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बुरहानपुर / दो भर्तियों में 68 शिक्षकों की कराई थी फर्जी नियुक्ति, सीईओ के नकली हस्ताक्षर, फर्जी अंकसूची भी बनाई

बुरहानपुर. पुलिस गिरफ्त में आए शिक्षक भर्ती घोटाले के मास्टर माइंड लिपिक ज्योतिकुमार खत्री ने पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। जनपद पंचायत द्वारा की गई 2007-08 और 2009-10 की संविदा शिक्षक भर्ती में 68 शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति कराने, सीईओ के नकली हस्ताक्षर से नियुक्ति आदेश जारी करने और फर्जी अंकसूची बनाने की बात उसने कबूली है।
आरंभिक पूछताछ में तत्कालीन नियोक्ता और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के भी इस फर्जीवाड़े में शामिल होने की बात भी सामने आई है।

बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में सीएसपी बद्रीप्रसाद वर्मा ने मीडिया को मामले की जानकारी दी। सीएसपी ने बताया आरंभिक जांच में यह साफ हो गया है कि लिपिक खत्री और भरत शाह ने मिलकर फर्जी नियुक्ति की थी। दो बार में नियुक्ति में 68 शिक्षकों को नौकरी पर लगाया था। सीईओ के हस्ताक्षर स्कैन कर फर्जी नियुक्ति आदेश जारी करने, फर्जी दस्तावेज बनाने और डीईओ की आईडी से शिक्षकों के यूनिक आईडी तैयार करने की बात खत्री ने कबूली है। भर्ती घोटाले में डीईओ ऑफिस के लिपिक भरत शाह भी खत्री के बराबर ही शामिल हैं। तत्कालीन नियोक्ता और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ रही है। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। भरत शाह अभी फरार है।

ऐसे की जाती थी नियुक्ति
2013 के पहले तक नियोक्ता जनपद पंचायत था। जनपद पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर से नियुक्ति आदेश जारी होते थे। खत्री और शाह ने मिलकर सीईओ के हस्ताक्षर स्कैन किए और फिर फर्जी नियुक्ति आदेश जारी किए। 40 से 50 हजार रुपए लेकर नियुक्ति आदेश देते थे। जिस स्कूल में नियुक्ति दी जाती थी, वहां पहले ही शिक्षक को नियुक्त करने के लिए फोन पर बता दिया जाता था। संबंधित स्कूल प्रबंधन भी ज्वाइनिंग से पहले शिक्षक के दस्तावेज की जांच नहीं करता था।

ऐसे बनाते थे फर्जी अंकसूची
फर्जी नियुक्ति के लिए दस्तावेज भी फर्जी तरीके से बनाए गए। व्यापमं की अंकसूची को पहले स्कैन करते थे। इसमें नाम और अन्य जानकारी बदल दी जाती थी। फिर अंकसूची का कलर प्रिंट निकालते थे। इसमें अंकसूची का नंबर और मिलने वाले अंक एक समान ही होते थे। व्यापमं की तरह अन्य फर्जी दस्तावेज भी बनाते थे। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ही नियुक्तियां दी गई थीं। संविलियन में दस्तावेजों की जांच के समय फर्जी दस्तावेजों की बात सामने आई थी।

शिर्डी, अमृतसर और अन्य जगहों पर काटी फरारी
दिसंबर 2018 में प्रकरण दर्ज होने के बाद से खत्री फरार हो गया था। शुरुआत में पुलिस ने उसके परिवार से उसके बारे में पूछताछ की थी लेकिन पुलिस उस तक पहुंच नहीं पाई। पूछताछ में खत्री ने बताया बुरहानपुर से निकलने के बाद वह शिर्डी चला गया था। वहां करीब तीन महीने रहा। इसके बाद अमृतसर और अन्य शहरों में रहने की बात उसने पुलिस को बताई। इस बीच वह अपने परिवार के संपर्क में भी था। 11 महीने तक परेशान होने के बाद उसने पुलिस के सामने आत्म समर्पण किया।

शिक्षकों से हर महीने वसूलता था दो से पांच हजार रुपए
फर्जी नियुक्ति के बाद खत्री और शाह शिक्षकों से हर महीने रुपए वसूलते थे। उनसे दो से पांच हजार रुपए तक लिए जाते थे। इस तरह उनकी हर महीने दो से ढाई लाख रुपए की वसूली होती थी, जो शिक्षक रुपए नहीं देते थे, उनका वेतन रोक दिया जाता था। वेतन इसी शर्त पर जारी होता था कि वे रुपए देते रहेंगे। अध्यापक संवर्ग में संविलियन के बाद वसूली की राशि भी बढ़ा दी गई थी। कुछ शिक्षक राजनीतिक प्रभाव का फायदा उठाकर रुपए देने से इनकार करते थे तो उनका भी वेतन रोक दिया जाता था।

जांच में 9 पत्रकारों के नाम भी, जिन्हें बांटे थे रुपए
पुलिस की पूछताछ में लिपिक खत्री ने न सिर्फ अधिकारियों के नाम बताए, बल्कि 9 पत्रकारों के नाम भी बताए हैं, जिन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले की जानकारी मिलने के बाद उसने रुपए दिए थे। खत्री ने प्रेसवार्ता में भी खुलकर कहा मैंने पत्रकारों को भी रुपए बांटे हैं। समय आने पर सभी के नाम बताऊंगा। शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आने के बाद भी कई पत्रकार उसे रुपए देने के लिए परेशान कर रहे थे। उनके नाम भी उसने पुलिस को बताए हैं।

सीएसपी बोले- जनपद सीईओ और डीईओ की बड़ी लापरवाही
प्रेसवार्ता में सीएसपी बद्रीप्रसाद वर्मा ने बताया शिक्षक भर्ती घोटाले में नियोक्ता जनपद पंचायत सीईओ और डीईओ की बड़ी लापरवाही रही। वे समय पर नियुक्ति को गंभीरता से लेते और इसकी जांच कराते तो घोटाला पहले ही सामने आ जाता। लिपिक खत्री, शाह और भट्‌ट ने जनपद सीईओ के हस्ताक्षर से फर्जी नियुक्ति आदेश जारी करने के साथ डीईओ के लॉग इन आईडी पासवर्ड से शिक्षकों की यूनिक आईडी बनाई थी। उनके वेतन पत्रक भी बनाए और वेतन जारी किया जाता था।
पूछताछ में जो नाम सामने आएंगे कार्रवाई होगी

लिपिक खत्री से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में जो नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ साक्ष्य एकत्र कर कार्रवाई की जाएगी। अब तक पूछताछ में वरिष्ठ अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
बद्रीप्रसाद वर्मा, सीएसपी बुरहानपुर

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