भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा एक शाला एक परिसर योजना के तहत सभी श्रेणियों के शिक्षकों की समायोजन की नीति जारी कर दी गई है। दिनांक 4 जनवरी 2022 को जारी आदेश में घोषित किया गया है कि जो भी अधिकारी एवं कर्मचारी इसका पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एक
शाला एक परिसर योजना के क्रियान्वयन के फलस्वरूप बड़ी संख्या में माध्यमिक
विद्यालय एवं हाईस्कूल जो पूर्व में पृथक-पृथक संचालित थे, अब एकीकृत रूप
से संचालित हैं में एवं इनमें कक्षा 6वीं से 10वीं की पठन पाठन गतिविधियां
की जा रही है। उक्त एकीकृत व्यवस्था लागू होने से माध्यमिक और हाईस्कूल में
पूर्व से पदस्थ शिक्षक अब एकीकृत विद्यालयों के शिक्षक के रूप में कार्यरत
हैं।
अतएव
संसाधनों के युक्तियुक्त उपयोग के दृष्टिगत एकीकृत विद्यालयों में कार्यरत
ऐसे समस्त शिक्षकों द्वारा कक्षा 06वीं से 10वीं तक की कक्षाओं का समान
रूप से अध्यापन कराया जायेगा। पूर्व प्रावधान अनुसार माध्यमिक विद्यालयों
में न्यूनतम 03 शिक्षक एवं हाईस्कूल में न्यूनतम 06 शिक्षकों के स्थान पर
अब ऐसी एकीकृत (6 से 10) शालाओं में न्यूनतम 06 शिक्षक ही उपलब्ध होंगे।
समस्त
एकीकृत शालाओं में जहाँ व्याख्याता / उच्च माध्यमिक शिक्षक पदस्थ है उनके
द्वारा कक्षा 6वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में अध्यापन कार्य किया जाएगा।
आशय यह है कि व्याख्याता / उच्च माध्यमिक शिक्षकों द्वारा उनके विषय की
11वीं तथा 12वीं कक्षाओं के अध्यापन के अतिरिक्त विद्यालय की शैक्षणिक
आवश्यकता के अनुसार कक्षा 6वीं से 10वीं तक की कक्षाओं में भी अध्यापन
कार्य किया जाएगा।
उक्त
6वीं से 10वीं तक कक्षाओं का अध्यापन व्याख्याता / उच्च माध्यमिक शिक्षकों
द्वारा उनके स्नातक के विषय के आधार पर कराया जाएगा। समस्त व्याख्याता /
उच्च माध्यमिक शिक्षक / शिक्षक / माध्यमिक शिक्षक द्वारा एक दिवस में
सामान्यतः 06 पीरिएड का अध्यापन कराया जाएगा।
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समस्त एकीकृत विद्यालयों में उपरोक्तानुसार अध्यापन व्यवस्था सुनिश्चित
करने के पश्चात् ही आवश्यक होने पर अतिथि शिक्षकों की मांग को स्वीकृति दी
जाएगी। उपरोक्तानुसार निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। आदेश
के पालन ना पालन करने की स्थिति संबंधित लोक सेवक के विरूद्ध अनुशासनात्मक
कार्यवाही की जाए।