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व्यायाम शिक्षकों के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री का गोलमोल जवाब

बालाघाट। नईदुनिया प्रतिनिधि।
अध्यापक, संविदा व्यायाम शिक्षक संघ मध्यप्रदेश ने अपनी व्यथा बताते हुए विधानसभा में शिक्षा मंत्री की गलत बयानी पर रोष जताते हुए कहा है कि शासन की विसंगति पूर्ण नीति के चलते व्यायाम शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां पर उन्होंने बताया कि कई मर्तबा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देकर परेशानियों से अवगत कराया जा चुका है। लेकिन शासन स्तर पर इच्छा शक्ति के चलते व्यायाम शिक्षक संघ जो प्रदेश के खिलाड़ियों और युवाओं को मानसिक और स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी निभा रहा है वह ही मानसिक पीड़ा से गुजर रहा है। व्यायाम शिक्षक संघ मध्यप्रदेश के अध्यक्ष नवजीत सिंह परिहार ने बताया कि पूर्व में इस संबंध में कई व्यायाम शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के हायर सेकेंडरी स्कूलों में एक समान योग्यता वाले दो-दो व्यायाम शिक्षकों में एक वर्ग 2 और वर्ग 3 से अलग- अलग वेतनमान पर कार्य कर रहे हैं जबकि वह समान कार्यों पर भर्ती हैं।
सदन में ये पूछा गया सवाल
अध्यक्ष ने बताया कि शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान लगाए गए परिशिष्ट 15 प्रश्न क्रमांक 497 के अुनसार प्रश्न में जानना चाहा है कि क्या 2006 से प्रदेश के उधातर माध्यमिक स्कूलों में भर्ती किए गए व्यायाम शिक्षकों को संविदा वर्ग तीन अथवा सहायक अध्यापक में संविलियन किया गया है। जबकि उसके पूर्व व्यायाम शिक्षकों की भर्तियां हुई हैं चाहे वह नियमित शिक्षाकर्मी, संविदा सभी वर्ग दो में हुई हैं। सन 2006 से व्यायाम शिक्षकों का स्तर गिरने का क्या कारण है। क्या प्रदेश की स्कूलों में पदस्थ व्यायाम शिक्षक जो कि अलग-अलग वर्ग (नियमित, अध्यापक, सहायक अध्यापक) हैं, से समान कार्य कराया जाता है। यदि हां तो क्या शासन द्वारा न्यायालय के निर्णयानुसार समान कार्य समान वेतन समान पद के नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। उधातर माध्यमिक शालाओं में उक्त पद की वर्ग तीन की भर्ती का पद क्यों स्वीकृत किया गया है जबकि यह पद वर्ग दो स्तर का है।
ये मिला जवाब
स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने विधानसभा में अपने उत्तर में माना कि द्वारा संविदा शाला शिक्षक नियम 2005 में सविंदा शाला शिक्षक श्रेणी (व्यायाम शिक्षक) के पद पर नियुक्ति के प्रावधान है। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष की सेवा उपरांत वर्ष 2008 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार सहायक अध्यापक (व्यायाम) के पद पर नियुक्त किया जाता है। 2006 के पूर्व वर्ष 1998 में इनकी नियुक्ति शिक्षक श्रेणी वर्ग 2 में हुई थी। वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी योजना में यह पद वर्ग 2 का था। संविदा शाला शिक्षक में श्रेणी 3 का है। हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल के सभी समवर्गीय पद यथा व्यायाम, गायन, वादन, प्रयोग शाला संविदा शाला शिक्षक श्रेणी 3 स्तर के ही हैं।
शिक्षा मंत्री ने किया गुमराह
इस मामले में व्यायाम शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नवजीत सिंह परिहार ने कहा कि मंत्री ने अध्यापक संवर्ग के वर्ग 3 के व्यायाम शिक्षकों की समस्याओं पर लगे विधानसभा प्रश्न का बड़ी ही सफाई से जवाब देकर सदन को गुमराह करने का प्रयास किया है। वहीं शिक्षा विभाग के अध्यापक संवर्ग के व्यायाम शिक्षकों के नीतिनिर्माताओं की कुटिलता को छिपाने का प्रयास किया है, सदन में किए गए प्रश्नानुसार समान कार्य-समान वेतन, वर्ग विसंगति व व्यायाम शिक्षकों का स्तर गिराने के कारणों पर जवाब मांगा गया था। जिस पर उन्होंने कुछ भी प्रकाश नहीं डाला है।
आर्थिक और सामाजिक शोषण हो रहा
सन 2006 से प्रदेश की स्कूलों में व्यायाम शिक्षकों का स्तर गिराने से जहां प्रदेश के करीब 400 सहायक अध्यापक स्तर के कार्यरत व्यायाम शिक्षकों का आर्थिक व सामाजिक शोषण हो रहा है वही युवाओं में भी शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में करियर के प्रति रुचि घट रही है। उन्होंने कहा कि अनेकों बार पूरे प्रदेश से मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को मांगो का ज्ञापन दिया गया है। लेकिन उस पर कोई निराकरण के लिए प्रयास नहीं किया गया है। 

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