भास्कर संवाददाता | श्योपुर आओ स्कूल चलें हम अभियान के सर्वे के साथ-साथ अन्य योजनाओं में दायित्व को संभलाने वाले शिक्षकों ने एक ही काम में लगाए जाने की मांग की है। शिक्षकगण दोहरी जिम्मेदारियों से पीडि़त हैं। उनका कहना है कि एक शिक्षक को दो से तीन तक दायित्व दिए जाने का असर सभी कार्यक्रमों पर पड़ता हैं। यदि प्रशासन को किसी भी अभियान के अच्छे नतीजे चाहिए तो शिक्षकों की तैनाती प्राथमिकता के आधार पर एक कार्यक्रम में की जाए।
शिक्षकों का कहना है कि उन्हें निर्वाचन सूची से जुड़े कामों के बजाय केवल विद्यार्थियों के सर्वे का ही काम दिया जाए। ताकि वो स्कूल चलें हम अभियान को पूरा समय दे पाएं और अभियान कामयाब हो सके। नाम प्रकाशित ना करने का आग्रह करने वाले कुछ शिक्षकों ने ये मांग राजधानी से सामने आई एक खबर के बाद उठाई है। बताया गया है कि भोपाल के ऐसे शिक्षक जिन्हें बीएलओ के साथ सर्वे में लगाया गया है, उन्हें बीएलओ के काम से मुक्त कर दिया गया है। अब उक्त शिक्षक केवल बच्चों की तलाश के लिए चल रहे सर्वे का ही काम देखेंगे।
शिक्षकों का कहना है कि श्योपुर में भी प्रशासन तथा विभाग को इसी तरह का निर्णय लेना चाहिए। शिक्षकों ने अभियान में तैनाती के नाम पर मनमानी की शिकायत भी उठाई है। उनका कहना है कि तमाम शिक्षक जहां एक से अधिक अभियानों में लगा दिए गए हैं। वहीं अधिकांश शिक्षक किसी भी दायित्व से पूरी तरह दूर बने हुए हैं।
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शिक्षकों का कहना है कि श्योपुर में भी प्रशासन तथा विभाग को इसी तरह का निर्णय लेना चाहिए। शिक्षकों ने अभियान में तैनाती के नाम पर मनमानी की शिकायत भी उठाई है। उनका कहना है कि तमाम शिक्षक जहां एक से अधिक अभियानों में लगा दिए गए हैं। वहीं अधिकांश शिक्षक किसी भी दायित्व से पूरी तरह दूर बने हुए हैं।
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