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बुरहानपुर के युवक को मिली नौकरी:तीन साल के संघर्ष के बाद बना शिक्षक, 13 साल की उम्र से करने लगे थे नौकरी

 नेपानगर के आंबेडकर चौराहे पर सालों से पानी पूरी का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे विजय बावस्कर अब शिक्षक बन गए हैं। दैनिक जीवन में कईं तरह के संघर्ष करने के साथ ही उन्होंने नौकरी हासिल करने के लिए भी खासा संघर्ष किया। मप्र शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के तहत उन्होंने वर्ग-2 शिक्षक की परीक्षा दी। लेकिन 2 साल तक परीक्षा परिणाम ही नहीं आया। तीसरे साल नवंबर 2021 में जब उनके हाथ में नियुक्ति पत्र आया तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

विजय बावस्कर के अनुसार वह बचपन से परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण 13 साल की उम्र से होटल पर काम करने जाते थे। मजदूरी भी की है। इसी बीच अपनी पढ़ाई का खर्च खुद वहन किया और पढ़ाई पूरी की। वह बताते हैं कि दसवीं तक नेपा मिल द्वारा संचालित उच्चतर माध्यमिक स्कूल से शिक्षा हासिल करने के बाद 12वीं की पढ़ाई हायर सेकंडरी स्कूल नेपा से की। स्नातक पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज में करने के बाद एसएन कॉलेज खंडवा से एमए किया।

प्रदेश के 29 हजार युवाओं ने दी थी परीक्षा

विजय बावस्कर ने बताया कि शिक्षक वर्ग-2 के लिए मप्र शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में हुई थी। परीक्षा के बाद दो साल तक रिजल्ट नहीं आया। दरअसल यह रिजल्ट ओबीसी आरक्षण के कारण अटका था। जिसमें एक साथ प्रदेश के 29 हजार युवा प्रभावित हुए थे। नवंबर में करीब 12,500 युवाओं को नियुक्ति मिली है। उसमें विजय बावस्कार भी शामिल हैं। हाल ही में ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी होने पर यह नियुक्ति आदेश जारी हुए। विजय ने बताया 2020 में जब रिजल्ट आया तो मुझे मप्र में 551वीं रैंक मिली। 11 नवंबर 2021 को नियुक्ति पत्र मिला। मुझे झांझर में वर्ग दो शिक्षक के पद पर पोस्टिंग मिली।

पिता ने संघर्ष किया

विजय का एक भाई है। नौकरी से पहले ही विवाह हो चुका था। उसके दो बच्चें हैं। वह बताते हैं कि हमारे लिए पिता पांडुरंग बावस्कर ने काफी संघर्ष किया। कुल्फी की दुकान लगाई। मजदूरी की। आज भी वह आईस्क्र्रीम की दुकान लगाते हैं। हमने भी पढ़ाई के लिए काम किया। ऐसा कर बेहतर भविष्य तलाश करने का प्रयास किया। जिसमें अब जाकर सफलता भी मिली।

भाजपा के शासन में परीक्षा दी

विजय ने 2018 में शिक्षक वर्ग दो की परीक्षा दी थी। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। बाद में कमलनाथ सरकार आ गई। इस दौरान 2020 में परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ। साथ ही ओबीसी आरक्षण को लेकर अटकलें कायम थी। इसके बाद कांग्रेस की सरकार बदल गई। 2021 में भाजपा की सरकार में रिजल्ट हाथ में आया। विजय ने बताया कि मेरा 14 प्रतिशत आरक्षण था। लेकिन सरकार ने सभी नियुक्ति 27 फीसदी आरक्षण के आधार पर ही की है।

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