रायसेन@शिवलाल यादव की रिपोर्ट...
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के लिए शुरू किया गया। एम शिक्षा मित्र सिस्टम का भी अब दुरूपयोग होना शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि कुछ शिक्षकों द्वारा घर बैठे ही मोबाइल से एसएमएस कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी जाती है।
जिसे बेव एज्युकेशन पोर्टल भी एक्सेप्ट कर रहा है।
हालांकि एसएमएस के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने के लिए शुरू की गई एम शिक्षा
मित्र योजना का फिलहाल ट्रायल भी चल रहा है। इसे जल्द अनिवार्य भी किए जाने
की तैयारी की जा रही है। दरअसल यह योजना शिक्षकों को स्कूल में नियमित
उपस्थिति के लिए लागू की गई है। शिक्षक एसएमएस के जरिए भी अपनी स्कूल में
उपस्थिति दर्ज करवा सकते हैं।स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के लिए शुरू किया गया। एम शिक्षा मित्र सिस्टम का भी अब दुरूपयोग होना शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि कुछ शिक्षकों द्वारा घर बैठे ही मोबाइल से एसएमएस कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी जाती है।
सिस्टम में गड़बड़ी....
सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा बताया जा रहा है कि इस एम शिक्षा मित्र सिस्टम में गड़बड़ी भी है। फिलहाल इसकी गड़बड़ी दूर करने की भी जरूरत है। टीचरों ने बताया कि स्कूल में एसएमएस के जरिए उनकी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मोबाइल पर कई बार कोई मैसेज नहीं आता है। जबकि विद्यालय केबाहर मोबाइल से एसएमएस करने पर एसएमएस का मैसेज स्क्रीन पर तुरंत आ जाता है। इस गड़बड़ी के चलते कई बार बेव पोर्टल में गैर हाजिर दिखता है। स्वाभाविक है कि इसमें कोई ना कोई गड़बड़ी जरूर है। इस वजह से ऐसी स्थिति बनती है।
सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा बताया जा रहा है कि इस एम शिक्षा मित्र सिस्टम में गड़बड़ी भी है। फिलहाल इसकी गड़बड़ी दूर करने की भी जरूरत है। टीचरों ने बताया कि स्कूल में एसएमएस के जरिए उनकी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मोबाइल पर कई बार कोई मैसेज नहीं आता है। जबकि विद्यालय केबाहर मोबाइल से एसएमएस करने पर एसएमएस का मैसेज स्क्रीन पर तुरंत आ जाता है। इस गड़बड़ी के चलते कई बार बेव पोर्टल में गैर हाजिर दिखता है। स्वाभाविक है कि इसमें कोई ना कोई गड़बड़ी जरूर है। इस वजह से ऐसी स्थिति बनती है।
नहीं कर रहे उपयोग
शिक्षा विभाग द्वारा भले ही चाहे एसएमएस के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश शिक्षकों को दिए गए हों। लेकिन कई शिक्षक इस सिस्टम का उपयोग करते नहीं दिख रहे हैं। शहर सहित गांवों के सरकारी स्कूलों के कई शिक्षक एम शिक्षा मित्र ई-अटेंडेंस का उपयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसी लापरवाही में इन शिक्षकों का वेतन भी कट सकता है। जबकि शासन ने इस ई-अटेंडेंस सिस्टम को कड़ाई से पालन कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित भी किया जा चुका है। कई शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा इस एम शिक्षा मित्र योजना का पालन करनेमें जानबूझकर विरोध करते हुए लापरवाही बरत रहे हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा भले ही चाहे एसएमएस के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश शिक्षकों को दिए गए हों। लेकिन कई शिक्षक इस सिस्टम का उपयोग करते नहीं दिख रहे हैं। शहर सहित गांवों के सरकारी स्कूलों के कई शिक्षक एम शिक्षा मित्र ई-अटेंडेंस का उपयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसी लापरवाही में इन शिक्षकों का वेतन भी कट सकता है। जबकि शासन ने इस ई-अटेंडेंस सिस्टम को कड़ाई से पालन कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित भी किया जा चुका है। कई शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा इस एम शिक्षा मित्र योजना का पालन करनेमें जानबूझकर विरोध करते हुए लापरवाही बरत रहे हैं।