बोरखेड़ा पित्रामल के माध्यमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक दृष्टिहीन जसवंत
राठौर पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप में रोज नए खुलासे हो रहे हैं।
3
जनवरी को न्यायालय में जज के सामने धारा 164 में शिक्षक के खिलाफ बयान देने
वाली 5 में से 4 छात्राओं ने 4 जनवरी को उज्जैन एसपी के सामने पहुंचकर
बयान दिया था कि जसवंत सर ने उनके साथ छेड़छाड़ नहीं की है। गलत आरोप लगाने
के लिए शिक्षिका हेमलता चौहान ने उन्हें मजबूर किया था। बावजूद पुलिस
अनुसंधान में इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है।
सोमवार को भास्कर के हाथ लगे एक ऐसा दस्तावेज लगा है, जिससे यह पता
चलता है कि शिक्षक जसवंत को फंसाने के लिए साजिश का तानाबाना लंबे समय से
बुना जा रहा था। जो सबूत हाथ लगा है असल में वो 16 नवंबर को संकुल
प्राचार्य रामजी त्रिपाठी को लिखा गया पत्र है। यह पत्र आरोपी जसवंत ने
लिखा है। इसमें बताया गया है कि उसके खिलाफ स्कूल प्रबंधन कोई साजिश कर रहा
है। इसलिए उनका तबादला किसी और स्कूल में कर दिया जाए। बावजूद किसी ने इस
ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन जसवंत आज जेल में है।
सीएसपी बोले- दिव्यांग क्या अपराधी नहीं होते
सोमवार शाम शिक्षक जसवंत के पक्ष में ब्लाइंड एम्पलाइज यूनियन और युवा
विकलांग मंच के सदस्यों ने सीएसपी मानसिंह परमार को ज्ञापन सौंपकर मामले की
निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। इस पर सीएसपी ने कहा कि- कानून अपने
दायरे में काम करता है। ऐसा नहीं है कि जो विकलांग होते हैं वो अपराधी नहीं
हो सकते। पुलिस को नाबालिग लड़कियों ने शिकायत की, इस पर एफआईआर दर्ज की
है। अगर शिक्षक दोषी नहीं है तो न्यायालय उसे बरी करेगा। आपके ज्ञापन देने
से कोई बेगुनाह तो हो नहीं जाएगा। जो कानून के दायरे में होगा। आप लोग
जमानत कराने की कोशिश कीजिए।
जांच में मामला है, सच या झूठ सामने आएगा
इधर, मामले में सीएसपी मानसिंह परमार का कहना है कि लोकल पुलिस पर कोई
आरोप नहीं लगे इसलिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। कानून
संवेदना पर नहीं चलता, शिक्षक बेकसूर है तो न्यायालय में साबित होगा।
शिक्षक जसवंत राठौर के समर्थन में सीएसपी को ज्ञापन देने लकड़ी के सहारे जाते दृष्टिहीन शिक्षक।
शिक्षिका बोलीं- जसवंत से मेरी कोई दुश्मनी नहीं
मामले में कथित छेड़छाड़ की शिकायत करने वाली छात्राएं जिस शिक्षिका
हेमलता चौहान पर जसवंत सर के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बनाने का आरोप
लगा रही है, उस शिक्षिका का कहना है कि मैंने ने तो यह स्पष्ट किया है कि
उनके सामने कुछ नहीं हुआ। छात्राओं ने उनसे शिकायत की थी। जसवंत भी शिक्षक
हैं, मैं भी। कौन क्या कर रहा है, मैं नहीं जानती। लेकिन मैंने कोई साजिश
नहीं की। ये करना होता तो पुलिस के सामने भी बयान देती।
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