धार, शिक्षकों के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार के कड़े रवैये से आजिज आकर एक शिक्षक ने खुदकुशी कर ली। शिक्षक का मकसद सरकार को सबक सिखाना था। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार मृतक शिक्षक चंदूलाल ओसारी धार जिले के बंदवार क्षेत्र के तिखी गांव में तैनात था। सरकार के रवैये से क्षुब्ध होकर उसने स्कूल परिसर में ही जहर खा लिया।
बंदवार थानाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने बताया कि जब हम स्कूल में पहुंचे वह उल्टियां कर रहा था। उसे तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे रतलाम के जिला अस्पताल भेज दिया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गुप्ता ने बताया कि उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
मृतक शिक्षक ने मौत से पहले सुसाइड नोट छोड़ा था, हालांकि उसमें लिखी लिखाई पूरी तरह साफ नहीं थी। थानाध्यक्ष के अनुसार एक बार हमें एक बार पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल जाए उसके बाद इस संबंध में जांच शुरू की जाएगी।
समान काम समान वेतन की है शिक्षकों की मांग
जानकारी के अनुसार चंदूलाल प्रदर्शनों में काफी सक्रियता से भाग लेता था। उसके नजदीकी लोगों ने बताया कि वह प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों को न्याय न देने से काफी नाराज नजर आ रहा था।
उसके खास दोस्त देवेन्द्र पाटीदार ने बताया कि चंदूलाल उसके प्रदेश शिक्षक संघ द्वारा बुलाई गई हड़ताल के बाद से ही काफी व्यथित नजर आ रहा था। जिस दिन से हड़ताल बुलाई गई थी वह लगातार कह रहा था कि वह कुछ ऐसा करेगा जिससे सरकार शिक्षकों की जायज मांग सुनने को मजबूर होगी।
बता दें कि प्रदेश भर के शिक्षक समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। शिक्षकों की मांग है कि वेतन का बचा हुआ एरियर एक बार में दे दिया जाए। इसके बदले में सरकार ने शिक्षकों की हड़ताल तुड़वाने के लिए उन निलंबन की कड़ी कार्रवाई की थी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बंदवार थानाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने बताया कि जब हम स्कूल में पहुंचे वह उल्टियां कर रहा था। उसे तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे रतलाम के जिला अस्पताल भेज दिया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गुप्ता ने बताया कि उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
मृतक शिक्षक ने मौत से पहले सुसाइड नोट छोड़ा था, हालांकि उसमें लिखी लिखाई पूरी तरह साफ नहीं थी। थानाध्यक्ष के अनुसार एक बार हमें एक बार पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल जाए उसके बाद इस संबंध में जांच शुरू की जाएगी।
समान काम समान वेतन की है शिक्षकों की मांग
जानकारी के अनुसार चंदूलाल प्रदर्शनों में काफी सक्रियता से भाग लेता था। उसके नजदीकी लोगों ने बताया कि वह प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों को न्याय न देने से काफी नाराज नजर आ रहा था।
उसके खास दोस्त देवेन्द्र पाटीदार ने बताया कि चंदूलाल उसके प्रदेश शिक्षक संघ द्वारा बुलाई गई हड़ताल के बाद से ही काफी व्यथित नजर आ रहा था। जिस दिन से हड़ताल बुलाई गई थी वह लगातार कह रहा था कि वह कुछ ऐसा करेगा जिससे सरकार शिक्षकों की जायज मांग सुनने को मजबूर होगी।
बता दें कि प्रदेश भर के शिक्षक समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। शिक्षकों की मांग है कि वेतन का बचा हुआ एरियर एक बार में दे दिया जाए। इसके बदले में सरकार ने शिक्षकों की हड़ताल तुड़वाने के लिए उन निलंबन की कड़ी कार्रवाई की थी।
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