भोपाल। मध्यप्रदेश शासन द्वारा अतिथि शिक्षकों के नियोजन के लिए guest faculty management portal पर रजिस्ट्रेशन एवं डाटा अपडेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है। शिकायत आ रही है कि अतिथि शिक्षक प्रबंधन प्रणाली पोर्टल में गड़बड़ी हो रही है। eKYC करते ही डाटा बदल रहा है। यदि फर्स्ट टाइम फेल हो जाए तो दोबारा आवेदन करने का मौका नहीं मिल रहा।
पहली
शिकायत भोपाल संभाग के राजगढ़ जिले से प्राप्त हुई है। आवेदक कपिल
हरिद्वार का कहना है कि नए पंजीयन में GFMS के पोर्टल में जानकारी पोर्टल
पर डाल रहे हैं, उस समय तो यह सही नजर आती है, लेकिन जैसे ही दोबारा संकुल
के पोर्टल पर किसी जानकारी को सत्यापन के लिए खोला जाता है, तो जन्मतिथि
आधार कार्ड सहित विभिन्न तरह की जानकारियां बदल जाती हैं।
माध्यमिक
शिक्षा मंडल के माध्यम से इस बार गेस्ट फैकेल्टी पोर्टल में सुधार कराया
गया है। जिसमें आवेदकों के आवेदन में ई-केवाईसी को भी शामिल कर दिया है।
ऐसे में आवेदकों को समग्र आइडी के नंबर और आधार कार्ड के नंबर अपने आवेदन
के साथ ही जमा करना है। लंबे समय बाद आवेदकों को यह अवसर मिला है, ऐसे में
वह चूकना भी नहीं चाहते। जैसे ही नवीन पंजीयन की शुरुआत हुई 2 दिन में ही
बड़ी संख्या में लोगों ने अपने आवेदन किए, लेकिन 10 जून तक होने वाले इन
आवेदनों में 2 दिन में जो आवेदन हुए हैं, उनमें कई तरह की गड़बड़ियां सामने
आ रही हैं।
किसी
के आधार कार्ड 18 अंक के दिखाए जा रहे हैं, तो समग्र आइडी में भी खासा
अंतर आ रहा है। यही नहीं कई आवेदकों के सरनेम भी बदलकर दिखाए जा रहे हैं।
ऐसे में जब कोई भी आवेदक आवेदन करने के बाद संकुल में अपने आवेदन का
सत्यापन कराने के लिए पहुंचता है तो ऑनलाइन कुछ और जानकारी नजर आ रही है और
उनके दस्तावेजों में अलग जानकारी दर्ज है। यही कारण है कि आवेदनों का
सत्यापन नहीं हो रहा।
दोबारा नहीं कर पा रहे
ऐसे
आवेदक जिनके आवेदनों में गलती आ रही है यदि वह उसमें संशोधन या सुधार के
लिए दोबारा पोर्टल पर जाते हैं और जैसे ही वह अपनी जानकारी साझा करते हैं
तो उन्हें एक मैसेज मिलता है कि पहले से ही यह आवेदन दर्ज है। ऐसे में
दोबारा वह व्यक्ति आवेदन भी नहीं कर पा रहा है। आवेदकों कहना है यह स्थिति
उस समय निर्मित हो रही है जब ई-केवाईसी को इसमें शामिल किया गया है।
इसलिए बदली व्यवस्था
किसी
भी अतिथि के आवेदन के साथ ही की ई-केवाईसी कराने के पीछे माध्यमिक शिक्षा
मंडल का यही उद्देश्य है कि सारा डाटा एक बार यदि ठीक के ऑनलाइन हो जाता है
तो अतिथियों की सीनियरिटी का पता लगाया जा सकता है। आने वाले दिनों में
यदि कभी अतिथियों के लिए कोई सुविधा मिलती है, तो निश्चित रूप से यह पंजीयन
बहुत काम आएगा।