सिवान। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ द्वारा रविवार को स्थानी टाउन
हॉल में शिक्षक अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से समान
काम के लिए समान वेतन को लेकर हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश को लागू करने की
मांग की गई। ऐसा न होने पर जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी गई।
विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में उच्च न्यायालय पटना द्वारा नियोजित शिक्षकों को समान कार्य समान वेतन देने का फैसला सरकार को मानना ही पड़ेगा। यह निर्णय सरकारी नहीं मानेगी तो कहां जाएगी। जोरदार आंदोलन किया जाएगा। इस संदर्भ में उच्चतम न्यायालय ने पहले ही स्पष्ट निर्णय दिया है। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को जब सदन चलेगा तो समान कार्य समान वेतन पर बहस तय है। यकीन कीजिए कि परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने जिस तरह शिक्षकों की समस्याओं समाधान संघर्ष कर कराया है, उसे बरकरार रखूंगा। विभाग में जब 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले अयोग्य शिक्षकों को रिटायर करने की बात हो रही थी, तब मैंने पूछा कि शिक्षक ही क्यों डीएम-एसपी को क्यों नहीं। उन्होंने कहा मूल्यांकन हो तो शिक्षा पर ही नहीं, बल्कि सभी विभागों का सरकार मूल्यांकन कराएं। दावा किया कि 99 प्रतिशत शिक्षक खरे उतरेंगे, जबकि दूसरे विभाग पांच से 10 प्रतिशत। उन्होंने यह भी
कहा कि सरकार का 98 प्रतिशत काम शिक्षक ही करते हैं। 10 वर्षों में शिक्षा विभाग से हुए केस की समीक्षा करें तो यह साफ हो जाएगा कि 99 प्रतिशत केस में सरकार की हार हुई है। शिक्षकों के हक के लिए हुए संघर्ष का परिणाम आ चुका है। उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन जरूर मिलेगा। शिक्षक बच्चों को समझाने, सिखाने, निखारने और संवारने का काम करते हैं। अगर सरकार कोर्ट का फैसला नहीं मानती है तो उसे भी सबक सिखा देंगे और बता देंगे कि पूरब पश्चिम क्या है। हम सरकार के पक्षधर और सिपाही हैं लेकिन शिक्षकों का मान-सम्मान गिरने नहीं देंगे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि तीन वर्ष से सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबें नहीं मिलीं। इसके बदले सरकार अंडे दे रही है। बिहार में बच्चे बुकलेस और शिक्षक वेतनलेस हैं। उपाध्यक्ष पूनम कुमारी ने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद परिणाम सामने आ चुका है। थोड़ा इंतजार
करें कि सरकार क्या करती है। फैसला हमारे हक में आया है।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष राजेंद्र अकेला, प्रमंडलीय महासचिव विनय कुमार तिवारी, छपरा जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर ¨सह, गोपालगंज जिलाध्यक्ष नीलमणि शाही, प्रभात कुमार ¨सह, सुशील पंडित, राजेश नारायण ¨सह, विनोद उपाध्याय सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में उच्च न्यायालय पटना द्वारा नियोजित शिक्षकों को समान कार्य समान वेतन देने का फैसला सरकार को मानना ही पड़ेगा। यह निर्णय सरकारी नहीं मानेगी तो कहां जाएगी। जोरदार आंदोलन किया जाएगा। इस संदर्भ में उच्चतम न्यायालय ने पहले ही स्पष्ट निर्णय दिया है। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को जब सदन चलेगा तो समान कार्य समान वेतन पर बहस तय है। यकीन कीजिए कि परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने जिस तरह शिक्षकों की समस्याओं समाधान संघर्ष कर कराया है, उसे बरकरार रखूंगा। विभाग में जब 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले अयोग्य शिक्षकों को रिटायर करने की बात हो रही थी, तब मैंने पूछा कि शिक्षक ही क्यों डीएम-एसपी को क्यों नहीं। उन्होंने कहा मूल्यांकन हो तो शिक्षा पर ही नहीं, बल्कि सभी विभागों का सरकार मूल्यांकन कराएं। दावा किया कि 99 प्रतिशत शिक्षक खरे उतरेंगे, जबकि दूसरे विभाग पांच से 10 प्रतिशत। उन्होंने यह भी
कहा कि सरकार का 98 प्रतिशत काम शिक्षक ही करते हैं। 10 वर्षों में शिक्षा विभाग से हुए केस की समीक्षा करें तो यह साफ हो जाएगा कि 99 प्रतिशत केस में सरकार की हार हुई है। शिक्षकों के हक के लिए हुए संघर्ष का परिणाम आ चुका है। उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन जरूर मिलेगा। शिक्षक बच्चों को समझाने, सिखाने, निखारने और संवारने का काम करते हैं। अगर सरकार कोर्ट का फैसला नहीं मानती है तो उसे भी सबक सिखा देंगे और बता देंगे कि पूरब पश्चिम क्या है। हम सरकार के पक्षधर और सिपाही हैं लेकिन शिक्षकों का मान-सम्मान गिरने नहीं देंगे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि तीन वर्ष से सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबें नहीं मिलीं। इसके बदले सरकार अंडे दे रही है। बिहार में बच्चे बुकलेस और शिक्षक वेतनलेस हैं। उपाध्यक्ष पूनम कुमारी ने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद परिणाम सामने आ चुका है। थोड़ा इंतजार
करें कि सरकार क्या करती है। फैसला हमारे हक में आया है।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष राजेंद्र अकेला, प्रमंडलीय महासचिव विनय कुमार तिवारी, छपरा जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर ¨सह, गोपालगंज जिलाध्यक्ष नीलमणि शाही, प्रभात कुमार ¨सह, सुशील पंडित, राजेश नारायण ¨सह, विनोद उपाध्याय सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद थे।