प्रदेश के सभी कॉलेजों में रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों की भर्ती चल रही है। इसके तहत चार अगस्त तक आवेदकों को आवेदन और दस्तावेज उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने थे।
इसके बाद लिंक बंद होनी थी, लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने लिंक बंद नहीं की और आपत्तियां लगने के बाद आवेदकों ने आपत्ति के हिसाब से निर्धारित तारीख के बाद भी दस्तावेज बदल कर वेरीफिकेशन करा लिया और भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र हो गए।
निराकरण के बाद दोबारा लग गई आपत्ति
चार अगस्त तक आवेदन प्रक्रिया के बाद 8 से 10 अगस्त तक आपत्तियां लगनी थी। जिनका निराकरण 14 अगस्त तक किया जाना था। इसके बाद विभाग ने एलाइड विषय वालों के लिए पोर्टल की लिंक ओपन की तो मुख्य विषय के आवेदकों पर भी आपत्तियां दोबारा से लगा दी गई।
फर्जी आपत्तियों पर नहीं हो रही कार्रवाई
इसके साथ ही भोपाल का आवेदक, सागर में और सागर का आवेदक भोपाल में आपत्तियां दर्ज करा रहा है, जो कि नियम के मुताबिक गलत है। अतिथि विद्वानों ने बताया कि कुछ आईडी तो सिर्फ आपत्ति लगाने ही बनाई गई हैं। जिनकी वजह से वे परेशान हो रहे हैं। ऐसे फर्जी आपित्तकर्ताओं पर नियम के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन कार्रवाई न होने की वजह से फर्जी आपत्तियां लग रही हैं।
उच्च शिक्षा विभाग को निर्धारित तिथि के बाद भोपाल से पोर्टल की लिंक बंद करनी थी। लेकिन विभाग ने नहीं की। इस वजह से कुछ आवेदकों ने निर्धारित तारीख के बाद भी पोर्टल पर दस्तावेज बदल दिए हैं। एक बार आपत्ति का निराकरण करने के बाद दूसरी बार आपत्ति के लिए लिंक ओपन नहीं होनी थी। लेकिन विभाग ने एलाइड वालों के साथ-साथ मुख्य विषयों वालों की लिंक भी ओपन कर दी। इस वजह से दो-दो बार आपत्तियां लग गई हैं। दूसरी बार लगी आपत्तियों के निराकरण के संबंध में मुझे विभाग से किसी भी प्रकार के निर्देश नहीं मिले हैं। इस वजह से दोबारा निराकरण नहीं किया जाएगा। विभाग ने भर्ती प्रक्रिया का जो शेड्यूल तय किया है, उसी शेड्यूल के हिसाब से प्रक्रिया पूरी होगी।
-डॉ. एसी जैन, गेस्ट फैकल्टी भर्ती प्रक्रिया नोडल प्रभारी