस बार एडमिशन नहीं करेंगे। इस पर सदस्यों का कहना था कि ऐसे कॉलेजों की एफिलिएशन निरस्त कर दी जाए। निर्णय लिया कि एफिलिएशन निरस्त न करते हुए शासन को इसकी सूचना दे दी जाए, जिससे उन कॉलेजों में एडमिशन पर रोक लग सके।
इनका कहना है
बैठक में फिलहाल किसी भी कॉलेज को एफिलिएशन देने पर सहमति नहीं बनी है। कॉलेजों के नियमों के तहत शिक्षक नियुक्त करने के लिए 25 मई तक का समय दिया है। कुछ मुद्दों पर शिक्षा संकाय के डीन असहमत थे। उन्होंने कुलपति के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।
प्रो. आनंद मिश्रा, रजिस्ट्रार
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC