जबलपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के
छात्रों को ब्लैकबोर्ड के साथ ही बड़े स्क्रीन वाले मोबाइल से ऑडियो-विजुअल
के जरिए लर्निंग मटेरियल पढ़ाने जिले भर के 5 हजार से ज्यादा शिक्षक,
अध्यापकों को 16 जीवी का मेमोरी कार्ड खरीदने 500-500 दिए दिए।
लेकिन पिछले 6 माह बाद भी जिले की 2256 स्कूलों में से 85 प्रतिशत स्कूलों में मोबाइल से पढ़ाई कराई ही नहीं जा रही। 15 प्रतिशत स्कूलों में युवा शिक्षक जरूर मोबाइल का इस्तेमाल कर बच्चों को लर्निंग मटेरियल पढ़ाने की औपचारिकता निभा रहे हैं। मजेदार बात ये है कि कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जिन्होंने मेमोरी कार्ड में लर्निंग मटेरियल डाउनलोड करने में हुई विभागीय हीलाहवाली के चलते कार्ड में मनोरंजन सामग्री डाउनलोड करवा ली और अब खुद का मनोरंजन कर रहे हैं।
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लाखों खर्च कर दिए फायदा एक धेले का नहीं
- जून 2017 में स्कूल शिक्षा विभाग ने जबलपुर सहित प्रदेश के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को 16 जीवी का मेमोरी कार्ड (सैड डिस्क) खरीदने उनके बैंक खातों में 500-500 दिए जमा कराए थे।
- 5768 शिक्षक, अध्यापकों को मेमोरी कार्ड देने के एवज में प्रति शिक्षक 500 दिए के हिसाब से करीब 28 लाख 84 हजार दिए शिक्षा विभाग ने खर्च किए। स्कूली बच्चों को एक धैले का भी फायदा नहीं हुआ।
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विभाग की ये थी योजना
- राज्य शिक्षा केन्द्र ने बच्चों को पढ़ाने ज्ञान पिटारा एप से ऑडियो-विजुअल, गीत-संगीत में जोड़-घटाना, हिन्दी वर्णमाला, अंग्रेजी, डायग्राम, चार्ट में लर्निंग मटेरियल (शिक्षण सामग्री) डाउन लोड कर सीडी फार्मेट में जिला शिक्षा केन्द्रों का उपलब्ध कराया गया।
- जिला शिक्षा केन्द्र बीआरसी (विकासखंड स्त्रोत समन्वयक) के जरिए पेनकार्ड से लर्निंग मटेरियल शिक्षकों को दिए मेमोरी कार्ड में उपलब्ध कराया।
- शिक्षक स्कूलों में जहां स्मार्ट क्लास हैं वहां अपने बड़े स्क्रीन वाले मोबाइल से बच्चों को ऑडियो-वीडियो में लर्निंग मटेरियल दिखाकर-सुनाकर पढ़ाई कराएंगे वहीं बच्चों का बेसिक ज्ञान भी बढ़ाएंगे।
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ये हैं हालात
- 1603 प्राइमरी और 652 मिडिल स्कूल शामिल।
- 5768 शिक्षक हैं पदस्थ।
- 4006 प्राइमरी में और 1762 मिडिल स्कूलों में।
- 1700 शिक्षक यानी 30 प्रतिशत शिक्षक कह रहे नहीं चलाते बड़ी स्क्रीन वाले एड्राइड मोबाइल।
- लर्निंग मटेरियल डाउनलोड में ज्यादा वक्त लगने के कारण ज्यादातर ने नहीं कराया डाउनलोड
- जिन्होंने मटेरियल डाउनलोड वे ट्रेनिंग के अभाव में मोबाइल का पढ़ाई में इस्तेमाल नहीं कर रहे
- 15 युवा शिक्षक ही निभा रहे औपचारिकता
वर्जन----
90 फीसदी शिक्षकों के स्मार्ट फोन में लर्निंग मटेरियल डाउनलोड कराया गया था। ट्रेनिंग के अभाव में हो सकता है इसका इस्तेमाल ज्यादातर शिक्षक न कर रहे हो। इसकी मॉनीटरिंग कराई जाएगी।
घनश्याम बर्मन, सहायक जिला परियोजना समन्वयक
लेकिन पिछले 6 माह बाद भी जिले की 2256 स्कूलों में से 85 प्रतिशत स्कूलों में मोबाइल से पढ़ाई कराई ही नहीं जा रही। 15 प्रतिशत स्कूलों में युवा शिक्षक जरूर मोबाइल का इस्तेमाल कर बच्चों को लर्निंग मटेरियल पढ़ाने की औपचारिकता निभा रहे हैं। मजेदार बात ये है कि कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जिन्होंने मेमोरी कार्ड में लर्निंग मटेरियल डाउनलोड करने में हुई विभागीय हीलाहवाली के चलते कार्ड में मनोरंजन सामग्री डाउनलोड करवा ली और अब खुद का मनोरंजन कर रहे हैं।
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लाखों खर्च कर दिए फायदा एक धेले का नहीं
- जून 2017 में स्कूल शिक्षा विभाग ने जबलपुर सहित प्रदेश के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को 16 जीवी का मेमोरी कार्ड (सैड डिस्क) खरीदने उनके बैंक खातों में 500-500 दिए जमा कराए थे।
- 5768 शिक्षक, अध्यापकों को मेमोरी कार्ड देने के एवज में प्रति शिक्षक 500 दिए के हिसाब से करीब 28 लाख 84 हजार दिए शिक्षा विभाग ने खर्च किए। स्कूली बच्चों को एक धैले का भी फायदा नहीं हुआ।
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विभाग की ये थी योजना
- राज्य शिक्षा केन्द्र ने बच्चों को पढ़ाने ज्ञान पिटारा एप से ऑडियो-विजुअल, गीत-संगीत में जोड़-घटाना, हिन्दी वर्णमाला, अंग्रेजी, डायग्राम, चार्ट में लर्निंग मटेरियल (शिक्षण सामग्री) डाउन लोड कर सीडी फार्मेट में जिला शिक्षा केन्द्रों का उपलब्ध कराया गया।
- जिला शिक्षा केन्द्र बीआरसी (विकासखंड स्त्रोत समन्वयक) के जरिए पेनकार्ड से लर्निंग मटेरियल शिक्षकों को दिए मेमोरी कार्ड में उपलब्ध कराया।
- शिक्षक स्कूलों में जहां स्मार्ट क्लास हैं वहां अपने बड़े स्क्रीन वाले मोबाइल से बच्चों को ऑडियो-वीडियो में लर्निंग मटेरियल दिखाकर-सुनाकर पढ़ाई कराएंगे वहीं बच्चों का बेसिक ज्ञान भी बढ़ाएंगे।
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ये हैं हालात
- 1603 प्राइमरी और 652 मिडिल स्कूल शामिल।
- 5768 शिक्षक हैं पदस्थ।
- 4006 प्राइमरी में और 1762 मिडिल स्कूलों में।
- 1700 शिक्षक यानी 30 प्रतिशत शिक्षक कह रहे नहीं चलाते बड़ी स्क्रीन वाले एड्राइड मोबाइल।
- लर्निंग मटेरियल डाउनलोड में ज्यादा वक्त लगने के कारण ज्यादातर ने नहीं कराया डाउनलोड
- जिन्होंने मटेरियल डाउनलोड वे ट्रेनिंग के अभाव में मोबाइल का पढ़ाई में इस्तेमाल नहीं कर रहे
- 15 युवा शिक्षक ही निभा रहे औपचारिकता
वर्जन----
90 फीसदी शिक्षकों के स्मार्ट फोन में लर्निंग मटेरियल डाउनलोड कराया गया था। ट्रेनिंग के अभाव में हो सकता है इसका इस्तेमाल ज्यादातर शिक्षक न कर रहे हो। इसकी मॉनीटरिंग कराई जाएगी।
घनश्याम बर्मन, सहायक जिला परियोजना समन्वयक