खंडवा। नईदुनिया प्रतिनिधि जिले में करीब 15 माह पहले शुरू किए गए
16 नए हाईस्कूलों में अब तक शिक्षकों के पद तक स्वीकृत नहीं हुए हैं। कहीं
मिडिल स्कूल एचएम तो कहीं अतिथि शिक्षकों के भरोसे शिक्षा व्यवस्था चल रही
है। शिक्षामंत्री विजय शाह के गृह जिले में अधिकारियों का भी टोटा है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के एडीपीसी पीएस सोलंकी के पास डीईओ और डीपीसी दोनों के प्रभार हैं। 14 माह से उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य का पद भी खाली पड़ा है, यहां भी प्रभारी ही व्यवस्था संभाल रहे हैं। जिले के सभी स्कूलों की बात करें तो यहां शिक्षकों के दो हजार पद खाली हैं लेकिन 1371 पर ही अतिथियों की नियुक्ति हुई है। सत्र की शुरुआत से किए जा रहे अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति के दावों के बाद भी एक भी अतिथि की नियुक्ति ऑनलाइन ऑर्डर से नहीं हुई है।
शिक्षा सत्र 2015-16 में जिले के 16 मिडिल स्कूलों को उन्नयन कर हाईस्कूल खोले गए थे। नियमों के अनुसार यहां एक प्राचार्य और 6 विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति होना थी लेकिन 15 माह बीत जाने के बाद भी अब तक यहां शिक्षकों की नियुक्ति तो दूर पदों की स्वीकृति तक नहीं हुई है। ऐसे में पूरी व्यवस्था या तो मिडिल स्कूल के हैडमास्टर संभाल रहे हैं या अतिथियों के भरोसे व्यवस्था चल रही है। कई स्कूलों में तो विषयवार अतिथि शिक्षक तक नियुक्त नहीं हो सके हैं।
एक कक्ष में लग रहीं दो कक्षाएं
नवीन हाईस्कूल देवलामाफी के लिए भवन ही नहीं हैं, यहां मिडिल स्कूल भवन में ही हाईस्कूल लग रहा है। शिक्षकों के अनुसार एक कमरे में दो कक्षाएं लगाकर काम कर रहे हैं। इससे शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। इसी तरह ग्राम सालई, कांकरिया और बिलनखेड़ा में भी ऐसे ही हालात हैं। इसी तरह नवीन हाईस्कूल सुखलई, पिपल्याफूल, माथनीबुजुर्ग और रोहणी में मिडिल स्कूल ही हाईस्कूल की व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। यहां भी अब तक स्टाफ स्वीकृत नहीं हो सका है। नवीन हाईस्कूलों के पास भवन भी नहीं हैं। ऐसे में यह मिडिल स्कूल के कमरों में ही कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। यह स्कूल ऑनलाइन पोर्टल पर भी शो नहीं हो रहे हैं, ऐसे में अतिथि इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
जिले में शिक्षा विभाग के हालात
खाली पड़े हैं पद : जिले में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के एडीपीसी पीएस सोलंकी के पास जिला शिक्षा अधिकारी और सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी का भी प्रभार है। जिले में सहायक संचालक शिक्षा का पद भी खाली है। ऐसे में विभाग की पूरी व्यवस्थाएं एक ही अधिकारी के भरोसे है।
उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य विहीन : सितंबर 2016 में मंत्री विजय शाह ने उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य ज्योत्सना सोनी पर कार्रवाई कर उन्हें प्राचार्य पद से हटा दिया था। इसके बाद से अब तक विद्यालय प्राचार्य विहीन है। यहां अलग-अलग प्रभारी प्राचार्य पद संभाल रहे हैं। जिनके पास दूसरे स्कूलों का नियमित प्रभार भी है।
शिक्षकों के दो हजार पद खाली : जिले में हाईस्कूल और हायर सेकंडरी के करीब 160 स्कूलों में शिक्षकों के 576 पद खाली हैं। इसी तरह प्रायमरी-मिडिल स्कूल में शिक्षकों के डेढ़ हजार पद खाली पड़े हुए हैं।
एक को भी नहीं मिला ऑनलाइन ऑर्डर : जिले के सरकारी स्कूलों में 1371 अतिथि शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं लेकिन इनमें से एक को भी ऑनलाइन नियुक्ति ऑर्डर नहीं मिला है, जबकि विभाग ने शिक्षा सत्र की शुरुआत में दावा किया था कि प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
नहीं मिली है स्वीकृति
पिछले शिक्षा सत्र में शुरू किए गए नवीन हाईस्कूलों में अब तक शिक्षकों के पद की स्वीकृति नहीं मिली है। मिडिल स्कूलों के स्टाफ द्वारा ही व्यवस्थाओं को संभालने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था को सुचारू करने के लिए यहां अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। इन हाईस्कूलों के लिए भवन निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है। विभागीय आदेश के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया की जाएगी। जिले में अतिथि शिक्षकों के पंजीयन तो ऑनलाइन किए गए हैं लेकिन अभी ऑनलाइन ऑर्डर जारी नहीं हुए हैं।
- पीएस सोलंकी, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के एडीपीसी पीएस सोलंकी के पास डीईओ और डीपीसी दोनों के प्रभार हैं। 14 माह से उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य का पद भी खाली पड़ा है, यहां भी प्रभारी ही व्यवस्था संभाल रहे हैं। जिले के सभी स्कूलों की बात करें तो यहां शिक्षकों के दो हजार पद खाली हैं लेकिन 1371 पर ही अतिथियों की नियुक्ति हुई है। सत्र की शुरुआत से किए जा रहे अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति के दावों के बाद भी एक भी अतिथि की नियुक्ति ऑनलाइन ऑर्डर से नहीं हुई है।
शिक्षा सत्र 2015-16 में जिले के 16 मिडिल स्कूलों को उन्नयन कर हाईस्कूल खोले गए थे। नियमों के अनुसार यहां एक प्राचार्य और 6 विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति होना थी लेकिन 15 माह बीत जाने के बाद भी अब तक यहां शिक्षकों की नियुक्ति तो दूर पदों की स्वीकृति तक नहीं हुई है। ऐसे में पूरी व्यवस्था या तो मिडिल स्कूल के हैडमास्टर संभाल रहे हैं या अतिथियों के भरोसे व्यवस्था चल रही है। कई स्कूलों में तो विषयवार अतिथि शिक्षक तक नियुक्त नहीं हो सके हैं।
एक कक्ष में लग रहीं दो कक्षाएं
नवीन हाईस्कूल देवलामाफी के लिए भवन ही नहीं हैं, यहां मिडिल स्कूल भवन में ही हाईस्कूल लग रहा है। शिक्षकों के अनुसार एक कमरे में दो कक्षाएं लगाकर काम कर रहे हैं। इससे शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। इसी तरह ग्राम सालई, कांकरिया और बिलनखेड़ा में भी ऐसे ही हालात हैं। इसी तरह नवीन हाईस्कूल सुखलई, पिपल्याफूल, माथनीबुजुर्ग और रोहणी में मिडिल स्कूल ही हाईस्कूल की व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। यहां भी अब तक स्टाफ स्वीकृत नहीं हो सका है। नवीन हाईस्कूलों के पास भवन भी नहीं हैं। ऐसे में यह मिडिल स्कूल के कमरों में ही कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। यह स्कूल ऑनलाइन पोर्टल पर भी शो नहीं हो रहे हैं, ऐसे में अतिथि इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
जिले में शिक्षा विभाग के हालात
खाली पड़े हैं पद : जिले में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के एडीपीसी पीएस सोलंकी के पास जिला शिक्षा अधिकारी और सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी का भी प्रभार है। जिले में सहायक संचालक शिक्षा का पद भी खाली है। ऐसे में विभाग की पूरी व्यवस्थाएं एक ही अधिकारी के भरोसे है।
उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य विहीन : सितंबर 2016 में मंत्री विजय शाह ने उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य ज्योत्सना सोनी पर कार्रवाई कर उन्हें प्राचार्य पद से हटा दिया था। इसके बाद से अब तक विद्यालय प्राचार्य विहीन है। यहां अलग-अलग प्रभारी प्राचार्य पद संभाल रहे हैं। जिनके पास दूसरे स्कूलों का नियमित प्रभार भी है।
शिक्षकों के दो हजार पद खाली : जिले में हाईस्कूल और हायर सेकंडरी के करीब 160 स्कूलों में शिक्षकों के 576 पद खाली हैं। इसी तरह प्रायमरी-मिडिल स्कूल में शिक्षकों के डेढ़ हजार पद खाली पड़े हुए हैं।
एक को भी नहीं मिला ऑनलाइन ऑर्डर : जिले के सरकारी स्कूलों में 1371 अतिथि शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं लेकिन इनमें से एक को भी ऑनलाइन नियुक्ति ऑर्डर नहीं मिला है, जबकि विभाग ने शिक्षा सत्र की शुरुआत में दावा किया था कि प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
नहीं मिली है स्वीकृति
पिछले शिक्षा सत्र में शुरू किए गए नवीन हाईस्कूलों में अब तक शिक्षकों के पद की स्वीकृति नहीं मिली है। मिडिल स्कूलों के स्टाफ द्वारा ही व्यवस्थाओं को संभालने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था को सुचारू करने के लिए यहां अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। इन हाईस्कूलों के लिए भवन निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है। विभागीय आदेश के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया की जाएगी। जिले में अतिथि शिक्षकों के पंजीयन तो ऑनलाइन किए गए हैं लेकिन अभी ऑनलाइन ऑर्डर जारी नहीं हुए हैं।
- पीएस सोलंकी, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी