जिले में जहां नए हायर सेकंडरी व हाईस्कूल खुले हैं, वहां तो अभी तक स्टाफ स्वीकृत नहीं हो सका है। जबकि शिक्षा सत्र इस साल अप्रेल में चालू हो गया लेकिन शिक्षक न होने से बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप है। गंभीर बात यह है कि स्कूलों में 2018-19 का शैक्षणिक सत्र अप्रैल से शुरू हो चुका है। लेकिन शिक्षा विभाग ने जिले में करीब 2 हजार शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए अब तक अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी नहीं की है।
स्कूल में लगा था ताला, बाहर खड़े थे छात्र
1सात जुलाई को बमरा स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे डिप्टी कलेक्टर आर ए प्रजापति को न तो स्कूल का ताला खुला मिला और न ही स्कूल स्टाफ। खास बात यह रही कि हाईस्कूल,मिडिल और प्राइमरी स्कूल के सभी बच्चे ताला लगे होने से स्कूल के बाहर ही खड़े नजर आए और 30 मिनट डिप्टी कलेक्टर के इंतजार करने के बाद भी जब शिक्षक वहां नहीं पहुंचे तो सात दिन का वेतन काटने के निर्देश उन्होंने आठों शिक्षकों के लिए दिए।
2छह जुलाई को स्कूल समय में माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक अनिल चौकसे को पानी भरना महंगा पड़ गया। पड़ोस के किसी समाजसेवी ने शिक्षक का टैंकर से पानी भरते फोटो पोस्ट कर दिया और इस फोटो को देखकर जब डीपीसी ने संबंधित शिक्षक के स्कूल का निरीक्षण किया तो वह नदारद मिला,साथ ही स्कूल भी बंद मिला। डीपीसी ने मौका मुआयना कर ग्रामीणों से पंचनामा बना कार्रवाई के लिए प्रस्ताव सीईओ को दे दिया है।
पिछले साल पदस्थ अतिथि शिक्षक
संख्या वर्ग
300 वर्ग-1
700 वर्ग-2
200 वर्ग-3
अभी तक नहीं हो सकीं नियुक्तियां
स्कूल शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षकों के संबंध में नियुक्तियां जुलाई माह के पहले ही कर लेता तो नए सत्र में पहली तारीख से ही कक्षाओं में अतिथि शिक्षकों का आना शुरु हो जाता पर 14 जुलाई तक अतिथि शिक्षकों को पदस्थापना नहीं मिली जिससे अब तक यह स्कूल बिना शिक्षक के ही चल रहे है।
जारी है भर्ती प्रक्रिया
अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन तो हो गए है।अतिथियों को नियुक्त संबंधी प्रक्रिया भी शुरु हो गई है,जल्द अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हो जाएगी जिससे छात्र-छात्राओं को असुविधा का सामना नहीं करना पढ़ेगा। शिरोमणि दुबे,डीपीसी शिवपुरी