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असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों का डाटा ऑनलाइन नहीं, अब चुनाव के बाद ही कॉलेजों में पहुंचेंगे नए शिक्षक

सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों को नियमित शिक्षकों के लिए और इंतजार करना होगा। उच्च शिक्षा विभाग अब तक असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा-2017 में चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेजों का डाटा ऑनलाइन नहीं कर सका है।


संभावना जताई जा रही है कि असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नियुक्ति अब विधानसभा चुनाव के बाद हो पाएगी। ऐसे में जहां चयनित उम्मीदवाराें को नौकरी के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा वहीं कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी प्रभावित होगी।

सरकारी कॉलेजों में अगस्त-सितंबर तक शिक्षक भेजने का सरकारी दावा फेल हो गया है। मामला अभी चयनित उम्मीदवारों के डाटा वेरिफिकेशन पर ही अटका हुआ है। ऐसे में जल्द नियुक्तियां होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। अफसरों ने भी संकेत दिए हैं कि इस प्रक्रिया में अभी कई पड़ाव आना बाकी हैं। ऐसे में नए सहायक प्राध्यापकों की नियुक्तियां विधानसभा चुनाव के बाद ही होंगी। यानी ऐसी सूरत में चयनित उम्मीदवारों को नौकरी के लिए कुछ महीने और इंतजार करना होगा।

महीनों का दावा, लगा दिया साल: उच्च शिक्षा विभाग ने पीएससी के जरिए 12 दिसंबर-2017 को असिस्टेंट प्रोफेसर के 2968 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। 15 जनवरी-2018 से आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस बीच परीक्षा स्थगित हो गई। फिर दोबारा फॉर्म मंगाए गए। जून में परीक्षा हुई। 17 जुलाई को पहला रिजल्ट घोषित हुआ। सितंबर में चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन शुरू किया गया। यह काम भी अभी अधूरा है। यानी महीनों में पूरी प्रक्रिया निपटाकर नियुक्ति करने का जो दावा था, उसके लिए पीएससी और उच्च शिक्षा विभाग ने पूरा साल लगा दिया है। ये हालात तब हैं, जब इस भर्ती से साक्षात्कार की प्रक्रिया हटा दी गई। मेरिट के आधार पर ही चयन किए गए हैं।

फंसा अतिथि विद्वानों का पेंच

असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के उम्मीदवारों की नियुक्ति में देरी के पीछे अतिथि विद्वानों का पेंच भी है। उच्च शिक्षा विभाग असिस्टेंट प्रोफेसर के जिन 3500 पदों पर भर्ती कर रहा है, उन पर इस वक्त अतिथि विद्वान काम कर रहे हैं। नए असिस्टेंट प्रोफेसर इन्हीं पदों पर नियुक्ति होंगे। समझा जा रहा है कि सरकार अतिथि विद्वानों को नाराज नहीं करना चाहती है। इसलिए पूरी प्रक्रिया को चुनाव तक टाला जा रहा है।

दस्तावेज नहीं हुए ऑनलाइन

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की परीक्षा तो पीएससी ने ली, लेकिन चयनित उम्मीदवारों के डाटा वेरिफिकेशन का काम उच्च शिक्षा विभाग कर रहा है। विभाग ने 10 अगस्त से यह प्रक्रिया शुरू की थी। अफसरों का कहना है कि उम्मीदवारों से डॉक्यूमेंट मंगवाए हैं। फिर उनका आवेदन के साथ दिए गए डॉक्यूमेंट के साथ राजपत्रित अधिकारी से मिलान कराया गया है। अब ये दस्तावेज ऑनलाइन किए जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया में 15 दिन लगेंगे। यानी कोई भी कार्रवाई उसके बाद ही शुरू होगी। तब तक आचार संहिता लग जाएगी और सिस्टम चुनावी मोड में चला जाएगा। ऐसे में विभाग के स्तर पर अगला कदम जल्द उठाया जाएगा। इसकी गुंजाइश कम ही नजर आ रही है।

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