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विधायक ने सदन में पूछा- अध्यापकों को ग्रीन कार्ड का क्यों नहीं मिल रहा लाभ

भास्कर संवाददाता| जबेरा विधायक ने दूसरे प्रश्न में शिक्षा विभाग से पूछा कि अध्यापक संवर्ग को ग्रीन कार्ड का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अध्यापकों को ग्रीन कार्डधारियों को इंन्क्रीमेंट लगाए जाने का प्रावधान है। यदि हां तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए।


क्या अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान के आदेश के बाद ग्रीन कार्डधारी अध्यापकों को इंक्रीमेंट बंद कर दिए हैं। जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि इंक्रीमेंट बंद नहीं हुए हैं। तब विधायक ने कहा कि 22 दिसंबर 2017 को छटबें वेतन की गणना पत्रक में ग्रीन कार्ड की वेतन वृद्धि का जिक्र न होने के कारण 1 फरवरी 2017 के अपात्र कर्मचारियों को जिनको एक इंक्रीमेंट मिलना था नहीं दिया जा रहा है। क्या शासन गणना पत्रक में ग्रीन कार्ड वेतन वृद्धि का लाभ देने के लिए अलग से निर्देश जारी करेगा।

तब मंत्री विजय शाह ने कहा कि जो एक बच्चे पर नसबंदी करा लें उन्हें वेतन दिए जाने का प्रावधान है और जो 2 बच्चों के बाद यदि नसबंदी कराते हैं तो उन्हें एक वेतन वृद्धि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी हम सारे अध्यापकों को शिक्षक संवर्ग में मिला रहे हैं इसीलिए जब छठवां वेतनमान आएगा उसके बाद सब क्लियर हो जाएगा।उन्नयन किए गए स्कूल में स्कूल भवनों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। वैकल्पिक व्यवस्था इन हाईस्कूलों की कक्षाओं को वर्तमान में मिडिल स्कूलों में संचालित किया जा रहा है। वहीं 20 बच्चों से कम दर्ज वाले स्कूल की संख्या 130 है। जिसमें तीन 3 स्कूल तो बिना बच्चों के हैं जिनमें 2 जबेरा ब्लॉक के पथरिया ब्लॉक का है। 10 से कम बच्चों वाले स्कूल की संख्या भी 24 हैं।

जिले में 20 से कम बच्चे वाले 130 स्कूल

इसके बाद विधायक ने पूछा कि बीते 3 वर्षों में दमोह जिले में कितने स्कूलों का उन्नयन किया गया है तथा उन्नयन किए गए स्कूलों के भवन निर्माण के लिए कितना बजट उपलब्ध कराया गया है। जिले में कितने स्कूल भवन निर्माणाधीन हैं। प्रशासकीय स्वीकृति का दिनांक तथा अभी तक कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण रहा है। निर्माणाधीन कार्य किसकी निगरानी में संचालित हैं। उन्नयन किए गए स्कूलों में भवन निर्मित नहीं हुए हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा की 2015 में 11 हाईस्कूल एवं 3 हायर सेकंडरी स्कूलों का उन्नयन किया गया एवं शासकीय प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में उन्नत शालाओं की जानकारी निरंक बताई गई।

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