रीवा। अतिथि शिक्षक नियुक्त करने में शासन स्तर के
अधिकारियों की ओर से की गई लेटलतीफी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ेगा।
शिक्षकों के अभाव के बीच नए शैक्षणिक सत्र में जुलाई का पूरा महीना भी
पढ़ाई की खानापूर्ति में ही बीतेगा।
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एम शिक्षा मित्र एप से लगेगी उपस्थिति, पढ़ाई का सुधरेगा स्तर
नौगांव। विकासखंड अंतर्गत समस्त 313 शासकीय प्राथमिक एवं
माध्यमिक शालाओं में पदस्थ 844 शिक्षकों को जनशिक्षा केंद्र स्तर पर सभी 10
जनशिक्षा केन्द्रों महराजपुर, टटम, कुर्राहा, गढ़ीमलहरा, कन्या नौगांव,
बालक नौगांव, आदर्श नौगांव, अलीपुरा, कन्या हरपालपुर एवं बालक हरपालपुर पर
प्रोजेक्टर की सहायता से प्रशिक्षण दिया गया। प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र पर
जनपद शिक्षा केन्द्र के ब्लॉक अकादमिक समंवयक की उपस्थिति में सभी शिक्षकों
के मोबाइल में 6.5 वर्जन का एमशिक्षा मित्र एप डाउनलोड कराया गया।
विद्वानों का चयन नहीं, 26 तक स्कूलों में रहेगी शिक्षकों की कमी
गुना | सरकारी स्कूलों में अतिथि विद्वानों के चयन में देरी होने से
स्कूलों में क्लास नहीं लग पा रहीं। इससे जिले के प्राइमरी, मिडिल,
हाईस्कूल व हायर सेकंडरी एक लाख बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
जिन अतिथि शिक्षकों ने पिछले साल पंजीयन कराया वे ही कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
भास्कर संवाददाता | धार स्कूलों में नियुक्त किए जाने वाले अतिथि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को
लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नए नियमों के अनुसार सिर्फ वे ही अतिथि शिक्षक
बनने के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने वर्ष 2017 में जीएफएमएस पोर्टल पर
पंजीयन कराया था।
अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती: पढ़िए क्यों नाराज हैं उम्मीदवार
भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में
प्रतिवर्ष अतिथि शिक्षक की भर्ती की जाती है। जहां शिक्षक पदस्थ नहीं है यह
लंबी छुट्टी में हैं वहां पर अतिथि शिक्षक कार्य करता है।
शिक्षक व अध्यापक करेंगे ई अटेंडेंस का विरोध
गैरतगंज। विकासखंड के शिक्षक व अध्यापक शासन द्वारा एम शिक्षा मित्र एप के
माध्यम से लागू की जा रही ई अटेंडेंस व्यवस्था का विरोध करेंगे।
हजारों आवेदक भर्ती प्रक्रिया से हुए बाहर
भोपाल/ग्वालियर मप्र के स्कूलों में नए शिक्षा सत्र के लिए नियुक्त किए जाने वाले
अतिथि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया विवादों में फंस गई है। शासन के नए नियम
के अनुसार अतिथि शिक्षक बनने के लिए वही लोग आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने
वर्ष 2017 में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है।
अतिथि शिक्षकों के चयन में देरी होने से स्कूलों में पढाई अटकी
ग्वालियर | सरकारी
स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में देरी होने की वजह से और
स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने के कारण क्लास तक नहीं लग पा रही है
जिसकी वजह से कई स्कूलों में छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं |
अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे जिले के कई स्कूल
सिरोंज | सरकार
द्वारा जिस तरह से स्कूल बनाया गया था उसमें पढ़ाने के लिए 7 साल से अतिथि
शिक्षकों को संचालित किया जा रहा है जिसके कारण शासन की मंशा पूरी नहीं हो
पाई है |
अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती: पढ़िए क्यों नाराज हैं उम्मीदवार
भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में
प्रतिवर्ष अतिथि शिक्षक की भर्ती की जाती है। जहां शिक्षक पदस्थ नहीं है यह
लंबी छुट्टी में हैं वहां पर अतिथि शिक्षक कार्य करता है। प्रतिवर्ष यह
ऑफलाइन जिसमें संस्था प्रमुख के माध्यम से भर्ती कराई जाती थी इस वर्ष
ऑनलाइन मोड से शासन द्वारा यह भर्ती कराया जा रहा है जिसका रजिस्ट्रेशन
विगत 2 वर्ष पूर्व किया गया था।
मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षक बनने के लिए सुनहरा अवसर, ऐसे करें अप्लाई
रीवा. अतिथि शिक्षक बनने के लिए इंतजार कर रहे युवाओं
के लिए खुशखबरी है। मध्यप्रदेश में शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की
नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बार भर्ती ऑनलाइन की जा रही है।
इस संबंध में शासन से निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
अतिथि शिक्षकों के आमरण अनशन का सातवां दिन, कोई सुध लेने नहीं आया
भोपाल (BHOPALSAMACHAR.COM)। तीन सूत्रीय मांगो को लेकर आमरण अनशन
पर बैठे अतिथि शिक्षक संघ का धरना लगातार सातवे दिन भी जारी रहा। संघ के
अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने बताया कि आज संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को काली
पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध दर्ज कराया।
एक लाख आवेदक अतििथ शिक्षक की दौड़ से बाहर
प्रदेश के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के चयन का अधिकार संबंधित स्कूल के
हेड मास्टर या प्राचार्य को दिया गया था लेकिन वर्ष 2017 से अतिथि शिक्षकों
की चयन प्रक्रिया में बदलाव कर दिए गए हैं।
20 जुलाई से शिक्षकों को हर हाल में लगानी होगी ई-अटेंडेंस
शिक्षक, अध्यापक, कर्मचारियों को 20 जुलाई से हर हाल में ई-अटेंडेंस लगानी
होगी। नेट पैक, नेटवर्क, स्मार्ट फोन न होने का बहाना अब नहीं चलेगा। स्कूल
शिक्षा विभाग ने ई-अटेंडेंस लगवाने शिक्षक, कर्मचारियों को
बलराम चौक पर अतिथि शिक्षकों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए किया यज्ञ
हरदा| मांगों को लेकर अतिथि शिक्षकों की क्रमिक भूख हड़ताल रविवार को
पांचवें दिन भी जारी रही। इस दौरान बलराम चौक पर अतिथि शिक्षकों ने
मंत्रोच्चार के बीच सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया। इसके बाद मांगों
को लेकर उन्होंने नारेबाजी की।
जब शिक्षा विभाग है तो दूसरे संवर्ग की क्या जरूरत: शिक्षक संघ
नरसिंहपुर। मुख्यमंत्री की
शिक्षकों और अध्यापकों के लिए की गई अधूरे वादों को पूरा करवाने प्रांतीय
इकाई के आव्हान पर मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ब्लॉक इकाई नरसिंहपुर, चावरपाठा,
करेली, साईंखेड़ा, गोटेगांव, चीचलीऔर तहसील चांवरपाठा गाडरवारा के बैनर तले
हज़ारों शिक्षकों और अध्यापकों ने जुटकर प्रशासन को चेताने के लिए ब्लाकों
में सांकेतिक धरना और उत्कृष्ट विद्यालय से बस स्टैंड के मुख्य मार्ग से
होते हुए जनपद पंचायत, तहसील परिसरों तक आक्रोश रैली निकाली जिसमें नारों
के साथ आवाज बुलंद करते हुए शिक्षा विभाग के विभिन्न संवर्गीय कर्मचारियों
ने मध्य प्रदेश सरकार से मांग की।
फिर अटक गया संविलियन आदेश, अध्यापक कंफ्यूज, गुस्सा करे या इंतजार
भोपाल (भोपाल समाचार डॉट कॉम। )।
सीएम शिवराज सिंह ने ऐलान किया था कि नए शिक्षासत्र में कोई अध्यापक नहीं
होगा, सभी शिक्षक होंगे। माना जा रहा था कि अब सभी का शिक्षा विभाग में
संविलियन कर दिया जाएगा परंतु बाद में पता चला कि एक नया संवर्ग बनाया जा
रहा है जिसमें पदनाम शिक्षा विभाग के पदमानों से मिलते जुलते होंगे।
अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन के लिए सीएम को ज्ञापन
अध्यापक संविदा शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने अध्यापक संवर्ग का शिक्षा
विभाग में संविलियन करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को
ज्ञापन सौंपा।
ई-अटेंडेंस पर फिर असमंजस, नहीं हुई ट्रेनिंग
कुछ दिन तक थमने के बाद प्रदेश में मोबाइल एप एम शिक्षा मित्र से
ई-अटेंडेंस की तैयारी फिर तेज है। पहले की तरह इस बार भी कुछ बिंदुओं को
लेकर असमंजस है, इसी कारण प्रदेश के चार लाख कर्मचारी असमंजस में हैं।
दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर आदेश जारी कर दिया है पर इसके
मुताबिक बहुत कम जिलों में ट्रेनिंग हो सकी है। इसी कारण पहले की तरह कुछ
संगठन उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रहे हैं।
अब ऑफलाइन भी दर्ज कर सकते हैं उपस्थिति
एंड्रायड मोबाइल का नेटवर्क नहीं मिलने पर147 एम शिक्षा मित्र एप से ऑफलाइन
भी हाजिरी लगा सकेंगे। 20 जुलाई से एप से हाजिरी लगना शुरू होगी। इससे
पहले ही शिक्षा विभाग में शिक्षकों सहित सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को
ई-अटेंडेंस लगाना होगी। एप डाउनलोड करने का समय दिया है।
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