रासं, भोपाल। विधानसभा में आज ग्वालियर जिले में शिक्षकों
की उपस्थिति तय करने के लिए शुरू की गई चैक पोस्ट व्यवस्था पर जमकर हंगामा
हुआ और कांग्रेस ने इस आदेश को शिक्षकों का अपमान बताते हुए तत्काल वापस
लेने की मांग की पर जब शिक्षा मंत्री ने एप लागू होने तक इस व्यवस्था को
चलते रहने देने की बात कही तो कांग्रेस ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए सदन
से वाक आउट कर दिया।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के लाखन सिंह यह मामला उठाते हुए कहा कि ग्वालियर में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने शिक्षकों के लिए चैक पोस्ट व्यवस्था लागू कर दी है। इसमें शिक्षकों को बस से उतरकर स्कूल जाने से पहले विभाग द्वारा नियुक्त अधिकारी के सामने उपस्थिति दर्शाना होती है उसके बाद वह स्कूल जाता है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों का अपमान है और सरकार उन्हें कामचोर साबित कर रही है। शिक्षकों से 1500 रुपए वसूल कर उन्हें इस नियम से छूट दी जा रही है और पैसा न देने वाले शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि सीएम हेल्प लाइन में जिले से 135 शिकायतें आने पर यह व्यवस्था लागू की गई है और यह व्यवस्था लागू होने के बाद शिकायतें समाप्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उपस्थिति के लिए जो एप इंदौर में लागू किया है उसका साफ्टवेयर तैयार हो रहा है, जल्द ही उपस्थिति एप से सुनिश्चित की जाएगी। उसके बाद चैक पोस्ट की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने तीखा ऐतराज जताते हुए कहा कि एक तरफ तो वह शिक्षा में गुणवत्ता की बात करती है, दूसरी तरह इस आदेश का विरोध कर रही है। पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि हम तो शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास कर रहे हैं पर आपके राज में शिक्षकों से आबकारी दुकानों में शराब तक बिकवाई गई। मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता का कांग्रेस विरोध कर रही है। शिक्षा की सर्वाधिक दुदर्शा कांग्रेस के शासनकाल में ही हुई है।
प्रदेश के 9 हजार 800 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, 30 हजार से ज्यादा पद खाली
मध्यप्रदेश के 3 हजार 553 प्राथमिक विद्यालय, 5 हजार 162 हाईस्कूल तथा 1 हजार 91 हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल शिक्षक विहीन है। वहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्ष एक से आठवी तक के लिए 30 हजार तीन सौ पद खाली पड़े हुए है। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों के जरिए पढ़ाई की जा रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने विधायक रामनिवास रावत के लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 81 हजार 314 प्राथमिक, 30 हजार 305 माध्यमिक, 3600 हाईस्कूल और 2 हजार 949 हायर सेकेण्डरी स्कूल है। इन स्कूलों में से 9 हजार 806 स्कूलों में कोई भी शिक्षक नहीं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ में 19 हजार 100 संविदा शाला शिक्षक वर्ग तीन ओर 11 हजार 200 संविदा शाला शिक्षक वर्ग दो के पद रिक्त पड़े हुए है। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
BJP विधायक बोले, कब पूरी होंगी CM की घोषणाएं
भोपाल। सीधी जिले में सीएम की घोषणाओं को लेकर आज भाजपा के विधायक केदारनाथ शुक्ल ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए जानना चाहा कि मुख्यमंत्री ने उनके क्षेत्र में जो घोषणाएं की थीं उनमें से कितनी पूरी हो गई है। प्रश्नकाल के दौरान केदारनाथ शुक्ल का कहना था कि सीएम ने आडिटोरियम निर्माण, तीन दिवसीय लोकरंग समेत अन्य घोषणाएं की थी। उन्होंने पूछा कि यह घोषणाएं कब तक पूरी होंगी। इस पर संस्कृति मंत्री सुरेन्द्र पटवा ने बताया कि सीएम 19 घोषणाएं सीधी में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान की थी उनमें से 11 पूर्ण हो चुकी हैं। आठ पर कार्यवाही प्रचलित है। इस पर केदार शुक्ल ने कहा सीएम ने चिकित्सालय में आईसीयू वार्ड बनाने की भी घोषणा की थी, पर अध्यक्ष ने कहा कि आपका सवाल संस्कृति विभाग से जुड़ा था, इसमें यह प्रश्न उद्भूत नहीं होता, इसके लिए आप अलग से चर्चा करें।
वेतन विसंगति दूर करेंगे
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने विधायक कल्याण सिंह ठाकुर के प्रश्न पर आश्वस्त किया है कि नौलास और गुलाबगंज में जिन शिक्षकों के वेतन मामले में विसंगति पाई जाएगी, उसे दूर किया जाएगा। विधायक ने ध्यान आकृष्ट कराया था कि शिक्षकों के वेतनमान में त्रुटियां हैं।
शिकायत मिली तो जांच
स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने विधायक राजकुमार मेव के प्रश्न पर उत्तर दिया कि राष्टÑीय त्यौहारों के दौरान बच्चों को वितरित की जाने वाली मिठाइयों को लेकर गड़बड़ी मिली तो जांच कराई जाएगी।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के लाखन सिंह यह मामला उठाते हुए कहा कि ग्वालियर में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने शिक्षकों के लिए चैक पोस्ट व्यवस्था लागू कर दी है। इसमें शिक्षकों को बस से उतरकर स्कूल जाने से पहले विभाग द्वारा नियुक्त अधिकारी के सामने उपस्थिति दर्शाना होती है उसके बाद वह स्कूल जाता है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों का अपमान है और सरकार उन्हें कामचोर साबित कर रही है। शिक्षकों से 1500 रुपए वसूल कर उन्हें इस नियम से छूट दी जा रही है और पैसा न देने वाले शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि सीएम हेल्प लाइन में जिले से 135 शिकायतें आने पर यह व्यवस्था लागू की गई है और यह व्यवस्था लागू होने के बाद शिकायतें समाप्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उपस्थिति के लिए जो एप इंदौर में लागू किया है उसका साफ्टवेयर तैयार हो रहा है, जल्द ही उपस्थिति एप से सुनिश्चित की जाएगी। उसके बाद चैक पोस्ट की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने तीखा ऐतराज जताते हुए कहा कि एक तरफ तो वह शिक्षा में गुणवत्ता की बात करती है, दूसरी तरह इस आदेश का विरोध कर रही है। पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि हम तो शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास कर रहे हैं पर आपके राज में शिक्षकों से आबकारी दुकानों में शराब तक बिकवाई गई। मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता का कांग्रेस विरोध कर रही है। शिक्षा की सर्वाधिक दुदर्शा कांग्रेस के शासनकाल में ही हुई है।
प्रदेश के 9 हजार 800 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, 30 हजार से ज्यादा पद खाली
मध्यप्रदेश के 3 हजार 553 प्राथमिक विद्यालय, 5 हजार 162 हाईस्कूल तथा 1 हजार 91 हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल शिक्षक विहीन है। वहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्ष एक से आठवी तक के लिए 30 हजार तीन सौ पद खाली पड़े हुए है। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों के जरिए पढ़ाई की जा रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने विधायक रामनिवास रावत के लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 81 हजार 314 प्राथमिक, 30 हजार 305 माध्यमिक, 3600 हाईस्कूल और 2 हजार 949 हायर सेकेण्डरी स्कूल है। इन स्कूलों में से 9 हजार 806 स्कूलों में कोई भी शिक्षक नहीं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ में 19 हजार 100 संविदा शाला शिक्षक वर्ग तीन ओर 11 हजार 200 संविदा शाला शिक्षक वर्ग दो के पद रिक्त पड़े हुए है। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
BJP विधायक बोले, कब पूरी होंगी CM की घोषणाएं
भोपाल। सीधी जिले में सीएम की घोषणाओं को लेकर आज भाजपा के विधायक केदारनाथ शुक्ल ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए जानना चाहा कि मुख्यमंत्री ने उनके क्षेत्र में जो घोषणाएं की थीं उनमें से कितनी पूरी हो गई है। प्रश्नकाल के दौरान केदारनाथ शुक्ल का कहना था कि सीएम ने आडिटोरियम निर्माण, तीन दिवसीय लोकरंग समेत अन्य घोषणाएं की थी। उन्होंने पूछा कि यह घोषणाएं कब तक पूरी होंगी। इस पर संस्कृति मंत्री सुरेन्द्र पटवा ने बताया कि सीएम 19 घोषणाएं सीधी में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान की थी उनमें से 11 पूर्ण हो चुकी हैं। आठ पर कार्यवाही प्रचलित है। इस पर केदार शुक्ल ने कहा सीएम ने चिकित्सालय में आईसीयू वार्ड बनाने की भी घोषणा की थी, पर अध्यक्ष ने कहा कि आपका सवाल संस्कृति विभाग से जुड़ा था, इसमें यह प्रश्न उद्भूत नहीं होता, इसके लिए आप अलग से चर्चा करें।
वेतन विसंगति दूर करेंगे
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने विधायक कल्याण सिंह ठाकुर के प्रश्न पर आश्वस्त किया है कि नौलास और गुलाबगंज में जिन शिक्षकों के वेतन मामले में विसंगति पाई जाएगी, उसे दूर किया जाएगा। विधायक ने ध्यान आकृष्ट कराया था कि शिक्षकों के वेतनमान में त्रुटियां हैं।
शिकायत मिली तो जांच
स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने विधायक राजकुमार मेव के प्रश्न पर उत्तर दिया कि राष्टÑीय त्यौहारों के दौरान बच्चों को वितरित की जाने वाली मिठाइयों को लेकर गड़बड़ी मिली तो जांच कराई जाएगी।