इस जांच में प्रदेश भर में चार हजार से अधिक शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले थे। इसकी जांच एसआईटी ने की थी। एसआईटी द्वारा जारी की गई सूची में मैनपुरी के 81 शिक्षक शामिल थे। दिसंबर 2017 में बीएसए ने इन शिक्षकों को सेवा समाप्ति के प्रथम नोटिस जारी किए थे।
इसी बीच वे कोर्ट चले गए और फिर से नौकरी करने लगे। एसआईटी ने कोर्ट में फर्जी शिक्षकों की सारी जानकारी दी तो फिर से कार्रवाई शुरू हो गईं। 25 जुलाई 2018 को इन शिक्षकों को द्वितीय एवं अंतिम बर्खास्तगी नोटिस जारी किए गए थे।
इसमें 15 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था। शिक्षकों ने इसमें जवाब देने में देरी की। अब सभी शिक्षकों के जवाब प्राप्त हो चुके हैं। विभाग को मिले जवाब में अधिकतर शिक्षकों ने जो पूर्व में जवाब दिया था वही जवाब दोबारा दिया है।
शिक्षक ऑफलाइन जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग इससे सहमत नहीं है। अब विभाग ने उनकी बर्खास्तगी के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जिसे जिला समिति के पास भेजा गया है। किसी भी समय जिला समिति इन शिक्षकों की बर्खास्तगी का निर्णय ले सकती है।