जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ अध्यापक प्रकोष्ठ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा अध्यापकों के साथ चले आ रहा सौतेला व्यवहार निरंतर जारी है। नियमिति शिक्षकों के समान अध्यापकों को मिलने वाली 12 वर्ष उपरांत प्रथम क्रमोन्नति का लाभ 15 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं मिल पा रहा है।
प्रदेश
के हजारों अध्यापक जुलाई 2018 में 12 वर्ष शासकीय सेवा पूर्ण करने के
उपरांत 03 वर्षों से अधिक का समय बीत जाने के बाद कमोन्नत वेतनमान के लाभ
से वंचित हैं । जहाँ एक ओर शासन द्वारा अध्यापक सवंर्ग को नियमित शिक्षकों
के समान ही सेवा शर्तों का लाभ देकर प्राथमिक शिक्षक / माध्यमिक शिक्षक /
उच्चतर माध्यमिक शिक्षक का नाम तो दे दिया गया परन्तु 01 जुलाई 2018 के बाद
क्रमोन्नति के पृथक से आदेश निकालने के सौकड़ों ज्ञापनों के बाद भी आज
दिनांक तक आदेश जारी नहीं किये गये हैं । जिससे अध्यापकों को लगभग प्रतिमाह
3000 / - से 5000 / - की आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है और वे अपने आप को
ढगा सा महसूस कर रहे हैं।
शासन
द्वारा अध्यापकों के हित में घोषणयें एवं विज्ञापन तो बड़े बड़े दिये जाते
हैं परन्तु उसका लाभ जमीनी स्तर पर अध्याका को प्राप्त नहीं हो रहा है
जिससे सरकार की कथनी व करनी स्पष्ट उजागर होती है।
संघ
के मुकेश सिंह योगेन्द्र मिश्रा,शुभ संदेश सिंगौर, सुनील राय , अजय सिंह
ठाकुर , मनीष चौबे , नितिन अग्रवाल , गगन चौबे , श्यामनारायण तिवारी ,
प्रणव साहू , राकेश उपाध्याय , मनोज सेन , राकेश दुबे , गणेश उपाध्याय ,
धीरेन्द्र सोनी , मो . तारिक , प्रियांशु शुक्ला , मनीष लोहिया , अभिषेक
मिश्रा , महेश कोरी , नीतिन शर्मा , आशीष जैन , सुदेश पाण्डेय , मनीष
शुक्ला , राकेश पाण्डेय विनय नामदेव , देवदत्त शुक्ला , सोनल दुबे , ब्रजेश
गोस्वामी , विजय कोष्टी , अब्दुल्ला चिस्ती , पवन ताम्रकार , संजय
श्रीवास्तव , आदित्य दीक्षित , संतोष कावेरिया , जय प्रकाश गुप्ता , आनंद
रैकवार , वीरेन्द्र धुर्वे , मनोज पाठकर , सतीश पटेल आदि ने माननीय
मुख्यमंत्री जी एवं शिक्षा मंत्री जी से मॉग की है कि अध्यापक संवर्ग के
लोक सेवकों के लिए शीघ्र क्रमोन्नति के आदेश जारी कियो जावे ताकि उन्हें 12
वर्ष की सेवाओं के उपरांत कमोन्नति का लाभ प्राप्त हो सके।